Sunday, June 22, 2025
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California: पीयूष गोयल ने अमेरिका में टेस्ला फैक्ट्री का दौरा किया लेकिन एलोन मस्क की ‘चुंबकीय उपस्थिति’ से चूक गए

California. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल ने सोमवार, 14 नवंबर, 2023 को फ़्रेमोंट, कैलिफ़ोर्निया में टेस्ला की विनिर्माण सुविधा का दौरा किया। अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने घोषणा की कि अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता भारत से अपने घटक आयात को दोगुना करने की योजना बना रहा है। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत सरकार ईवीएस पर आयात शुल्क कम करके टेस्ला और अन्य ऑटोमोबाइल निर्माताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है।  

गोयल ने टेस्ला ईवी आपूर्ति श्रृंखला में भारत से ऑटो कंपोनेंट आपूर्तिकर्ताओं के बढ़ते महत्व को देखकर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने भारतीय इंजीनियरों और वित्त पेशेवरों को वरिष्ठ पदों पर काम करते हुए और टेस्ला की गतिशीलता में बदलाव की यात्रा में योगदान करते हुए देखकर भी प्रसन्नता व्यक्त की।

सोशल मीडिया ऐप एक्स पर एक पोस्ट में, गोयल ने कहा, “कैलिफ़ोर्निया के फ़्रेमोंट में टेस्ला की अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधा का दौरा किया। प्रतिभाशाली भारतीय इंजीनियरों और वित्त पेशेवरों को वरिष्ठ पदों पर काम करते हुए और गतिशीलता में बदलाव के लिए टेस्ला की उल्लेखनीय यात्रा में योगदान करते हुए देखकर बेहद खुशी हुई। टेस्ला ईवी आपूर्ति श्रृंखला में भारत से ऑटो कंपोनेंट आपूर्तिकर्ताओं के बढ़ते महत्व को देखकर भी गर्व है। यह भारत से अपने घटकों के आयात को दोगुना करने की राह पर है। श्री @ElonMusk की चुंबकीय उपस्थिति को याद किया और मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

मस्क ने गोयल के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा, “आपका टेस्ला आना सम्मान की बात है! आज कैलिफोर्निया की यात्रा नहीं कर पाने के लिए मुझे खेद है, लेकिन मैं भविष्य में आपसे मिलने के लिए उत्सुक हूं।”
गोयल, जो 13 से 16 नवंबर तक संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर हैं, सोमवार सुबह सैन फ्रांसिस्को पहुंचे। 
वह 13-14 नवंबर, 2023 तक तीसरी व्यक्तिगत इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ) मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेंगे। अपनी यात्रा के दौरान, वह सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे।

अमेरिका पहुंचने पर शीघ्र ही गोयल ने सिंगापुर के व्यापार एवं उद्योग मंत्री गान किम योंग से मुलाकात की। 
दोनों नेताओं ने भारत और सिंगापुर के बीच आर्थिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। 
गोयल ने एक्स पर साझा किया, “सिंगापुर के व्यापार और उद्योग मंत्री महामहिम गण किम योंग से मुलाकात की और हमारी आर्थिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग में तेजी लाने के तरीकों पर चर्चा की।”

Rajasthan Election 2023 : कांग्रेस के चुनावी पोस्टरों में गहलोत के साथ दिखे सचिन पायलट, फिर बताया हम साथ-साथ है

राजस्थान विधानसभा चुनाव में मतदान से ठीक 10 दिन पहले सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने प्रचार-प्रसार में जान झोंक दी है। इधर कांग्रेस के प्रचार पोस्टर्स में भी नई कहानी बनती दिख रही है। इनमें सचिन पायलट की एंट्री हो गई। सोशल मीडिया पर आते ही ये पोस्टर्स वायरल हो गए। दीपावली की आतिशबाजी के बीच कांग्रेस का कैंपेन देखने वाली डिजाइन बॉक्स्ड ने गहलोत और सचिन पायलट साथ साथ दिख रहे हैं। प्रदेश में कई जगह गहलोत और पायलट के साथ-साथ वाले पोस्टर्स लगाए जा रहे हैं।

