Saturday, June 21, 2025
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राज्य सरकार मुझे अंधेरे में रख रही, विधायिका का अन्य उद्देश्यों के लिए कर रही है इस्तेमाल : राज्यपाल खान

तिरुवनंतपुरम। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार विधायिका का इस्तेमाल उसके निर्धारित कार्यों से इतर अन्य उद्देश्यों के लिए कर रही है और उन्हें विभिन्न मुद्दों पर अंधेरे में रख रही है। उच्चतम न्यायालय ने हाल में टिप्पणी की थी कि राज्य सरकार और राज्यपाल को समन्वय से काम करना चाहिए। इस बारे में संवाददाताओं के पूछे जाने पर खान ने टिप्पणी की, निश्चित तौर पर उन्हें करना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि तब क्या किया जाए जब उन्हें अंधेरे में रखा जाता है या जब विधायिका का इस्तेमाल उसके लिए निर्धारित कार्यों से इतर उद्देश्य के लिए किया जाता है।

राज्यपाल ने कहा, जब आप शुरुआत से ही विधायिका का इस्तेमाल उसके तय कार्यों से इतर उद्देश्य के लिए करने लगें, आप राज्यपाल को अंधेरे में रखें, आप अपने न्यायाधिकार क्षेत्र से परे के कानून पारित करें। तब क्या किया जाए? जब आप चाहते हैं कि मैं किसी ऐसे मामले में अपनी सहमति दूं जो निश्चित तौर पर उसके न्यायाधिकार से बाहर का है, तब क्या किया जाए? खान ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने जो कहा है उसका सभी को सम्मान करना चाहिए और उसका अनुपालन करना चाहिए लेकिन यह फैसले के रूप में होना चाहिए। मैं उनके द्वारा कहे गए कुछ कथनों पर टिप्पणी नहीं करूंगा क्योंकि मामला दूसरा है। यहां फैसले पर टिप्पणी का सवाल नहीं है। उच्चतम न्यायालय जो भी फैसला करेगा उसको लागू करना हम सभी का कर्तव्य है।

कुछ विधेयकों को रोके जाने के मुद्दे पर खान ने कहा, नैसर्गिक है, कोई भी कुछ ऐसा करने को नहीं कहेगा जो कानून का उल्लंघन करता है। मैंने बार-बार यह कहा है। खान ने कहा कि लोकायुक्त विधेयक में आप स्वयं अपने न्यायाधीश नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा, आप स्वयं के बारे में निर्णय लेने की इच्छा करके न्यायशास्त्र के मूल सिद्धांत का उल्लंघन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय से जुड़े विधेयकों पर खान ने सवाल उठाते हुए कहा कि विधेयक में जिन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति की बात कही गई है, उनके द्वारा किए जाने वाले खर्च को कौन वहन करेगा, इससे संबंधित प्रावधान कहां हैं?

उन्होंने सवाल किया, अगर किसी तरह का व्यय होना है तो उसे धन विधेयक माना जाएगा या नहीं? अगर यह धन विधेयक है तो पहले राज्यपाल की अनुमति चाहिए या नहीं? राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह कहा था कि उसने खान के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया है क्योंकि उन्होंने विधानसभा से पारित कुछ विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं कर अपने संवैधानिक कर्तव्य का निवर्हन नहीं किया।

कांग्रेस सरकार ने राजस्थान को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, प्रदेश में गरजे गृहमंत्री अमित शाह

जयपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि इसने पांच साल के कार्यकाल में राज्य को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शाह ने कांग्रेस सरकार को ‘सबसे भ्रष्ट सरकार’ बताया। विधानसभा चुनाव की रंगत परवान चढ़ते ही केन्द्रीय गृहमंत्री शाह ने राजस्थान में तूफानी दौरे किए। एक ही दिन में तीन सभाएं मकराना, परबतसर और नावां में कीं। तीनों स्थानों पर उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा, पांच साल अशोक गहलोत की सरकार चली और इस सरकार ने इस वीर भूमि को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सबसे भ्रष्ट सरकार अगर कहीं पर रही है तो वह यहां है। राजस्थान की सरकार सबसे भ्रष्ट है।

