Monday, June 16, 2025
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कांग्रेस ने इजराइल के लोगों पर नृशंस हमले की निंदा की, कहा हिंसा पर लगनी चाहिए रोक…

नई दिल्ली। कांग्रेस ने इजराइल के लोगों पर हमले की निंदा करते हुए रविवार को कहा कि किसी भी तरह की हिंसा कभी कोई समाधान नहीं प्रदान करती और इस पर रोक लगनी चाहिए।
गाजापट्टी में सत्तारूढ़ हमास आतंकवादी संगठन और इजराइल के बीच लड़ाई छिड़ गयी है जिसमें दोनों पक्षों के सैंकड़ों लोग मारे गये हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी का हमेशा यह मानना रहा है कि फलस्तीन के लोगों की वैध आकांक्षाएं वार्ता के माध्यम से अवश्य ही पूरी की जानी चाहिए, वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी इजराइली चिंताओं का भी समाधान सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इजराइल के लोगों पर नृशंस हमले की निंदा करती है।
रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी का हमेशा मानना रहा है कि आत्मसम्मान, समानता और गरिमामय जिंदगी की फलस्तीनी लोगों की वैध आकांक्षाएं वार्ता की प्रक्रिया के माध्यम से अवश्य पूरी की जानी चाहिए, साथ ही, इजराइल की वैध राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का भी समाधान सुनिश्चित हो। हिंसा से कभी भी किसी समस्या का समाधान नहीं होता और हिंसा पर रोक लगनी चाहिए।
इजराइली सेना के अनुसार गाजा पट्टी पर शासन कर रहे हमास के आतंकवादियों ने शनिवार सुबह इजराइल पर 3000 से अधिक रॉकेट दागे। साथ ही, हमास के लड़ाके भूमि, समुद्र और वायुमार्ग से ग्लाइडर की मदद से दक्षिणी इजराइल में दाखिल हो गये और उन्होंने सीमा के समीप कई इजराइली सैनिकों को बंधक बना लिया। इजराइल में सैनिकों समेत कम से कम 350 लोग मारे गये हैं और 1900 से अधिक लोग घायल हुए हैं। गाजा पट्टी में इजराइल के जवाबी हमले में करीब 300 लोगों की जान चली गयी और 1500 लोग घायल हुए हैं।

हमास और इजराइल की लड़ाई में हिजबुल्ला की एंट्री, सैकड़ों लोगों की मौत

तेल अवीव।  इजराइल पर हमास के चरमपंथियों के अप्रत्याशित हमले के एक दिन बाद रविवार को लेबनान के आतंकवादी समूह हिजबुल्ला ने भी एक विवादित इलाके में इजराइल के तीन ठिकानों पर हमला कर दिया जिससे इस संघर्ष के व्यापक पैमाने पर फैलने की आशंका बढ़ गयी है. हमास के चरमपंथियों ने शनिवार को एक प्रमुख यहूदी अवकाश के दौरान इजराइल पर अप्रत्याशित हमला कर दिया, जिसमें 26 सैनिकों समेत कम से कम 300 लोगों की मौत हो गयी और कई लोगों को बंधक बना लिया गया। गाजा में कम से कम 250 लोगों की मौत हो गयी. इजराइली टेलीविजन ने बंधक या लापता इजराइलियों के रिश्तेदारों की कई वीडियो प्रसारित की जो अपने प्रियजनों की जान जोखिम में होने के बीच मदद की गुहार लगाते हुए दिखे. गाजा में सीमा के निकट इजराइली हमलों से बचने के लिए निवासी अपने घरों को छोड़कर भाग गए.

इजराइल के रियर एडमिरल डेनियल हेगारी ने पत्रकारों को बताया कि ‘‘सैकड़ों आतंकवादी’’ मारे गए हैं और कई अन्य को बंधक बना लिया गया है. इजराइल की उत्तरी सीमा पर इस हमले से उसके एक कट्टर शत्रु के युद्ध में शामिल होने का खतरा पैदा हो गया है जिसे ईरान का समर्थन प्राप्त है और उसके पास हजारों रॉकेट होने का अनुमान है. हिजबुल्ला ने सीरिया में इजराइल के कब्जे वाले गोलन हाइट्स के साथ लगती देश की सीमा पर एक विवादित इलाके में इजराइल के ठिकानों पर रविवार को कई रॉकेट दागे और गोलाबारी की. इजराइली सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए एक विवादित इलाके में हिजबुल्ला के ठिकानों पर ड्रोन हमले किए। इस इलाके की सीमा इजराइल, लेबनान और सीरिया से लगती है. हमास चरमपंथियों ने गाजा पट्टी पर एक सीमा बाड़ को तोड़ दिया और नजदीकी इजराइली समुदायों में घुसकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत कई नागरिकों को बंधक बना लिया। वहीं, इजराइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा में कई इमारतें नेस्तनाबूद कर दी और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की कि देश युद्ध लड़ रहा है. हमास ने शनिवार सुबह गाजा पट्टी पर एक सीमा बाड़ को विस्फोटकों से उड़ा दिया और उसके बाहर 22 स्थानों में घुसकर हमला किया। हमास ने इजराइली शहरों पर हजारों रॉकेट दागे. रविवार को इजराइली सेना ने बताया कि उसके सैनिक आठ स्थानों पर हमास के आतंकवादियों से लड़ रहे हैं.

