Sunday, June 22, 2025
Home Blog Page 645

अमेरिका-भारत द्विपक्षीय बैठक: जयशंकर, राजनाथ सिंह ने अमेरिकी समकक्षों से मुलाकात की

नई दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दिल्ली में यूएस-भारत 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के दौरान पारंपरिक पारिवारिक तस्वीर खिंचवाई।विशेष रूप से, भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता 2018 से हर साल आयोजित होने वाला एक राजनयिक शिखर सम्मेलन है, जिसमें विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि राज्य सचिव और रक्षा सचिव संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रतिनिधित्व करते हैं।

इससे पहले, एंटनी ब्लिंकन ने जयशंकर से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच भारत-अमेरिका साझेदारी को “अब तक की सबसे मजबूत” बताया।

“यहां भारत में होना हमेशा अद्भुत होता है। हम जुड़ाव का एक उल्लेखनीय वर्ष बना रहे हैं… हमारे पास न केवल अब तक की सबसे मजबूत द्विपक्षीय साझेदारी है, बल्कि एक क्षेत्रीय और वास्तव में वैश्विक साझेदारी भी है। इस साल जी20 के लिए भारत के नेतृत्व ने इसे और प्रमाणित किया है,” ब्लिंकेन ने कहा।”हमें बहुत कुछ करना है, जिसमें हमारे रक्षा सहयोगी भी शामिल हैं। मुझे लगता है कि यह भविष्य के लिए हमारे क्षेत्र, इंडो-पैसिफिक पर संयुक्त राज्य अमेरिका के दृढ़ फोकस का एक और सबूत है; भविष्य वास्तव में अब है, और हम निर्माण कर रहे हैं यह भारत के साथ मिलकर…,” उन्होंने आगे कहा।एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का स्वागत किया और कहा कि यह यात्रा (सचिव ब्लिंकन की) विशेष महत्व रखती है क्योंकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की जून यात्रा और राष्ट्रपति बिडेन की सितंबर यात्रा पर अनुवर्ती कार्रवाई की जाएगी।

“तो सचिव एंटनी ब्लिंकन, मैं आपका स्वागत करता हूं, इस वर्ष यह आपकी तीसरी यात्रा है… यह यात्रा (सचिव ब्लिंकन की) विशेष महत्व रखती है क्योंकि हमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की जून यात्रा और राष्ट्रपति बिडेन की सितंबर यात्रा का अनुसरण करने की आवश्यकता है। विदेश मंत्री ने कहा, यह 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता है, इसलिए हम जो कर रहे हैं उसका व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हैं।जयशंकर ने सितंबर में यहां राष्ट्रीय राजधानी में भारत मंडपम में भारत की अध्यक्षता में हुए जी20 शिखर सम्मेलन का भी उल्लेख किया।”हमने सितंबर में एक बहुत ही सफल जी20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया था, और मैं प्रधान मंत्री मोदी की ओर से आपको, अमेरिकी सरकार और राष्ट्रपति बिडेन को धन्यवाद देना चाहता हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि अमेरिका ने हमें जो मजबूत समर्थन दिया है, उसके बिना मुझे नहीं लगता कि जयशंकर ने कहा, ”हमें सर्वसम्मति और परिणाम मिलेंगे जो हमने किए। इसलिए मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि मैं इसका उल्लेख करूं।”

राजस्थान विधानसभा चुनाव : राज्य की जनता की कसौटी पर खड़े हुए कुल 1875 उम्मीदवार, 3 दिसम्बर को आएगा सामने, कौन बनेगा भाग्यशाली

जयपुर। राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव में कुल 1875 उम्मीदवार अपने चुनावी भाग्य को आजमाएंगे जिनमें 183 महिलाएं हैं। निर्वाचन विभाग के अनुसार, 200 विधानसभा सीटों के लिए कुल 2365 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए थे जिनमें से 490 ने अपने पर्चे वापस ले लिए।

नामांकन वापस लेने का गुरुवार को आखिरी दिन था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि विधानसभा चुनाव-2023 में नामांकन वापसी के बाद कुल 1875 उम्मीदवार मैदान में बचे हैं। इनमें 1692 पुरुष और 183 महिला उम्मीदवार हैं।2018 में संपन्न पिछले विधानसभा चुनाव में 200 विधानसभा क्षेत्रों के लिए कुल 2294 उम्मीदवार थे जिनमें 2105 पुरुष उम्मीदवार एवं 189 महिला उम्मीदवार थीं।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान विधानसभा आम चुनाव-2023 के लिए 30 अक्टूबर से नामांकन पत्र जमा करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। छह नवंबर तक 200 विधानसभा क्षेत्रों के लिए कुल 2365 अभ्यर्थियों ने नामांकन पत्र जमा किए थे। सात नवंबर को नामांकन पत्रों की संवीक्षा की गई। कुल 396 नामांकन पत्र निरस्त किए गए।राज्य की सभी 200 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में मतदान 25 नंवबर को होगा तथा तीन दिसंबर को मतगणना की जाएगी।