लाल रंग को देखकर बिफर जाते हैं मुख्यमंत्री गहलोत

कथित ‘लाल डायरी’ प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत पर कटाक्ष करते हुए शाह ने कहा, लाल कलर देखकर गहलोतजी भड़क जाते हैं। कुछ भी लाल हो, गहलोत जी को लाल डायरी ही नजर आती है, और कुछ नजर नहीं आता। शाह ने विभिन्न विभागों में घोटालों का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां खनन विभाग में 66 हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया और जल जीवन मिशन के नाम पर 20,000 करोड़ रुपए खा गए। ‘गहलोत जी ने तुष्टिकरण की राजनीति की सारी सीमाएं लांघ दी। भाजपा नेता ने कहा, चाहे बिजली देनी हो, स्वास्थ्य सुरक्षा ठीक करनी हो या कानून व्यवस्था ठीक करनी हो, ये काम केवल और केवल कमल फूल की सरकार कर सकती है, भाजपा सरकार कर सकती है।

भाजपा के राज में पेपरलीक होना बंद हो जाएगा

शाह ने कहा कि राज्य सरकार ने पेपर लीक मामले में विश्व रिकार्ड बनाया है। उन्होंने कहा, आप कमल फूल की सरकार बना दीजिए, आने वाले दिनों में हम ऐसी व्यवस्था करेंगे कि राजस्थान में एक भी पेपर लीक नहीं होगा। उन्होंने कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए दावा किया कि कांग्रेस पार्टी ना देश को सुरक्षित रख सकती है, न देश को समृद्ध कर सकती है, न देश को दुनिया में गौरव दिला सकती है। उन्होंने कहा ‘‘नरेन्द्र मोदी ने नई संसद बनाई, कर्तव्य पथ बनाया.. भारत के तिरंगे को चंद्रमा पर ले जाने का काम मोदी जी ने किया है। राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 25 नवंबर को होगा जबकि वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।

राजधानी जयपुर में गुण्डाराज, चुनाव के शोर में खोया पुलिस का खौफ, सरेआम कॉलेज बस में फैलाई दहशत

जयपुर। लगता है राजस्थान की राजधानी का पुलिस प्रशासन चुनाव के कामकाज संभालने में इतना व्यस्त है कि उसने आमजन की सुध लेना बंद कर दिया। तभी तो बीच सड़क मामूली झगड़े के बाद मचे बवाल को संभालने के लिए न ताे पुलिस आई और न ही कोई अन्य मदद। आधे घंटे तक शहर की जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी (इंजीनियरिंग कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर) की बस में तोड़-फोड़ होती रही और बस के अंदर फंसे 30 छात्र-छात्राएं मदद के लिए चीख-पुकार मचाते रहे, लेकिन उनके दर्द को सुनने के लिए कोई आगे नहीं आया।

मामला बीती रात को मानसरोवर मेट्रो स्टेशन के पास घटा। यहां जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी की बस और कार में टक्कर हो गई। हादसे में कार का शीशा टूट गया। इसके बाद दोनों वाहन चालकों के बीच जो बहस शुरू हुई वह इतनी बिगड़ गई कि कार में सवार लोगों और उसके जानकारों ने बस पर हमला कर दिया। जानकारी के अनुसार चालक बस को लेकर आगे बढ़ा ही था कि कार ड्राइवर ने उसे रूकवा लिया। इसके बाद कार सवार और कुछ अन्य लोगों ने पत्थरों और लोहे की रॉड से बस पर हमला कर दिया। बस में 25 से अधिक विद्यार्थी बैठे थे। अचानक हुए पथराव से वे डर गए। बस पर हमले को देखकर वे बस की गैलेरी में दुबक गए, जिससे कांच टूटने या पत्थर लगने से उनको चाेट नहीं पहुंचे। यह घटना गंगा जमुना पेट्रोल पम्प के पास घटी