इजराइली सेना ने बताया कि उसने गाजा में 426 ठिकानों पर हमले किए और बड़े-बड़े विस्फोटों से कई रिहायशी इमारतें ढेर कर दीं. फलस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि गाजा पट्टी में 20 बच्चों समेत कम से कम 256 लोगों की मौत हो गयी और करीब 1,800 लोग घायल हुए हैं. इजराइली मीडिया ने बचाव सेवा अधिकारियों के हवाले से बताया कि हमास के हमले में कम से कम 300 लोगों की मौत हो गई और 1,500 से अधिक अन्य घायल हुए हैं। यह इजराइल में हाल के दशकों में हुए सबसे वीभत्स हमलों में से एक है. इजराइल के इस हमले का बदला लेने के संकल्प और हिजबुल्ला के हमलों के कारण इस संघर्ष के गहराने का खतरा बढ़ गया है. इजराइल और हिजबुल्ला कट्टर शत्रु हैं और दोनों ने पहले भी कई बार युद्ध लड़ा है। वर्ष 2006 में 34 दिन तक चले संघर्ष में लेबनान में 1,200 और इजराइल में 160 लोग मारे गए थे. इजराइल की उत्तरी सीमा पर महीनों से तनाव बना हुआ है. हिजबुल्ला ने एक बयान में कहा कि ‘‘फलस्तीनी विरोध’’ के साथ एकजुटता जताने के लिए ‘‘बड़ी संख्या में रॉकेट और विस्फोटकों’’ का इस्तेमाल कर यह हमला किया गया। उसने बताया कि इजराइली ठिकानों को सीधे निशाना बनाया गया. इजराइली सेना ने भी लेबनानी इलाकों में ड्रोन हमले किए. इजराइल के मुख्य भूभाग के बजाय एक विवादित क्षेत्र में उसके ठिकानों पर हमला कर हिजबुल्ला ने संभवत: अपने धुर विरोधी के साथ बड़े पैमाने पर लड़ाई से बचने की कोशिश की है।

इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने शनिवार रात को टेलीविजन पर दिए संबोधन में कहा कि इजराइली सेना हमास की युद्ध क्षमताओं को खत्म करने के लिए हरसंभव उपाय का इस्तेमाल करेगी और ‘‘इस काले दिन का बदला लेगी।’’ उन्होंने आगाह किया कि ‘‘इस युद्ध में वक्त लगेगा। यह मुश्किल होगा।’’ उन्होंने गाजा के निवासियों से कहा, ‘‘अब वहां से निकल जाओ।’’

रात होने के बाद गाजा में इजराइली हमले तेज हो गए। बड़े-बड़े विस्फोटों के जरिये कई रिहायशी इमारतें ढहा दी गईं. शनिवार सुबह इस हमले के स्तर और समय ने इजराइलियों को चौंका दिया। हमास के लड़ाकों ने लंबे समय से अवरुद्ध भूमध्यसागरीय क्षेत्र को घेरने वाली सीमा बाड़ को तोड़ने के लिए विस्फोटकों का इस्तेमाल किया, फिर मोटरसाइकिल, पिकअप ट्रक, पैराग्लाइडर और तेज गति वाली नौकाओं से तट पर पहुंच गए. एक वीडियो में एक सामुदायिक कार्यक्रम में नाच रहे सैकड़ों युवाओं को हमास के आतंकवादियों के इलाके में घुसने और उन पर गोलियां चलाना शुरू करने के बाद भागते हुए देखा गया. शनिवार को मारे गए लोगों में एक वरिष्ठ अधिकारी कर्नल जोनाथन स्टीनबर्ग भी शामिल रहे जिन्होंने इजराइली सेना की एक प्रतिष्ठित इकाई नहल ब्रिगेड की कमान संभाली थी. तेल बर्गमैन के अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रविवार सुबह होने से पहले आतंकवादियों ने गाजा से और रॉकेट दागे और इजराइल के तटीय शहर एश्केलोन में एक अस्पताल को निशाना बनाया. पूरे इजराइल में स्कूल बंद कर दिए गए हैं.