तेलंगाना : कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों का घोषणा पत्र जारी किया, कल्याण के लिए 4,000 करोड़ रुपए के बजट का वादा

हैदराबाद। कांग्रेस की तेलंगाना इकाई ने कहा है कि यदि वह 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करती है, तो सत्ता में आने के छह महीने के भीतर जाति आधारित जनगणना कराने के अलावा अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए बजट को बढ़ाकर सालाना 4,000 करोड़ रुपये तक करेगी।

‘अल्पसंख्यकों का घोषणापत्र’ बृहस्पतिवार को जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि पार्टी नौकरियों, शिक्षा और सरकारी योजनाओं में अल्पसंख्यकों सहित सभी पिछड़े वर्गों के लिए उचित आरक्षण सुनिश्चित करेगी।

कांग्रेस ने इसके अलावा अल्पसंख्यक वर्ग के बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को रियायती दर पर ऋण प्रदान करने के लिए प्रति वर्ष 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान करने का वादा किया।

पार्टी ने कहा कि वह ‘अब्दुल कलाम तोहफा-ए-तालीम योजना’ के तहत मुस्लिम, ईसाई, सिख और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के युवाओं को एम.फिल और पीएचडी की पढ़ाई पूरी करने पर पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

घोषणापत्र में इमाम, मुअज्जिन, खादिम, पादरी और ग्रंथी सहित सभी धर्मों के पुजारियों के लिए 10,000 रुपये से 12,000 रुपये का मासिक मानदेय देने की बात कही गई है।

पार्टी ने उर्दू माध्यम के शिक्षकों की विशेष भर्ती करने के अलावा ‘तेलंगाना सिख अल्पसंख्यक वित्त निगम’ स्थापित करने का वादा किया।

इसके अलावा, अल्पसंख्यक समुदायों के बेघर लोगों को मकान बनाने के लिए जगह और पांच लाख रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे।

घोषणापत्र में कहा गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय के नवविवाहित जोड़ों को 1.6 लाख रुपये दिए जाएंगे।

Appealing European Brides For Relationship

Many Western women currently have strong family group ties. A few may own a difficult time adjusting https://findabride.net/swedish-bride/ to American culture and customs. Partners can ease the method by comforting them that integration does take time. They should end up being empathetic to cultural dissimilarities and provide support with terminology lessons and social immersion.

Western european brides value equality and respect. They can be devoted to their loved ones and will support them through life’s pros and cons.

They’re keen

European women are interested in life and they are looking for a gentleman to share their very own dreams. They love men with a sense of humor, and they may also be incredibly charming.

In addition , they love to interact socially with friends and meet new people. They are also very smart, they usually enjoy learning new things.

The majority of them want to begin a family and may not endure domestic physical violence in their romance. They will often look to mail purchase bride websites if their companions abuse them. Luckily, many of these sites are protect and trustworthy. Moreover, they may have the tools to help you avoid scams.

They’re wise

European wedding brides for marriage are a good choice for men who wish to build long-term relationships. They are really attractive and intelligent, and they appreciate family connections. They also respect their husbands’ authority in your property.

They believe a man should certainly make the majority of the decisions, and they’re certainly not afraid to show their feelings openly. Despite their independent individuality, they benefit the viewpoints of their families and friends. They’re also able to stability their operate life and family your life. They are hopeful and friendly towards other people. They desire to socialize and have fun with the friends. They’re also diligent and hardworking. They work with their careers trying to earn a living immediately.

They’re loyal

European submit order birdes-to-be value dedication and respect all their family. They also strive to be equal associates in their marriages, and they expect their husbands to share household duties with them. Because of this , they are so attractive to Western men!

In contrast to many other girls, European women of all ages aren’t afraid to go over their love-making desires using their partners. In addition, they value trustworthiness and don’t mind if their partner can be open about his or her earlier. Additionally , European ladies are offered to learning about different cultures and enjoy reminiscing about their childhood. These kinds of qualities get them to be very easy approach.

They’re delightful

European ladies are very desirable, and they adore to dress up. Additionally they appreciate presents. They may love to go on goes or talk with friends. If you want to win her heart, be described as a gentleman and treat her with dignity and kindness.

European girls are careful and benefit family ideals. They are well-educated and have great etiquette. They will handle themselves in business appointments and at dinner time with friends.

European brides to be are sensible and brutal, and they usually tend to get leading positions in their careers. They can equilibrium their operate and home lives, they usually prefer partners who support this freedom.