क्या कुछ घटा मौके पर, जानें ड्राइवर की जुबानी

जेईसीआरसी के बस ड्राइवर देवी सिंह खंगारोत ने बताया वह सेकेंड ईयर के 30 विद्यार्थियों को लेकर कॉलेज से निकला था। मानसरोवर मेट्रो स्टेशन के नीचे लाल बत्ती होने पर वहां रूक गया। इसी दौरान पीछे से आ रही एक कार ने बस को टक्कर मार दी। टक्कर मारने के बाद कार सवार महिला और पुरुष बस में घुसे और मुझको गालियां दीं। इसके बाद कार चालक ने कुछ लोगों को फोन करके बुला लिया। फिर 6-7 लोगों ने बस में जमकर तोड़फोड़ की। इस घटना से विद्यार्थी काफी डर गए। मामला और बिगड़ता देख चालक बस को श्याम नगर थाने लेकर चला गया। यहां पुलिस की मौजूदगी में छात्रों को बस से नीचे उतारा। थाने में शिफ्ट किया। इसके बाद उन्होंने परिजनों को फोन कर थाने बुलाया। सबके चले जाने के बाद चालक बस लेकर मानसरोवर थाने पहुंचा। पुलिस को शिकायत दी।

100 नंबर पर कॉल करने के बाद भी नहीं मिली मदद…

बस चालक ने बताया कि घटना के दौरान छात्रों ने 100 नंबर डॉयल कर पुलिस को जानकारी दी। करीब 30 मिनट तक बस चालक ने पुलिस का इंतजार किया, लेकिन मौके पर नहीं पहुंची। इसी दौरान कार चालक के साथ आए बदमाशों ने बस पर पत्थरों और डंडों से पथराव कर बस के शीशे तोड़ दिए। बदमाशों के हमले से बच्चे इतने घबरा गए की वो बस की सीटों के नीचे छिप गए।

बस में बैठे स्टूडेंट्स ने बनाया वीडियो…

बस में बैठे स्टूडेंट्स ने इस घटना का वीडियो बना लिया। वीडियो में कार चालक रवि मीणा बस के आगे आकर चालक देवी सिंह को गालियां दे रहा है। एक व्यक्ति रवि बस चालक को देख लेने की धमकी दे रहा। बस पर हाथ से बार-बार मारता रहा। कुछ ही देर में उसके साथ कुछ और लोग भी हो गए और उन सब ने बस पर पथराव और डंडों से हमला किया। छात्रों ने बताया- अचानक से हुई इस घटना से वे डर गए। लोगों ने अचानक से बस पर पथराव करना शुरू किया। बड़ी संख्या में लोगों ने बस पर पथराव किया। घर जाकर परिवार को घटना की जानकारी दी। बालों और कपड़ों से कांच के टुकड़े निकाले। कुछ समय के लिए लगा जैसे आज जान चली जाएगी। किसी ने यह भी नहीं सोचा की बस में हम बैठे हुए हैं। उन्हें चोट लग जाएगी तो क्या होगा?

बच्चों को दूसरे वाहनों से घर भेजा…

मानसरोवर थानाधिकारी रण सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर मानसरोवर और श्याम नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस दोनों पक्षों को थाने लेकर आई। छात्र-छात्राओं को दूसरे वाहन से उनके घर भेजा गया। जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी की बस के चालक देवी सिंह और कार चालक रवि मीणा की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ मामले दर्ज कराए गए हैं। दोनों की ओर से दी गई शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर जांच कर ली हैं। दोनों वाहनों को जब्त कर लिया गया है।

PFI को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका, बैन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

नई दिल्ली। देश विरोधी गतिविधियों के लिए UAPA के तहत प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा। शीर्ष न्यायालय ने पीएफआई की याचिका सुनने से मना कर दिया है। PFI ने याचिका में बैन को चुनौती दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सुनने से इनकार करते हुए कहा कि ये मामला पहले हाईकोर्ट में जाना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता है। केंद्र के प्रतिबंध की पुष्टि करने वाले यूएपीए ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ पीएफआई ने याचिका खारिज की थी।

पीठ ने क्या कहा?

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि पीएफआई के लिए न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ पहले उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना उचित होगा।

पीएफआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने अदालत के विचार से सहमति व्यक्त की कि संगठन को पहले उच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए था और फिर शीर्ष अदालत में आना चाहिए था। इसके बाद पीठ ने याचिका खारिज कर दी, लेकिन पीएफआई को उच्च न्यायालय जाने का अवसर दिया।

पीएफआई ने याचिका में क्या अपील की?