इजराइली सेना ने बताया कि हमास ने 3,500 से अधिक रॉकेट दागे. हमास की सैन्य शाखा के नेता मोहम्मद देइफ ने कहा कि यह हमला गाजा की 16 साल की नाकाबंदी और हाल की कई घटनाओं की प्रतिक्रिया है. पिछले साल इजराइल की धुर-दक्षिणपंथी सरकार ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में बस्तियों का निर्माण तेज कर दिया। इजराइली निवासियों की हिंसा ने वहां सैकड़ों फलस्तीनियों को विस्थापित कर दिया है और यरुशलम के पवित्र स्थल के आसपास तनाव बढ़ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ‘गाजा के हमास चरमपंथियों द्वारा इजराइल के खिलाफ इस भयावह हमले की निंदा की।’ व्हाइट हाउस के एक बयान के अनुसार, बाइडन ने नेतन्याहू से बात की और कहा कि इज़राइल को ‘अपनी और अपने लोगों की रक्षा करने का अधिकार है।’’ इजराइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रहे सऊदी अरब ने एक बयान जारी करके दोनों पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया। उसने कहा कि उसने बार-बार ‘कब्जे (और) फलस्तीनी लोगों को उनके वैध अधिकारों से वंचित किए जाने के परिणामस्वरूप स्थिति के विस्फोटक होने के खतरों’ के बारे में चेतावनी दी थी. यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब न्यायपालिका में आमूल-चूल परिवर्तन के नेतन्याहू के प्रस्ताव को लेकर इजराइल के भीतर भारी विरोध जारी है। योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में हजारों इजराइली प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर गए हैं. गाजा और इजराइल में लड़ाई के बीच फलस्तीनियों ने शनिवार रात को वेस्ट बैंक के आसपास के शहरों में प्रदर्शन किया.

राजस्थान में विधानसभा चुनाव: भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सीधी टक्कर के दिख रहे आसार

जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव की घोषणा होने वाली है। इससे पहले जिस तरह से कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ताबड़तोड़ फैसले कर रही है, उससे साफ है कि वे किसी भी मोर्चे पर खुद को कमजोर नहीं छोड़ना चाहते। जनता के बीच चुनावी रैलियां करने जाएं, उससे पहले गहलोत पूरी चेक लिस्ट बना लेना चाहते हैं। हालांकि, राजनीति के मैदान में मुद्दे हर रोज बदलते हैं और कब-कौनसा मुद्दा चुनाव की दशा और दिशा बदल दे, इसका इतिहास गवाह है। फिर भी इस बार गहलोत, सरकार के काम का लेखा-जोखा अपनी योजनाओं के दम पर रख रहे हैं। सभी कांग्रेस नेता दावा कर रहे हैं कि राजस्थान में कांग्रेस ने बेहतरीन मॉडल का शासन दिया, जिसे कई राज्य अपना रहे हैं।

हालांकि गहलोत सरकार का यह कार्यकाल सरकार चलाने से कहीं ज्यादा सरकार को बचाने वाला ज्यादा कहा जाएगा। सरकार ने अपनी पूरी मशीनरी और पैसा कुर्सी को बचाने और सियासी समीकरणों को साधने में लुटा दिया। यही कारण रहा कि सरकार में मंत्रियों और विधायकों की मनमानी के कई प्रकरण खुले रूप में सामने आए। आमजन में कांग्रेस के विधायकों को लेकर नाराजगी भी खूब दिखी। सरकार ने अपने आखिरी साल में जिस तरह से योजनाओं को ताबड़तोड़ लागू करने में श्रम और पसीना बहाया, उसके दम पर ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सत्ता में वापसी की स्क्रिप्ट लिख रहे हैं।

पर, उनके इस सपने को साकार करने में सबसे बड़ी अड़चन बनकर खड़ा है विपक्षी दल यानी भाजपा। जो प्रदेश में फिर से सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा की कमान अपने हाथ में ले रखी है। पर, हालात इधर भी कमोबेश सत्तारूढ़ पार्टी जैसे ही हैं। जो बड़ा अंतर दोनों दलों के बीच दिख रहा है, वह नेतृत्व को लेकर है। कांग्रेस जहां गहलोत की सदारत में चुनाव लड़ रही है, वहीं भाजपा कमल की छांव के तले जीत का ताना-बाना बुन रही है। ऐसे में वे कौनसे मुद्दे और राजनीतिक समीकरण होंगे, जो एक दल को राजस्थान की कमान थमाएंगे, यहां जानते-समझते हैं।

सुशासन का मॉडल कितना कारगर

गहलोत सरकार ने राजनीतिक संघर्ष और कोविड की त्रासदी के बावजूद प्रदेश में सुशासन का मॉडल लागू करने का प्रयास किया। उन्होंने हर वर्ग को साधते हुए योजनाओं का ताना-बाना बुना। इनमें शिक्षा, चिकित्सा, नवाचार, विकास, बिजली, कृषि जैसे सभी मुद्दों पर काम किया तो किसान, युवा, महिला, गरीब वर्ग को राहत देने का काम किया। ज्यादातर योजनाअों को मुफ्त में लागू कर सरकार ने ये संदेश देने का काम किया कि सरकार प्रदेश की जनता का हर बोझ उठाने का तैयार है। लेकिन मुफ्त की ये याेजनाएं प्रदेश के उस बड़े मध्यम वर्ग को रास नहीं आई, जो टैक्सपेयर्स हैं। इसी तरह पेपरलीक प्रकरण ने युवाओं में सरकार के प्रति नाराजगी को बढ़ाया। इस गुस्से को और बढ़ाने का काम छात्रसंघ चुनाव नहीं करा कर किया। महिला अपराधों की संख्या ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। उदयपुर का कन्हैयालाल हत्याकांड हो या करौली में जिंदा जलाए गए पुजारी बाबूलाल वैष्णव, इन मुद्दों ने सरकार की बड़ी किरकिरी की। फिर जयपुर में मॉब लिंचिग का शिकार बने अल्पसंख्यक समुदाय के युवक को राहत देने में सरकार ने जो जल्दबाजी दिखाई, उसने भी मुसीबतों को बढ़ाने का काम किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान ने भी गहलोत सरकार के दावों पर सवाल खड़े किए। राहुल ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी, क्योंकि मुकाबला कड़ा है।