They’re 3rd party

European brides to be are self-sufficient, but they also understand when to look for help. They’re not frightened to ask for what they need and value equality in interactions.

They’re as well social, and so they enjoy spending some time with friends and family. They’re good at following etiquette, and can hold discussions in several ‘languages’.

European brides love customs and often take them within their new groups. They train their children folks songs and handmade homemade projects to preserve their very own heritage. Additionally they feel that the is the center of their lives. They are also open-minded about different cultures and may easily adjust to their fresh homes.

They’re social

American women will be social, dynamic, and proficient at meeting new comers. They are polite and respectful of their friends, acquaintances, and family members.

They cherish the culture and traditions, they usually pass these on to their children. This makes these people the perfect decision for men exactly who respect classic values and love to increase a family.

Fortunately they are very convenient, and they are allowed to advantages new languages and repas. This means that they can easily conform to their fresh lives abroad. This is especially helpful when they require to communicate with co workers or clientele. They are very well-organized and know how to prioritize their duties.

Satire : बिचौलिए का खुला पत्र एक मतदाता के नाम, मैं जिसको भी कहूं, आंख मींचकर उसे वोट दे दें…

मेरे प्रिय मतदाता, जरा नयन खोलें, तुम्हारे सामने तुम्हारे क्षेत्र के भावी विधायक महोदय दोनों हाथ बांधे, नतमस्तक होकर याचक की मुद्रा में खड़े हैं। जानते हो यह तुम्हारा फिजूल का, सिर्फ एक बोट चाहते हैं। आज भरपूर नजर से इन्हें निरख लो, अन्यथा पूरे पांच वर्ष तक यह मुद्रा और यह सूरत फिर देखने को नहीं मिलेगी। सच तुम कितने सौभाग्यशाली हो, जो भगवान स्वयं भक्त के यहां पधारे हैं। मांग लो, जो कुछ मांगना है, आज ये सब कुछ देंगे।


गांव में बिजली मांग लो, नल मांग लो, कन्या पाठशाला खुलवा लो, परीक्षा का केन्द्र मांग लो और अपने बेरोजगार बेटे के लिए नौकरी मांग लो, तुम्हारी जैसी इच्छा है, वही भोगो, आज सब मिल जाएगा और कुछ नहीं तो आश्वासन तो मिल ही जाएगा। आश्वासन भी बहुत होता है, जीत गए तो सबसे पहले तुम्हारा ही काम होगा। हो सकता है, जीतने के बाद महामहिम तुम्हें पहचाने नहीं।
आश्वासन की याद दिलाना हो सकता है इन्हें तुम्हारी सुध हो आए और ये तुम्हारे संकटमोचक बन जाएं। जानता हूं तुम्हारे मन में इस समय कौन से भाव आ रहे हैं। यही न सब धोखा करते हैं, काम कोई नहीं करता। लेकिन तुम्हें विश्वास होना चाहिए कि ये काम करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं क्योंकि इनके चुनाव घोषणा पत्र में केवल काम की ही बातें लिखी गई हैं।


भाई लिखित में दे रखा है, अब तो विश्वास करो। फिर जनसेवक होता ही किसलिए है? जनता की सेवा करना उसका प्रथम कर्तव्य है, तो तुम यह क्यों सोच रहे हो कि ये अपने कर्तव्य से डिग जाएंगे। ऐसा कभी नहीं हो सकता। तुम यह सोच रहे होंगे कि ये बार-बार दल बदलते हैं, तो मैं इस बारे में भी स्पष्ट बता दूं कि दल भी इन्होंने आपके हित के लिए ही बदला था और यदि आगे भी ऐसी नौबत आई तो ये केवल तुम्हारे लिए ही वर्तमान दल का त्याग करेंगे। ये जो भी करते हैं वो तुम्हारे लिए ही तो करते हैं। ये तो सांस भी तुम्हारे लिए ही ले रहे हैं। और चाहते भी ज्यादा कुछ नहीं है, सिर्फ आपका वही फिजूल सा वोट। नहीं तो उसका तुम भी क्या करोगे, नहीं दिया तो फिजूल, दूसरे को दिया तो भी फिजूल। इसलिए फिजूलखर्ची से बचो। मितव्ययिता का सिद्धान्त अपनाओ। यही तो जागरूक नागरिक का कर्तव्य है।

आज जो भी हो रहा है, वो फिजूल ही तो हो रहा है। तुम समझदार हो। इनके हाथ जोड़ने की मुद्रा पर तरस खाओ और इन पर बरस जाओ। ये एक बार जयपुर-दिल्ली पहुंच गए तो फिर देखने के भी लाले पड़ सकते हैं। आदमी तो ये बहुत बड़े हैं, लेकिन आज तुम्हारे द्वार पर खड़े हैं। आपके लिए ही चुनाव लड़े हैं। इनका ख्याल रखिए और देश व प्रान्त को मजबूत करने के साथ स्वयं मजबूत करने के लिए इन्हें मजबूत बनाएं। और आगे तो क्या कहा जा सकता है। आप खुद भी समझदार हैं।