पीएफआई ने अपनी याचिका में यूएपीए ट्रिब्यूनल के 21 मार्च के आदेश को चुनौती दी थी। इसके तहत केंद्र के 27 सितंबर 2022 के फैसले की पुष्टि की गई थी। केंद्र ने आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठनों के साथ कथित संबंधों और देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश के लिए पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया था।

European Women’s Agency

Western Ladies ‘ Agency is a collection of essays that explore the complex ways that women and young girls construct all their lives across Europe. It employs a range of methodological solutions and new archival material to investigate the interplay between gender, society and the ways that girls manage their daily experiences https://canadianwomen.org/the-facts/womens-poverty/. The chapters in this volume look at women’s encounters from various cultural, societal and financial perspectives: as mothers and wives; as philanthropists; as writers and artists; and as activists. Despite the vastly different source materials, some key themes unite the contributions as a whole. One is the centrality of a notion of female agency. The authors employ micro-studies of individual cases to reveal how women, despite their legal disabilities because of their gender, could assert considerable agency in the pursuit of their interests.

The articles in this quantity emphasize how crucial it is to take gender into account when describing the premature inclusion processes in Europe. Maria Pia Di Nonno, for instance, looks at how the ladies in Malta’s Common Assembly and the forerunner to the European Parliament positively influenced the inclusion of Europe. In Bernard Capp’s section on Agnes Beaumont bulgarian brides, the subject herself wrote a words to demonstrate how disobeying her father was an act of independent company.

A final commitment discusses how status communist female’s organizations in Eastern Europe served as both agents on behalf of women and prevented their agency at the same time. A closer examination of the buildings and political contexts in which these established organizations operated reveals a more nuanced picture, and the author challenges revisionist female scientists’ assertions that they were “agents on behalf of women.”

Create an effective online dating profile

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It’s best to avert including information about level, pounds, and earnings in your dating account when deciding what to include. Otherwise, you may read in broad strokes to express your interests or to give readers a sense of who you are. This can be accomplished by sharing your private philosophy, describing your interests, your favorite movies, and/or song.

Your photos are another feature of your dating report that you should concentrate on. Using various high-quality, appealing pictures is a surefire way to find more games and get potential bidders’ attention. Avoid team photos or hokey headshots because they tend to be less fascinating. Rather, include images of yourself engaging in activities that demonstrate your interests or abilities, like playing sports or going for a nature hike.

Additionally, it’s crucial to refrain from posting images of another users on your dating profile. This might give the impression that you’re more interested in socializing with others than in developing a committed relationship.

Last but not least, make sure to review your online dating profile before submitting it. Even minor faults, such as misspellings and grammatical errors, may appear unprofessional and get a big turnoff for potential dates. Before you press submit, have a friend review your profile to make sure it is error-free and exactly captures who you are.

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Keep the words on your dating profile brief and straightforward. For someone who is only browsing your profile, giving away too much info may be frustrating. Additionally, it’s preferable to concentrate on your good qualities quite than whining about a past connection or outlining your motivations for starting an online dating career.

World Cup-2023 : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में टाउम आउट होने वाले पहले बल्लेबाज बने श्रीलंका के मैथ्यूज

नई दिल्ली। श्रीलंका के अनुभवी बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज सोमवार को यहां आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में बांग्लादेश के खिलाफ टाइम आउट दिए गए और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस तरह आउट होने वाले पहले बल्लेबाज बने। सदीरा समरविक्रम के आउट होने के बाद मैथ्यूज जैसे ही क्रीज पहुंचे और हेलमेट लगाने लगे तो उसका स्ट्रैप टूट गया। उन्होंने ड्रेसिंग रूम से दूसरा हेलमेट लाने का इशारा किया लेकिन इसमें काफी समय लग गया। इस बीच बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने मैथ्यूज के खिलाफ टाइम आउट की अपील की और अंपायर मराइस इरासमस ने उन्हें आउट करार दे दिया। मैथ्यूज ने अंपायर और शाकिब से बात की और अपने हेलमेट का टूटा हुआ स्ट्रैप भी दिखाया लेकिन बांग्लादेश के कप्तान ने अपील वापस लेने से इनकार कर दिया और श्रीलंका के बल्लेबाज को वापस लौटना पड़ा।