सीएम गहलोत का समर्थन करने वाला कोई नहीं

पूरे पांच साल सरकार बचाने में जुटे रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनावी रण में भी फिलहाल अकेले ही दिख रहे हैं। वे अपनी योजनाओं के दम पर प्रदेश में फिर सत्ता वापसी का लगातार दावा कर रहे हैं। लेकिन, उनके साथ दूसरा बड़ा चेहरा इस रण से पार पाने में अभी नहीं दिख रहा है। प्रदेश में चहुंओर वे भी लगातार मैराथन दौरे कर रहे हैं। चुनाव आचार संहिता लगने से पहले वे अपनी जीत पुख्ता करना चाह रहे हैं, ऐसे में वे सभी वर्गों को साधने के लिए लगातार घोषणाएं कर रहे हैं। वहीं गुटबाजी से जूझ रही भाजपा को फिलहाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से करिश्मे की उम्मीद है, जिससे सत्ता सुख पाया जा सके। इसलिए पीएम भी लगातार राजस्थान के दौरे कर गहलोत को निशाना बना रहे हैं। पीएम के समर्थन में तो उनके कई नेता आ रहे हैं, वहीं गहलोत का समर्थन करने वाला कोई नहीं है।

राजस्थान में तो हर पांच साल में बदलती है सरकार

प्रदेश में हर पांच साल में सरकार बदलने का चलन है। बीते 3 दशकों के चुनावी इतिहास को देखें तो राजस्थान की जनता ने यही जनादेश भाजपा और कांग्रेस को दिया है। इस बार भी कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को सत्ता विरोधी लहर का सामना तो करना ही पड़ रहा है। इसके पीछे मंत्री और विधायकों की मनमानी भी बड़ा कारण है। इनको मुख्यमंत्री ने भी खुली छूट दी, क्योंकि इन्होंने उनकी सरकार को बार-बार बचाने में मदद की। ऊपर से सरकार पूरे कार्यकाल में गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान में फंसी रही। लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत ने अपने राजनीतिक अनुभव से हर माेर्चे की कमजोरी को कस दिया। साथ ही केन्द्र सरकार से जुड़े सभी मसलों पर भी दमदार तरीके से काउंटर भी किया है। फिलहाल कांग्रेस का घर दुरुस्त है। वहीं भाजपा में गुटबाजी अौर अन्तर्कलह साफ तौर पर दिख रही है। मोदी और केन्द्रीय नेतृत्व के भरोसे भाजपा का प्रदेश में सत्ता भविष्य टिका है। ऐसे में भाजपा को सत्ता विरोधी लहर का कितना फायदा मिलेगा, ये तो चुनाव के नतीजों के बाद सामने आएगा।

कितना भुना पाएंगे तुष्टिकरण को

प्रदेश में सत्ता वापसी और डबल इंजन की सरकार बनाने के लिए भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ रही। लेकिन इसके लिए जनता का भरोसा जीतना सबसे बड़ा काम हाेगा। भाजपा को कांग्रेस के मुद्दों का जमीनी सच बताना होगा। हालांकि प्रधानमंत्री से लेकर नीचे तक के कार्यकर्ता लाल डायरी (भ्रष्टाचार), तुष्टिकरण और हिन्दुत्व विरोधी जैसे मुद्दों को लेकर ज्यादा जोर दे रहे हैं। पर, चुनाव लड़ने के लिए ठोस रणनीति तो जनता के बीच लेकर जानी ही होगी, क्योंकि पार्टी की सबसे बड़ी परेशानी मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर है। जनता को जब ये ही पता नहीं होगा कि जिस सेनापति को उन्हें समर्थन देना है उसका कोई नाम नहीं, केवल पहचान (कमल का फूल) है तो सवाल तो खड़े होंगे ही। इसी तरह से भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और हिन्दुत्व विरोधी मुद्दे भाजपा को कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में भारी पड़ गए। वहां हिन्दू मतदाताओं की संख्या अधिक होने के बावजूद वे सरकार नहीं बचा पाए। ऐसे में राजस्थान में यही मुद्दे जनता को कितना आकर्षित कर पाएंगे, इस पर सबकी नजरें रहेंगी। हालांकि भाजपा यहां पर केन्द्र के विकास मॉडल को रखने का पूरा प्रयास कर रही है। मोदी फैक्टर भी खास होगा। क्योंकि, अगले साल लोकसभा चुनाव है। भाजपा चाहेगी कि गत दो चुनावों की तरह जनता मोदी को राजस्थान से पूरा आशीर्वाद दे और तीसरी बार उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल शुरू करने का अवसर दे।

Rajasthan Election : सरदारपुरा से अशोक गहलोत को चुनौती दे सकते है गजेंद्र सिंह शेखावत !