Satire : चुनावी मौसम-ए-बहार और कार्यकर्ताओं के प्रकार, कैसे-कैसे होते हैं इनके विचार, जानें यहां पर…

चुनावी सीजन है और ऐसे समय में कार्यकर्ताओं के मन-उपवन में फस्ले-बहार है। किसी के हाथ में कंटीली तलवार है तो किसी के हाथ में फूलों का हार है। पर कार्यकर्ताओं के भी कई प्रकार हैं। एक होते हैं निष्ठावान कार्यकर्ता, इन्हें दरी-कार्यकर्ता का भी नाम दिया जा सकता है, क्योंकि ये पार्टी के हर कार्यक्रम में दरी बिछाने से लेकर हर वो काम करते हैं जो इन्हें सुझाया जाता है। ये कार्यकर्ता 5 वर्ष तक मेहनत करते हैं, लेकिन उनकी किस्मत में टिकट नाम का जैकपॉट कभी नहीं खुलता। 5 वर्ष तक पार्टी इनके हाथ में झुनझुना पकड़ाए रहती है। पैनल तक में इनकी ही चर्चा होती रहती है। लेकिन एन वक्त पर इनका टिकट कट ही जाता है और फिर धनाढ्य पदाधिकारी को बंट ही जाता है। आखिर फिर इनके हिस्से में दरी बिछाना ही आता है।


इस कर्तव्य से ये कभी मुक्त नहीं होते। दूसरे कार्यकर्ता होते हैं, दिखावटी-कार्यकर्ता। ये हर कार्यक्रम में मौके पर पहुंचते हैं और कार्यक्रम की सारी क्रेडिट ले जाते हैं। जब बड़े नेताजी आते हैं तो ऐसे दौड़ते हुए लगते हैं, जैसे कोई रेस हो रही हो और उसमें विजयी होने पर इन्हें मेडल मिलने वाला हो। ये टिकट का इंतजार भी करते हैं और टिकट नहीं मिलने पर बगावती तेवर अपना लेते हैं। पार्टी में इनकी इज्जत तो होती है, लेकिन पार्टी इनसे डरती भी है। आजकल ऐसे ही कार्यकर्ताओं की मान मनौव्वल का दौर चल रहा है। तीसरे कार्यकर्ता जीमण-कार्यकर्ता होते हैं, इन्हें दोनों टाइम का भोजन मिल जाए तो फिर डकारें भरते हुए नेताओं की जयघोष में अपनी सारी ताकत लगा देते हैं। इन्हें टिकट से कोई मतलब नहीं होता। पेट के लिए ये चुनावी आखेट करते हैं। चौथे कार्यकर्ता वे हैं जिन्हें मिर्ची बड़ा कार्यकर्ता का नाम दिया जा सकता है‌।

मिर्ची बड़े की खुशबू आते ही इन्हें पता चल जाता है और नारे गुंजाते हुए मजे से अपने कर्तव्य की पूर्ति करते हैं। अंतिम कार्यकर्ताओं की नेताओं को बहुत जरूरत रहती है और जहां भी भीड़ बढ़ानी होती है, ये अंतिम पायदान के कार्यकर्ता जुटाए जाते हैं। लेकिन, ध्यान रहें, ये दिहाड़ी कार्यकर्ता होते हैं और इन्हें 200 से 500 रुपए में कहीं भी बुलाया जा सकता है। इनके लिए नेताजी को बस या वाहन का जुगाड़ करना पड़ता है, फिर इन्हें दिल्ली से लेकर दुनिया में कहीं ले जाओ, आने को तैयार रहते हैं और आपकी भीड़ की समस्या मिटा देते हैं। हालांकि यह वर्गीकरण और भी विस्तृत हो सकता है जैसे आलसी कार्यकर्ता, चम्मच कार्यकर्ता लेकिन चुनावी विज्ञान यह कहता है कि मुख्य रूप से उपरोक्त कार्यकर्ता ही चुनावी जमघट का आनंद लेते हैं और नेताओं के घट में बसते हैं। एक फोन कॉल पर ये नेताजी की सेवा में तैयार। फिर क्या है, इन्हें बुलाओ और सभाओं का नाटक कराओ।

Nitish Kumar : मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदारों के अश्लील बयानों पर लगाम के लिए कौन पैरवी करेगा? देश को बताएं…