New Delhi: Sri Lankan fans during the the ICC Men’s Cricket World Cup 2023 match between Sri Lanka and Bangladesh, at the Arun Jaitley Stadium in New Delhi, Monday, Nov. 6, 2023. (PTI Photo/Kamal Kishore)(PTI11_06_2023_000099B)

मैथ्यूज इससे काफी नाराज दिखे और उन्होंने बाउंड्री पर अपने हेलमेट का टूटा हुआ स्ट्रैप सभी को दिखाया और फिर गुस्से में इसे जोर से जमीन पर दे मारा। क्रिकेट के खेल के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के नियम 40.1.1 के अनुसार अगर किसी बल्लेबाज के आउट या रिटायर होने पर अगला बल्लेबाज नियमित समय के भीतर अगली गेंद का सामना नहीं करता है तो उसे टाइम आउट दिया जा सकता है।

New Delhi: Sri Lanka’s Kusal Mendis and Pathum Nissanka run between the wickets during the ICC Men’s Cricket World Cup match between Sri Lanka and Bangladesh, at the Arun Jaitley Stadium in New Delhi, Monday, Nov. 6, 2023. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI11_06_2023_000120B)

एमसीसी के नियम के अनुसार, ‘‘विकेट गिरने या बल्लेबाज के रिटायर होने के बाद, अगर अंपायर खेल नहीं रोकता है तो आने वाले बल्लेबाज या अन्य बल्लेबाज को विकेट गिरने या बल्लेबाज के रिटायर होने के तीन मिनट के भीतर अगली गेंद का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर यह जरूरत पूरी नहीं होती है तो आने वाले बल्लेबाज को टाउम आउट दिया जाएगा।’’

New Delhi: Sri Lanka’s Dilshan Madushanka with teammates celebrate the wicket of Bangladesh’s Tanzid Hasan during the ICC Men’s Cricket World Cup match between Sri Lanka and Bangladesh, at the Arun Jaitley Stadium in New Delhi, Monday, Nov. 6, 2023. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI11_06_2023_000272B)

मैथ्यूज के मामले में हालांकि आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 के खेलने के हालात से जुड़ा नियम लागू हुआ जिसमें तीन मिनट के समय को घटाकर दो मिनट किया गया है। विश्व कप 2023 के खेलने के हालात संबंधी नियम 40.1.1 के अनुसार, ‘‘विकेट गिरने या बल्लेबाज के रिटायर होने के बाद, अगर अंपायर खेल नहीं रोकता है तो आने वाले बल्लेबाज या अन्य बल्लेबाज को विकेट गिरने या बल्लेबाज के रिटायर होने के दो मिनट के भीतर अगली गेंद का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर यह जरूरत पूरी नहीं होती है तो आने वाले बल्लेबाज को टाउम आउट दिया जाएगा।’’ शाकिब के अपील वापस नहीं लेने से हालांकि क्रिकेट भावना को लेकर सवाल भी उठे हैं।

New Delhi: Bangladeshi batter Najmul Hossain Shanto argues with Sri Lankan cricketer Sadeera Samarawickrama during the ICC Men’s Cricket World Cup match between Sri Lanka and Bangladesh, at the Arun Jaitley Stadium in New Delhi, Monday, Nov. 6, 2023. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI11_06_2023_000310B)

इससे पहले 2006-07 में न्यूलैंड्स में एक टेस्ट के दौरान दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन कप्तान ग्रीम स्मिथ ने महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के खिलाफ ‘टाइम आउट’ की अपील नहीं की थी जबकि वह क्रीज पर देर से पहुंचे थे। मैथ्यूज के विकेट ने एक नई बहस भी शुरू कर दी। मैच में शतक जड़ने वाले श्रीलंका के बल्लेबाज चरिथ असलंका ने इसे खेल भावना के लिए खराब करार दिया। असलंका ने कहा, ‘‘मेरा कहना यह है कि मैथ्यूज के आउट होने का तरीका खेल भावना के लिए अच्छा नहीं है। ’’

New Delhi: Sri Lankan cricketers argue with umpires during the ICC Men’s Cricket World Cup match between Sri Lanka and Bangladesh, at the Arun Jaitley Stadium in New Delhi, Monday, Nov. 6, 2023. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI11_06_2023_000345B)