जयपुर। राजस्थान में पिछले एक साल से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच चल रही जुबानी जंग में केंद्रीय मंत्री ने एक बार फिर आग में घी डाल दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अगर मुझसे सार्वजानिक माफी मांगते हैं तो मैं भी विचार करूंगा. शेखावत बोले कि मुख्यमंत्री मेरे से बड़े हैं, मेरे ग्रह क्षेत्र के सम्मानीय नेता हैं और अगर वो सार्वजानिक माफी मांगते हैं तो मुझे भी विचार करना चाहिए, दरसल यह बात केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री पर चल रहे मानहानि के

मुकदमे के सन्दर्भ में कही.

संजीवनी पर सीएम गहलोत गजेंद्र पर हमलावर

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस से बातचीत में केंदीय मंत्री को संजीवनी सोसाइटी का दोषी बताया था, इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने शेखावत के पूरे परिवार को नाम लेकर इसमे शमिल किया था, मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद केंदीय मंत्री शेखावत ने मुख्यमंत्री पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। दोनों नेताओं के बीच तीखी टिप्पणियों का दौर निरंतर चलता रहता है, मुख्यमंत्री लगभग हर सभा में केंदीय मंत्री को ईआरसीपी का दोषी करार देते है, मुख्यमंत्री ने अपने बयान में केंदीय मंत्री शेखावत को नाकारा और निकम्मा तक भी कहा था, राजनीतिक जानकर कहते है कि दोनों के बीच की इस तकरार के पीछे की वजह दोनों ही नेताओ का जोधपुर से होना है, चुकी दोनों नेता जोधपुर से है और जिस रफ्तार से गजेंद्र सिंह का कद बड़ा है मुख्यमंत्री को वो खासा रास नहीं आया, जिसके चलते दोनों नेताओ के बीच की दूरी बड़ती चली गई है. शेखावत के इस बयान को राजनीतिक गलियारों में एक सोचा समझा बयान माना जा रहा है क्योंकि चर्चा चल रही है कि पार्टी शेखावत को सरदारपुरा से विधानसभा चुनाव लड़ा सकती है मुख्यमंत्री गहलोत के सामने इसलिए मुख्यमंत्री को एक बार फिर से उकसाने के लिए शेखावत का यह बयान ही काफी है.

ICC Cricket World Cup 2023: न्यूजीलैंड का मुकाबला आज नीदरलैंड से

हैदराबाद। सोमवार को विश्व कप में न्यूजीलैंड की टक्कर नीदरलैंड से होगी. इससे पहले न्यूजीलैंड ने गुरुवार को पहले मैच में इंग्लैंड को नौ विकेट करारी हार दी थी. इंग्लैंड ने नौ विकेट पर 282 रन बनाये थे जिसे न्यूजीलैंड ने 36 . 2 ओवर में हासिल कर लिया था. इस मैच में डेवोन कोंवे (नाबाद 152) और रचिन रविंद्र (123 नाबाद ) ने आक्रामक पारियां खेली. न्यूजीलैंड ने यह मैच कप्तान केन विलियमसन के बिना खेला था. आईपीएल के दौरान लगी चोट के कारण विलियमसन पहला मैच नहीं खेल सके .न्यूजीलैंड के मुख्य कोच गैरी स्टीड ने संकेत दिया कि विलियमसन डच टीम के खिलाफ मैच के लिये भी पूरी तरह फिट नहीं है । ऐसे में टॉम लाथम ही कप्तानी की बागडोर संभालेंगे .

केन की हालत में सुधार

स्टीड ने रविवार को कहा ,‘‘ केन तेजी से ठीक हो रहा है लेकिन अभी फील्डिंग करने की स्थिति में नहीं है. हमें यकीन है कि वह तीसरा मैच खेलेगा. अभ्यास सत्र के बाद हम अंतिम एकादश फाइनल करेंगे. जहां तक केन का सवाल है तो हमें उम्मीद है कि वह तीसरे मैच से खेल सकेगा . अनुभवी तेज गेंदबाज टिम साउदी का चुना जाना भी तय नहीं है क्योंकि वह अंगूठा टूटने के बाद उबर नहीं सके हैं. तेज गेंदबाज लॉकी फर्ग्युसन फिटनेस टेस्ट में खरे उतरने पर खेल सकेंगे. डच टीम को पहले मैच में पाकिस्तान ने 81 रन से हराया. वैसे डच टीम ने पावरप्ले में पाकिस्तान के तीन विकेट चटका दिये थे. उसके सलामी बल्लेबाज विक्रमजीत सिंह और बास डी लीडे ने अर्धशतक भी बनाये .दोनों टीमों के बीच इस प्रारूप में अब तक चार मुकाबले हुए हैं जिसमें न्यूजीलैंड विजयी रही.