देश के पांच राज्यों में चुनावी माहौल बना हुआ है। नेताओं की चुनावी रैलियां भी जारी हैं। इन सबके बीच पक्ष-विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप सुनाई देने लग गए हैं। हालांकि यह चुनाव के दौरान ही नहीं, इसके पहले भी बयानों के बाण चलते रहे हैं। कोई किसी को झूठा बता रहा है तो कोई किसी को चोर। कोई खुद भगवान का भक्त बता रहा है तो कोई भगवान की शरण में ही सर्वस्व समर्पित करता प्रतीत हो रहा है।


नेताओं के आरोप-प्रत्यारोपों ने तो सारी सीमाएं लांघ ही दी हैं। क्योंकि मुद्दे या तो हैं नहीं या फिर खड़े करने की नेताओं में आदत ही नहीं रही। अब माइक सामने हैं तो कुछ बोलना तो पड़ेगा ही और इसलिए बेसिर-पैर की बातें करना ही नेताओं का शगल बन गया है। वास्तव में तो स्थिति यह है कि जनता खुद नहीं जान पा रही है कि आखिर झूठा है कौन? क्योंकि माहौल में झूठ इस तरह फैल गया है कि सच्चाई की किरण कहीं नजर नहीं आ रही।


खैर यह तो बात नेताओं की चुनावी लड़ाई की, लेकिन मंगलवार को बिहार विधानसभा में जाति आरक्षण सर्वेक्षण पेश करते वक्त तो सदन में ऐसा कुछ बोला गया कि जिसे सुनकर कोई भी सभ्य व्यक्ति कानों में रूई डालने को मजबूर हो जाए। नीतीश जनसंख्या नियंत्रण की बात करते हुए इतने अनियंत्रित हो गए कि सदन ने वो कुछ सुना, जो असंसदीय ही कहा जाना चाहिए।


एक कद्दावर नेता और सरकार के सबसे बड़े पदासीन व्यक्ति ने सदन को शर्मसार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कोई नया-नवेला नेता ऐसा बोलता तो सुप्रीम कोर्ट स्वत: प्रसंज्ञान लेकर उसकी सदस्यता को छीन लेता, लेकिन सरकार के मुखिया की बात पर कौन प्रसंज्ञान लेगा? क्या इतने बड़े आदमी के लिए भी कोई लक्ष्मण रेखा नहीं होनी चाहिए? क्या सदन इन नेताओं का निजी कक्ष हो गया है कि वे चाहें जो कुछ बोलें और बेशर्म होकर हंसते भी रहें। अब नीतीश माफी मांगते फिर रहे हैं, पर सोचने वाली बात है कि अब माफी देगा कौन?


क्या विधायिका या फिर देश का सबसे बड़ा कोर्ट, क्या इसके लिए कोई कार्रवाई होनी चाहिए या फिर सदनों में अब सबको सब कुछ बोलने की छूट मिलने वाली है? सोचने वाली बात यह भी है कि आखिर इन नेताओं पर कोई लगाम नहीं लगाएगा? सवाल कई तरह के हैं, लेकिन जवाब के लिए किसके पास जाएं?


नेता तो सिर्फ एक दूसरे पर कीचड़ उछाल कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेंगे। माफी मांगने पर बिहार की नेत्री राबड़ी देवी ने कहा कि जुबान फिसल जाती है। ऐसा हो जाता है। बोलिए अब क्या किया जाए? महिलाएं ही पक्ष में आ गई हैं। ऐसे में अब कैसे किसे से कोई उम्मीद की जा सकती है।


भाजपा की निवेदिता सिंह ने जरूर नाराजगी जताई कि आखिर इतनी निजी बातों को सदन में नीतीश कैसे कह गए। क्या वे सब कुछ भूलकर घर में बात कर रहे थे? हैरानी की बात तो यह है कि ऐसी बातें घर में भी नहीं की जा सकती। फिर वे भाषायी स्तर को कैसे नीचे गिरा गए?

बड़ा सवाल : क्या देश के किसी भी सदन में सीएम नीतीश बाबू जैसी भाषा का प्रयोग स्वीकार्य हो सकता है?

भारतीय राजनीति में छोटे-बड़े ऐसे कई नेता हुए हैं या हैं जिनकी जुबान का निशाना महिलाएं बनी हैं और फिर बवाल मचा है। बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो हद कर दी। उन्होंने ऐसा कुछ बोला कि जनता सुनकर हैरान है। पहले आपको ऐसे ही अब तक कुछ दूसरे नेताओं की जुबान से निकले महिलाओं पर नेताओं के बिगड़े कुछ बोल बचन के बारे में बताते हैं फिर हम नीतीश कुमार पर आएंगे। किसी समय समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने एक रैली में कहा था कि जब लड़के और लड़कियों में कोई विवाद होता है तो लड़की बयान देती है कि लड़के ने मेरा बलात्कार किया। इसके बाद बेचारे लड़के को फांसी की सजा सुना दी जाती है। बलात्कार के लिए फांसी की सजा अनुचित है। लड़कों से गलती हो जाती है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी महिलाओं पर कई बार विवादित बयान दिए हैं। एक पार्टी कार्यक्रम में उन्होंने जयंती नटराजन को ‘टंच माल’ तक कह दिया था।