कमेंटरी कर रहे पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज गेंदबाज वकार यूनिस ने इसे खेल भावना के विपरीत करार दिया जबकि भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने लिखा, ‘‘दिल्ली में आज जो हुआ वह बेहद निराशाजनक है।’’ ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने सवाल उठाया कि मैथ्यूज को ‘टाइम आउट’ कैसे दिया जा सकता है जबकि वह क्रीज पर थे और उनके हेलमेट का स्ट्रैप टूट गया था। ख्वाजा ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘एंजेलो क्रीज पर आया और उसके बाद उसके हेलमेट का स्ट्रैप टूट गया। यह टाइम आउट कैसे है। अगर वह क्रीज पर नहीं आता तो मैं टाइम आउट के पक्ष में था लेकिन यह बेवकूफाना है।’’

भारत सरकार हमास पर नहीं लगाएगी प्रतिबंध? कारण भी चौंकाने वाले हैं, पढ़ें ऐसा क्यों कर रहा है भारत?

तेल अवीव। इजराइल और हमास के बीच इन दिनों जंग जारी है। इसी बीच इससे जुड़ी चौंकाने वाली खबर सामने आई है। CNN-न्यूज 18 की एक खबर में शीर्ष भारतीय खुफिया सूत्रों ने जानकारी दी कि भारत सरकार की आतंकवादी संगठन हमास पर प्रतिबंध लगाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। हालांकि युवाओं की तरफ से कट्टरपंथी को बढ़ावा देने और इजराइल पर 7 अक्टूबर के हमले को जिहाद की जीत के रूप में मनाना सुरक्षा बलों के लिए एक चिंता का विषय है।

एक इंटेल नोट के हवाले से CNN-न्यूज 18 ने बताया कि बदला, जश्न और जिहाद में योगदान ये सभी सुरक्षा कर्मियों के लिए चिंता के संकेत हैं। ज्यादातर भारतीय मुसलमान इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे और निर्दोष नागरिकों पर हमास के हमले के बीच अंतर नहीं कर पा रहे हैं। फिलिस्तीन पर इसके असर को समझे बिना ही वे इसे मुस्लिम भाईचारे की जीत के तौर पर देख रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि भारत स्थिति पर काफी सावधानी से नजर बनाए हुए है। हालांकि अभी मुस्लिम समूहों की तरफ से इस पर चुप्पी साधी गई है लेकिन संकेत सकारात्मक नहीं हैं। सूत्रों ने कहा कि पहली बार फिलिस्तीनी समूहों ने इजराइल के अंदर गहराई से काम किया है और वे युवाओं का माइंडवॉश करने में कामयाब भी रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार की फिलहाल हमास पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है क्योंकि आतंकवादी संगठन संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में नहीं है, जिसका भारत आमतौर पर पालन करता है।

मुख्यमंत्री गहलोत की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे ने, कहा-राजस्थान में विकास की गंगा बहाई

जोधपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रदेश की सरकार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में पांच साल में बहुत काम किए हैं। हर तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान को चहुंमुखी विकास की तरफ से ले जाने का काम किया है। वे आपके जोधपुर के हैं और जोधपुर के विकास में इनका बहुत योगदान है।

खड़गे ने सोमवार को जोधपुर में चुनावी सभा को संबोधित किया। मुख्यमंत्री गहलोत ने नामांकन के लिए तय की गई तिथि के अंतिम दिन अपना चुनावी पर्चा दाखिल किया। उन्होंने प्रत्याशियों के नामांकन के बाद उम्मेद राजकीय स्टेडियम में हुई चुनावी सभा में कहा कि आज राजस्थान विकास की राह पर है। यहां के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हर संभव प्रदेश के विकास का ध्यान रखा है। वे आपके जोधपुर जिले के है और जोधपुर का विकास भी इनकी पहली प्राथमिकता रहा है। मुख्यमंत्री गहलोत के कारण आज जोधपुर में हर सुविधाएं मौजूद है। राजस्थान विकास मॉडल बन कर देश में प्रसिद्ध हो चुका है। उन्होंने कहा कि गहलोत का स्वभाव पानी जैसा है। पानी में जैसा रंग मिलाओ वैसा हो जाता है।