दोनो टीमों की प्लेइंग इलेवन :

नीदरलैंड: स्कॉट एडवर्ड्स (कप्तान), मैक्स ओडोड, बास डी लीडे, विक्रम सिंह, तेजा निदामानुरू, पॉल वैन मीकेरेन, कॉलिन एकरमैन, रोलोफ वान डेर मर्व, लोगान वैन बीक, आर्यन दत्त, रेयान क्लेन, वेस्ली बारेसी, साकिब जुल्फिकार , शारिज अहमद और साइब्रांड एंजेलब्रेक्ट

न्यूजीलैंड : टॉम लाथम ( कप्तान और विकेटकीपर ), डेवोन कोंवे, विल यंग, केन विलियमसन ( पहले मैच में उपलब्ध नहीं ), मार्क चैपमैन, डेरिल मिशेल, जेम्स नीशाम, ग्लेन फिलिप्स, रचिन रविंद्र, मिशेल सेंटनेर, ईश सोढी, टिम साउदी, ट्रेंट बोल्ट, लॉकी फर्ग्युसन, मैट हेनरी ।

भूकंप से कांपा अफगानिस्तान, मरने वाले की संख्या हुई 2000

इस्लामाबाद। पश्चिमी अफगानिस्तान में आए शक्तिशाली भूकंप में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 2,000 तक पहुंच गई है. तालिबान के एक प्रवक्ता ने बताया कि 465 मकान जमींदोज हो गए हैं और 135 क्षतिग्रस्त हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने कहा, ‘‘कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका की खबरों के बीच तलाश एवं बचाव अभियान जारी रहने के कारण साझेदारों तथा स्थानीय प्राधिकारियों ने मृतकों की संख्या बढ़ने का अनुमान जताया है।’’

लगातार आए तीन झटके

आपदा प्राधिकरण के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुल्ला जन ने बताया कि भूकंप और उसके बाद आए झटकों का सबसे ज्यादा असर हेरात प्रांत के जेंदा जन जिले के चार गांवों पर पड़ा है. अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप का केंद्र हेरात शहर से करीब 40 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था। इसके बाद 6.3, 5.9 और 5.5 तीव्रता के तीन भूकंप के झटके भी महसूस किए गए.

Rajasthan:  राजस्थान में होगा जाति आधारित सर्वेक्षण, राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने जारी किया आदेश

जयपुर। सीएम गहलोत ने शनिवार को जाति आधारित सर्वे को मंजूरी दी. अब राज्य सरकार सभी वर्गो के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वेक्षण को  कराएगी. सर्वेक्षण में राज्य के समस्त नागरिकों के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्तर के सम्बंध में जानकारी एवं आकंडे़ एकत्रित किए जाएंगे. राज्य सरकार द्वारा इनका विशेष अध्ययन कराकर वर्गों के पिछडे़पन की स्थिति में सुधार लाने के लिए विशेष कल्याणकारी उपाय और योजनाएं लागू की जाएगी. इससे सभी वर्गों के जीवन स्तर में सुधार आएगा। राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय की अनुपालना में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा द्वारा इस सम्बंध में आदेश जारी किया गया है.

आयोजना विभाग को बनाया गया है नोडल विभाग

सर्वेक्षण कार्य आयोजना (आर्थिक एवं सांख्यिकी) विभाग द्वारा नोडल विभाग के रूप में सम्पादित किया जाएगा. साथ ही, सभी जिला कलेक्टर सर्वेक्षण के लिए नगर पालिका, नगर परिषद, नगर निगम, ग्राम एवं पंचायत स्तर पर विभिन्न विभागों के अधीनस्थ कार्मिकों की सेवाएं ले सकेंगे. कार्य के लिए नोडल विभाग द्वारा प्रश्नावली तैयार की जाएगी. इसमें उन समस्त विषयों का उल्लेख होगा, जिससे प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्तर की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके.

ऑनलाइन एकत्रित होंगी सूचनाएं

सर्वेक्षण से प्राप्त सूचनाएं एवं आंकड़े ऑनलाइन फीड किए जाएंगे. इसके लिए सूचना, प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा पृथक से विशेष सॉफ्टवेयर एवं मोबाइल एप बनाया जाएगा. सर्वेक्षण से प्राप्त संकलित की गई सूचनाएं विभाग सुरक्षित रखेगा.