दिग्गी ने एक बार राखी सावंत पर टिप्पणी करते हुए कहा था अरविंद केजरीवाल और राखी सावंत जितना एक्सपोज करने का वादा करते हैं, उतना करते नहीं हैं। उनके इस बयान पर राखी ने उन्हें ‘सठिया गए हैं’ कहकर झिड़का था। शरद यादव महिलाओं पर कई बार अभद्र टिप्पणी कर चुके हैं। जेडीयू नेता शरद यादव ने बयान दिया था कि बेटियों की इज्जत से वोट की इज्जत बड़ी है, जिसके बाद सभी तरफ से इसका बयान का खंडन किया गया।


शरद यादव ने साउथ की महिलाओं को लेकर कहा था कि साउथ की महिला जितनी ज्यादा खूबसूरत होती है, जितना ज्यादा उसकी बॉडी। वे पूरा देखने में काफी सुंदर लगती हैं। वे नृत्य जानती हैं। बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो हद कर दी। हाल में संपन्न जाति आधारित सर्वे के आंकड़े विधानसभा में पेश करते समय विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पाॅपुलेशन कंट्रोल पर बात रखते समय कुछ ऐसा कह गए जिससे विवाद खड़ा हो गया है।


दरअसल, जनसंख्या नियंत्रण और महिलाओं की पढ़ाई को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश सदन में बोल रहे थे। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कुछ ऐसा कह दिया जिस पर विधानसभा के अंदर भी विधायक सुनकर असहज हो गए। उन्होंने कहा कि बिहार में महिलाओं के साक्षरता बढ़ी है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगर लड़कियां पढ़ी-लिखी रहेंगी तो जनसंख्या खुद पर खुद नियंत्रित हो जाएगा। इसके बाद तो उन्होंने सारी मर्यादाएं ही लांघ दी।


बिहार विधानसभा के बाद नीतीश कुमार ने परिषद में भी ज्ञान की बातें कीं। जनसंख्या नियंत्रण पर बातें करते-करते नीतीश कुमार परिषद में कुछ अधिक ही बोल गए। यहां पर उन्होंने वो बातें कह दीं, जिसे हम लिख नहीं सकते हैं। नीतीश कुमार जब परिषद में बयान दे रहे थे, तब उनके पीछे बैठी एक महिला मंत्री कभी इधर तो कभी उधर देख रही थीं। शायद में मंत्रीजी के मन में चल रहा होगा कि गलत समय पर यहां बैठ गईं।


तब ही तो वह मुंह छिपाने का भी प्रयास कर रही थीं। परिषद में नीतीश ने जो कुछ भी कहा, उसे सुनहर कोई हैरान था। पक्ष और विपक्ष के विधायक भी नीतीश कुमार के बयान से परेशान थे। बिहार मुख्यमंत्री ने जो कुछ भी कहा उसे सुन भाजपा की विधान पार्षद निवेदता सिंह रो बैठीं।


सदन से बाहर आने पर निवेदता सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार को शर्मसार करने का काम किया है। भाजपा नेता ने कहा कि वे भी एक पिता हैं। हम भी मां, बहन, पत्नी और बेटी हैं। सदन में इस तरह का गंदा बयान देना कही से उचित नहीं है। निवेदिता ने कहा कि सदन में महिला विधायक और एमएलसी मौजूद रहीं, जिसका ख्याल नीतीश कुमार ने नहीं किया। मुख्यमंत्री बोल रहे थे और हम सभी उनकी बातों को सुन रहे थे। मैं तो सदन से बाहर निकल गईं। अगर चाहती तो मुख्यमंत्री को जवाब देकर बाहर आतीं। लेकिन मेरे नेता वहां बैठे थे, इसलिए मैं चुप रही।

वर्ल्ड कप-2023 : भारत और न्यूजीलैंड के बीच होगा सेमीफाइनल, पाकिस्तान की किनारे पर डूबी उम्मीदें

बेंगलुरु। आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप-2023 के 41वें मुकाबले में गुरुवार को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए अहम मुकाबले में गत उप विजेता न्यूजीलैंड ने श्रीलंका को 5 विकेट से हरा दिया। इस जीत के साथ कीवी टीम का भारत के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबला लगभग तय हो गया। श्रीलंका की टीम पहले खेलते हुए 46.4 ओवर में सिर्फ 171 रन बनाकर ढेर हो गई। इस लक्ष्य को न्यूजीलैंड ने केवल 23.2 ओवर में 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया। इधर, श्रीलंका की चैंपियंस ट्रॉफी क्वालीफिकेशन की उम्मीदों को जबरदस्त झटका लगा है और उन्हें क्वालीफाई करने के लिए बांग्लादेश की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकतरफा हार की उम्मीद करनी होगी।