Ashok Gehlot: Rajasthan Chief Minister and Congress leader Ashok Gehlot speaks during a public meeting ahead of the State Assembly elections, in Jodhpur, Monday, Nov. 6, 2023. (PTI Photo)(PTI11_06_2023_000198B)

उन्होंने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि तुम कुछ नया नहीं लाए। आप कुछ नया लाए हो तो प्रवर्तन निदेशालय, इनकम टैक्स और सीबीआई। ये तुम्हारे जवान हैं। वो प्रचार करने वाले हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी पहले इन एजेंसियों को प्रचार के लिए भेजते हैं, फिर खुद भाषण करते हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ बातों से काम नहीं चलता है।

चुनावी सभा में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आमसभा को संबोधित करते हुए सरकार की उपलब्ध्यिां गिनाईं। सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को बताते हुए कहा कि आज राजस्थान में विकास की गंगा बह रही है। गांवों कस्बों से लेकर हर तरफ सरकार की सराहना हो रही है। मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने भाषण में केेंद्र सरकार पर जुबानी हमला बोला और कहा कि आज लोकतंत्र खतरे में है। केंद्रीय जांच एजेसिंयां ईडी, सीबीआई और इंकमटैक्स आज केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है। जोकि लोकतंत्र में साफतौर पर खतरे को बता रहा है। इस चुनावी सभा को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने भी संबोधित किया।

राजस्थान के हीरालाल ने बढ़ाया मान, देश के पहले दलित सूचना आयुक्त बने, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

जयपुर। राजस्थान के हीरालाल सामरिया ने देश भर में प्रदेश का गौरव हीरे की तरह चमका दिया है। वे देश के पहले दलित मुख्य सूचना आयुक्त बने हैं। राष्ट्रपति भवन में सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सामरिया को मुख्य सूचना आयुक्त पद की शपथ दिलाई। वाईके सिन्हा का कार्यकाल तीन अक्टूबर को खत्म होने के बाद से यह पद रिक्त था। भरतपुर जिले के छोटे से गांव पहाड़ी में पैदा हुए सामरिया के अहम पद पर पहुंचने से प्रदेश भर में खुशी का माहौल है।

अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में हीरालाल सामरिया को मुख्य सूचना आयुक्त पद की शपथ दिलाई। सामरिया की मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्ति के बाद सूचना आयुक्त के आठ पद रिक्त हैं। आयोग में इस समय दो सूचना आयुक्त हैं। आरटीआई मामलों के सर्वोच्च अपीलीय प्राधिकरण केंद्रीय सूचना आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त और अधिकतम 10 सूचना आयुक्त हो सकते हैं।

सामरिया कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे

सामरिया फिलहाल सूचना आयुक्त के तौर पर सेवाएं दे रहे थे। वे श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में सचिव के तौर पर भी काम कर चुके हैं। वे साल 1985 में तेलंगाना कैडर में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए। उन्होंने राज्य सरकार के साथ विभिन्न क्षेत्रों बिजली, ऊर्जा, परिवहन, नगरपालिका, सिंचाई, कल्याण आदि में काम किया। सामरिया ने वाणिज्यिक कर आयुक्त, आबकारी और आयुक्त ट्रांसपोर्ट के रूप में कार्य किया। इसके अलावा बिजली वितरण कंपनी आंध्र प्रदेश के सीएमडी और आंध्र प्रदेश ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन के सीएमडी, सिंचाई विभाग में सचिव, भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय में सचिव रहे। वो हैदराबाद में प्रमुख सचिव के पद पर सेवाएं दे चुके हैं।

जानें हीरालाल सामरिया के बारे में


हीरालाल सामरिया का जन्म 14 सितंबर 1960 को राजस्थान के भरतपुर जिले के पहाड़ी गांव में हुआ था। वो 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। सामरिया चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल के छात्र रहे। उन्होंने साल 1970 से 1977 तक यहां शिक्षा प्राप्त की थी। इसके बाद साल 1982 में एमएनआईटी जयपुर राजस्थान विश्वविद्यालय से बीई (सिविल) ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की।

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