पटाखा दुकान में लगी आग, हादसे में 12 लोगों की मौत

बेंगलुरु।  बेंगलुरु के अनेकल तालुक के अट्टीबेले इलाके में शनिवार को एक पटाखा दुकान में आग लगने से 12 लोगों की जलकर मौत हो गई. पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि हादसे में दुकान मालिक सहित चार लोग झुलस गए, जिनका इलाज चल रहा है. पुलिस ने गंभीर रूप से घायल को अस्पताल में रेफर कर दिया है.  हादसे में मृतकों में ज्यादातर पटाखा गोदाम-सह-दुकान में काम करने वाले कर्मचारी थे, उनकी पहचान सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं. बेंगलुरु ग्रामीण के एसपी मल्लिकार्जुन बालादंडी ने कहा, ‘‘जिस वक्त आग लगी उस वक्त कुछ कर्मचारी दुकान के अंदर काम कर रहे थे. हमने अब तक मौके से 12 जले हुए शव बरामद किए हैं. इन सभी को अस्पताल ले जाया गया है. दुकान के भीतर अन्य कर्मचारियों के फंसे होने की आशंका के बीच तलाशी अभियान अब भी जारी है.

दमकल की 5 गांडियों ने पाया आग पर काबू

उन्होंने बताया, ‘दमकल की पांच गाड़ियां मौके पर मौजूद हैं और आग पर काबू पा लिया गया।’ प्रारंभिक जांच में पता चला है कि घटना के वक्त दुकान में करीब 12 से 15 लोग काम कर रहे थे. फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी टीम के विशेषज्ञ भी जांच के लिए घटनास्थल पर गए हैं. उन्होंने बताया कि आग लगने के सही कारणों की पड़ताल की जा रही है. पुलिस ने बताया कि दीपावली के मद्देनजर लाखों रुपये के पटाखे रखे हुए थे, जिसमें आग लग गई और विस्फोट होने लगा. अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भी घटनास्थल का दौरा करने की उम्मीद है.

सीएम ने जताया हादसे पर दुख

राज्य के सीएम सिध्दरमैया ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘यह खबर सुनकर मुझे बहुत गहरा दु:ख हुआ कि बेंगलुरु के अनेकल के पास एक पटाखा दुकान में आग लगने से 12 लोगों की मौत हो गई. मैं कल दुर्घटनास्थल जाउंगा और उसका निरीक्षण करुंगा। मृतकों के परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं.

Israel Hamas Conflict : 22 लोगों की मौत, नेतन्याहू ने जनता से कहा-हम युद्धरत हैं…

यरूशलम। गाजा पट्टी में सत्तारूढ़ हमास ने शनिवार तड़के इजराइल पर अभूतपूर्व हमला करते हुए भारी संख्या में रॉकेट दागे। साथ ही कई हमास लड़ाकों ने इजराइली सीमा में घुसपैठ को अंजाम दिया। हमले के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को देश की जनता से कहा कि हम युद्धरत हैं। घुसपैठ के 6 घंटे बीत जाने के बाद भी हमास चरमपंथियों और इजराइली इलाकों में उनकी सेना से मुठभेड़ जारी है।

इजराइल की राष्ट्रीय बचाव सेवा ने शनिवार को कहा कि हमास के हमले में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। दक्षिणी इजराइली शहर बिर्शेबा में सोरोका चिकित्सा केंद्र ने कहा कि वह कम से कम 280 घायलों का इलाज कर रहा है, जिनमें से 60 की हालत गंभीर है। गाजा में हताहतों के संबंध में कोई आधिकारिक सूचना नहीं है। हालांकि, एसोसिएटेड प्रेस के संवाददाताओं ने 15 लोगों के अंतिम संस्कार को देखा, जिनकी इस लड़ाई में मौत हुई। वहीं, स्थानीय अस्पताल में 8 शव लाए गए हैं। यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि ये मृतक सैनिक थे या आम नागरिक।

सोशल मीडिया पर हमास लड़ाकों के कई वीडियो प्रसारित हो रहे हैं, जो चोरी हुए इजराइली सैन्य वाहनों को सड़कों पर घुमाते देखे जा सकते हैं। एक वायरल वीडियो में गाजा के भीतर एक इजराइली सैनिक के शव को फलस्तीनियों की गुस्साई भीड़ द्वारा घसीटते हुए देखा जा सकता है। इजराइली सेना और घुसपैठियों के बीच लड़ाई जारी है। सेना ने हताहतों या नागरिकों के अपहरण के बारे में विवरण साझा नहीं किया है। हमास के अभूतपूर्व रॉकेट हमले के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने देश की जनता से कहा कि हम युद्धरत हैं। हमास की तरफ से भारी संख्या में रॉकेट दागे जाने और दक्षिणी इजराइल में चरमपंथियों की घुसपैठ के बाद नेतन्याहू ने टेलीविजन पर अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने दावा किया कि हमास ऐसी कीमत चुकाएगा, जैसा उसने सोचा भी न होगा।