Bengaluru: New Zealand batter Rachin Ravindra plays a shot during the ICC Men’s Cricket World Cup match between New Zealand and Sri Lanka, at Chinnaswamy Stadium in Bengaluru, Thursday, Nov. 9, 2023. (PTI Photo/Shailendra Bhojak)(PTI11_09_2023_000348B)

न्यूजीलैण्ड की जीत ने सबसे ज्यादा उम्मीदें पाकिस्तान की तोड़ीं। क्योंकि पाकिस्तान का अंतिम मैच इंग्लैण्ड से है और उसको आगे जाने के लिए इंग्लैंड को 287 या उससे ज्यादा रनों से हराना होगा। या फिर 284 गेंदों से पहले हराना होगा, जो असंभव है। क्योंकि वनडे में 300 गेंदों काे एक टीम फेंकती है और पाकिस्तान को केवल 16 गेंदों में इंग्लैण्ड को ऑल आउट करना होगा।

Bengaluru: New Zealand’s Mitchell Santner celebrates with teammates after taking the wicket of Sri Lanka’s Angelo Mathews during the ICC Men’s Cricket World Cup 2023 match between New Zealand and Sri Lanka, at M. Chinnaswamy Stadium, in Bengaluru, Thursday, Nov. 9, 2023. (PTI Photo/Shailendra Bhojak) (PTI11_09_2023_000187B)

न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया और यह पूरी तरह से सही साबित हुआ। दूसरे ही ओवर में 3 के स्कोर पर पाथुम निसांका सिर्फ 2 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद तीसरे ओवर में ट्रेंट बोल्ट ने कप्तान कुसल मेंडिस (6) और सदीरा समरविक्रमा (1) को भी पवेलियन भेजा। नौवें ओवर में 70 के स्कोर पर चरिथ असलंका भी सिर्फ 8 रन बनाकर चलते बने। कुसल परेरा ने 28 गेंदों में 51 रनों की ताबड़तोड़ अर्धशतकीय पारी खेली, लेकिन 10वें ओवर में 70 के ही स्कोर पर वह भी आउट हो गये और श्रीलंका की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी। धनंजय डी सिल्वा (19) और एंजेलो मैथ्यूज (16) ने टीम को 16वें ओवर में 100 के स्कोर तक पहुंचाया, लेकिन मिचेल सैंटनर ने 17वें ओवर में 104 के स्कोर पर मैथ्यूज और 19वें ओवर में 105 के स्कोर पर डी सिल्वा को आउट किया।

Bengaluru: Sri Lanka’s Angelo Mathews and Dhananjaya de Silva run between the wickets during the ICC Men’s Cricket World Cup 2023 match between New Zealand and Sri Lanka, at M. Chinnaswamy Stadium, in Bengaluru, Thursday, Nov. 9, 2023. (PTI Photo/Shailendra Bhojak) (PTI11_09_2023_000186B)

24वें ओवर में 113 के स्कोर पर चमिका करुणारत्ने भी सिर्फ 6 रन बनाकर आउट हो गये। इसके बाद महीश तीक्षणा ने दुश्मांथा चमीरा के साथ मिलकर लगभग 10 ओवर तक विकेट नहीं गिरने दिया लेकिन इस दौरान रन सिर्फ 15 ही बने। 33वें ओवर में 128 के स्कोर पर चमीरा 1 रन बनाकर आउट हो गये। तीक्षणा ने 91 गेंदों में 38 रनों की बेहद अहम नाबाद पारी खेली और दिलशान मधुशंका (48 गेंद 19) के साथ मिलकर उन्होंने 10वें विकेट के लिए 43 रन जोड़कर टीम को 170 के पार पहुंचाया। 47वें ओवर में 171 के स्कोर पर मधुशंका के आउट होने से श्रीलंकाई पारी खत्म हुई।

Bengaluru: Sri Lanka’s Maheesh Theekshana plays a shot during the ICC Men’s Cricket World Cup 2023 match between New Zealand and Sri Lanka, at M. Chinnaswamy Stadium, in Bengaluru, Thursday, Nov. 9, 2023. (PTI Photo/Shailendra Bhojak) (PTI11_09_2023_000288B)