नेतन्याहू ने कहा हम युद्धरत हैं। अभियान नहीं, बल्कि युद्ध छिड़ गया है। हमास की तरफ से जबरदस्त हमले के बाद नेतन्याहू और उनके गठबंधन सहयोगियों की आलोचना तेज हो गई है, जिन्होंने गाजा से खतरों के खिलाफ अधिक आक्रामक कार्रवाई का अभियान चलाया था। राजनीतिक विश्लेषकों ने योजना और समन्वय के स्तर पर हमास हमले का अनुमान लगाने में विफलता पर सरकार की आलोचना की। इजराइली बचाव और राहत सेवाओं के प्रभारी मैगन डेविड एडोम ने कहा कि आज सुबह दक्षिणी और मध्य इजराइल पर रॉकेट हमलों में 60 वर्षीय महिला की मौत हो गई और 16 अन्य लोग घायल हो गए।

बचाव सेवा में लगे अधिकारियों ने बताया कि घायलों में से 2 लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। इजराइली मीडिया के मुताबिक, दक्षिणी इजराइल में कई घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गाजा में फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने संख्या बताए बिना कहा कि कई नागरिक घायल हैं। इजराइली सेना ने बताया कि उसके सैनिक कम से कम 7 जगहों से घुसपैठ करने वाले हमास लड़ाकों के साथ लड़ रहे हैं। नौसेना ने कहा कि हमास लड़ाकों ने हवाई और समुद्री रास्तों से घुसपैठ को अंजाम दिया है।

हमास की सैन्य शाखा के एक नेता का कहना है कि सशस्त्र समूह ने इजराइल के खिलाफ एक नया सैन्य अभियान शुरू किया है। एक सार्वजनिक बयान में, मोहम्मद दीफ ने कहा कि ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म शुरू करते हुए शनिवार तड़के इजराइल में 5,000 रॉकेट दागे गए।

हमास के सैन्य नेता ने सभी फलस्तीनियों से इजराइल का मुकाबला करने का आग्रह करते हुए कहा हमने यह कहने का निर्णय लिया है कि अब बहुत हो गया। इजराइल के रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवादी समूह हमास ने इजराइल के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। उन्होंने दावा किया कि इस युद्ध में इजराइल जीतेगा। तेल अवीव में इजराइली सैन्य मुख्यालय में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने चेतावनी दी कि हमास ने आज सुबह दक्षिणी और मध्य इजराइल में रॉकेट हमला करके बड़ी गलती की है।

मुझे न करें हतोत्साहित… अक्षय कुमार ने क्यों कहा ऐसा, जानें…

मुंबई। अभिनेता अक्षय कुमार का कहना है कि वह अपने दर्शकों से ऐसी फिल्में बनाने के लिए प्रेरणा चाहते हैं जो सामाजिक बदलाव लाती हो, भले ही सिनेमाघरों पर इन फिल्मों का प्रदर्शन कैसा भी हो। अक्षय कुमार (56) की नई फिल्म मिशन रानीगंज शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। अभिनेता ने कहा कि हिंदी सिनेमा एक अच्छे दौर से गुजर रहा है जहां व्यावसायिक और सामग्री-आधारित दोनों फिल्में अच्छा कारोबार कर रही हैं।

अक्षय कुमार ने यहां एक समूह साक्षात्कार में कहा हम बहुत अच्छे दौर से गुजर रहे हैं जहां लोग हर तरह की फिल्में कर रहे हैं। मैंने दोनों तरह की फिल्में (कंटेंट और मसाला एंटरटेनर) की हैं। यह सोचकर फिल्म (‘मिशन रानीगंज’) पर दबाव न डालें कि यह कैसा कारोबार करेगी। मैं उस तरह की फिल्म (व्यावसायिक) कर सकता हूं और उस तरह के नंबर भी पा सकता हूं। लेकिन मैं ऐसी फिल्म करके खुश हूं जो समाज में बदलाव लाती है।

अभिनेता ने अपनी फिल्मों – ‘‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’’ (2017) और ‘‘पैडमैन’’ (2018) का उदाहरण दिया और कहा कि जब उन्होंने इन फिल्मों को साइन किया था, तो उनके फैसले को लेकर कई लोगों ने हैरानी जताई थी।

अक्षय ने कहा जब मैंने ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ बनाई, तो हर किसी ने मुझसे कहा कि यह किस तरह का शीर्षक है। मुझसे कहा गया, ‘क्या तुम पागल हो? जो शौचालय जैसे विषय पर फिल्म बनाता है। उन्होंने कहा कृपया यह सोचकर मुझे हतोत्साहित न करें कि यह (मेरी फिल्म) क्या कारोबार करेगी। मुझे हिम्मत दीजिए कि कम से कम इस तरह की फिल्में तो बन रही हैं और ऐसी फिल्मों को हम अपने बच्चों को दिखा रहे हैं।

उनकी पिछली फिल्म ‘‘ओएमजी 2’’ नेटफ्लिक्स पर प्रसारित होना शुरू हो गई है और अभिनेता ने कहा कि उन्हें खुशी है कि यह फिल्म अब देश के युवाओं तक पहुंचेगी। यह फिल्म 11 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। अक्षय ने कहा मैंने इसे युवाओं के लिए बनाया है और मुझे खुशी है कि यह कल नेटफ्लिक्स पर आ रही है। महत्वपूर्ण बात यह है कि लोगों को इसके बारे में पता होना चाहिए।

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