न्यूजीलैंड की तरफ से ट्रेंट बोल्ट ने सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए, वहीं मिचेल सैंटनर और लोकी फर्ग्युसन के अलावा रचिन रविंद्र ने 2-2 विकेट लिए। गौरतलब है कि आखिरी दो विकेटों के लिए श्रीलंका ने 23.1 ओवर बल्लेबाजी करके सबको चौंका दिया।

राहत की खबर : कतर में देश के पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा के खिलाफ भारत सरकार ने की अपील

नई दिल्ली। दिवाली से पहले कतर में पल-पल मौत के पहरे में बैठे देश के पूर्व नौसैनिकों के परिवारजनों के लिए राहत की खबर आई है। भारत सरकार ने उनकी सजा के ऊपर की अदालत में अपील की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को बकायदा इस मुद्दे के लिए प्रेस कॉन्फ्रेस आयोजित कर जानकारी साझा की। मिडिल ईस्ट देश कतर की अदालत ने 26 अक्टूबर को नौसेना के पूर्व 8 अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई थी। कतर ने इन सभी पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया था। कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने 30 अगस्त 2022 को इन सभी कार्मिकों को गिरफ्तार किया था। हालांकि भारतीय दूतावास को सितंबर के मध्य में पहली बार इनकी गिरफ्तारी के बारे में बताया गया।

कतर की जेल में बंद भारतीयों की रिहाई पर बागची ने कहा कि जिस अदालत ने फैसला दिया था, वो जजमेंट सीक्रेट है। उसकी रिपोर्ट लीगल टीम को दी गई है। हमने अपील फाइल की है। हम कतर दूतावास के साथ संपर्क में हैं और हमें एक और कांसुलर एक्सेस मिला है। हम सभी के परिवारों के संपर्क में भी हैं। हम उन्हें हर सहायता देंगे, ये संवेदनशील मामला है और इसमें कयास न लगाए जाएं।

ये हैं भारतीयों के नाम

कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश। सभी कतर में दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी कंपनी में काम करते थे। यह कंपनी डिफेंस सर्विस प्रोवाइड करती है। ओमान एयरफोर्स के रिटायर्ड स्क्वॉड्रन लीडर खमिस अल अजमी इसके प्रमुख हैं। उन्हें भी 8 भारतीय नागरिकों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन नवंबर में उन्हें छोड़ दिया गया।

पाकिस्तान कर रहा सीज़फ़ायर का उल्लंघन

पाकिस्तान की तरफ से बॉर्डर फायरिंग पर उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना पर पाकिस्तान के साथ हमेशा उठाते हैं, क्योंकि ये सीज़फ़ायर का उल्लंघन है। पहले जो घटना हुई थी, उसे बीएसएफ फ्लैंग मीटिंग में उठाया गया था।

इज़रायल में भारतीय कामगारों की मांग पर ये कहा

हमने इज़रायल में भारतीय कामगारों की रिपोर्ट देखी है, लेकिन इसके बारे में हमारे पास कहने को कुछ नहीं है। बड़ा लक्ष्य ये है कि हम हर देश के साथ वर्क फोर्स के लिए मोबिलिटी एग्रीमेंट की कोशिश में हैं। हम इजरायल के साथ वर्कर्स को लेकर एग्रीमेंट में हैं।

इज़रायल-गाजा संघर्ष पर क्या बोले?

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इजरायल-गाजा के बीच चल रहे युद्ध पर भी भारत का रुख एक बार फिर साफ किया। उन्होंने कहा, हम आतंकवाद की निंदा करते हैं। बंधकों की रिहाई की मांग करते हैं। गाजा में मानवीय मदद पहुंचे, इसकी मांग करते हैं। भारत ने अपनी तरफ से भी मदद भेजी है। हम दो राष्ट्र समाधान की बात करते रहे हैं।

एयर इंडिया के बहिष्कार की धमकी पर बोले..

अरिंदम बागची ने खालिस्तानी नेता पन्नू के एयर इंडिया और मेड इन इंडिया के बहिष्कार की धमकी पर कहा, हम इस तरह की आतंकी धमकी की कड़ी निंदा करते हैं। संबंधित देशों से हम हमेशा ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहे हैं। हम सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग भी करते रहे हैं। इससे ज़्यादा बोल कर हम उन्हें तवज्जो नहीं देना चाहते।

Met Gala 2025: Bollywood Celebrities जिसने लूटी महफ़िल – शाहरुख, आलिया और भी कई सितारे ₹25,000 के अंदर बेस्ट Phones: Top 7 Smartphones with Best Features & Performance! महाशिवरात्रि 2025: जानिए पूजा विधि, मंत्र जाप और रहस्यमयी महत्व Naga Sadhu Facts: नागा साधुओं के बारे में 7 रोचक तथ्य: रहस्य, साधना और जीवनशैली Best Indoor Cat Breeds- सबसे अच्छी इनडोर बिल्लियाँ