कांग्रेस में दोनों के बीच यह प्रेम यकायक नहीं उम्दा। कांग्रेस के सर्वे से लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चल रही तमाम खबरों में इस बार गुर्जर वाटों का रुझान एंटी कांग्रेस बताया जा रहा है। गुर्जर इस बात से नाराज बताए जा रहे हैं कि कांग्रेस में सचिन पायलट को साइडलाइन कर दिया गया। चुनावों के बीच इस तरह की चर्चा पार्टी को डैमेज कर सकती है। इसलिए इन चर्चाओं को थामने के लिए कांग्रेस कैंपेन में कर्नाटक फार्मूला लागू किया गया है। कर्नाटक में भी चुनाव से पहले पीसीसी अध्यक्ष डीके शिवकुमार और सीएम प्रत्याशी सिद्धारमैया के बीच मनमुटाव की खबरें तेजी से वायरल हुईं थीं। इसका दोनों नेताओं के समर्थकों पर असर पड़ रहा था। कांग्रेस ने अपने कैंपेन में दोनों नेताओं को एक साथ दिखाना शुरू किया तो चुनाव में इसका फायदा भी मिला

‘तुम्हें क्लीन हवा भूल जानी पड़ेगी, कभी दिल्ली…’ राजधानी की जहरीली हवा पर गाना हुआ VIRAL

दिल्ली-NCR में प्रदूषण ने जनता का सांस लेना दूभर कर दिया है। दिवाली के बाद दिल्लीवासियों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के पटाखे वाले आदेश की ऐसी धज्जियां उड़ीं, जिसका असर राजधानी की हवा में देखा गया। सोशल मीडिया पर दिवाली के बाद और पहले की तमाम तस्वीरें और वीडियो भी खूब वायरल हो रहे हैं। त्यौहार के अगले दिन दिल्ली के कई इलाकों में AQI का स्तर सीधे 999 जा पहुंचा। ऐसे में दो लड़कों ने राजधानी के प्रदूषण पर ऐसा गाना बनाया है, जिसकी पब्लिक फैन हो गई है। इन लड़कों ने मशहूर सिंगर फतह अली खान के गाने को दिल्ली के प्रदूषण से जोड़कर इसका रीमेक बनाया है।

आपने उस्ताद नुसरत फतेह अली खान की आवाज में ‘तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी…’ गाना जरूर सुना होगा। लेकिन जनाब, सोशल मीडिया पर इन दिनों इस गाने का एक ऐसा वर्जन वायरल हो रहा है, जिसमें आपको ‘दिल्लगी’ नहीं बल्कि दिल्ली-NCR के प्रदूषण का दर्द सुनने मिलेगा। इस गीत को दो लड़कों ने रीक्रेट किया है, जिससे सुनकर लोगों को मजा आ रहा है। जरा आप भी सुनिए और कमेंट में हमें बताइए कि यह गीत आपको कैसा लगा?

दरसल, इस वीडियो को इंस्टाग्राम हैंडल @vaasudevam से 9 नवंबर को पोस्ट किया गया था। उन्होंने कैप्शन में लिखा – प्रदूषण पर जिंगल और व्यंग्य। वायरल वीडियो में दो युवक छत पर हारमोनियम और गिटार पर गाना गा रहे हैं। गाने की शुरुआत होती है- बदल रही दिवाली है। ये काली चादर हर जगह, और खासी बनी कव्वाली है। तुम्हे क्लीन हवा भूल जानी पड़ेगी, दिल्ली एनसीआर में आकर तो देखो। आ… मत जाना। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस से फिर ना बचोगे बिल हॉस्पिटल का घटा कर तो देखो। तुम्हे क्लीन हवा भूल जानी पड़ेगी… वोट मांगने जो नेता आते थे घर में, फोन उनको तुम अब मिलाकर तो देखो… 

प्रदूषण की मोटी चादर ने पूरे दिल्ली-एनसीआर को अपनी गिरफ्त में ले लिया। इसी को लेकर दो लड़कों ने जानदार गाना बनाया है, जिसे सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जा रहा है। इस क्लिप को अब तक 16 लाख व्यूज और 97 हजार लाइक्स मिल चुके हैं। साथ ही, तमाम लोगों ने इन लड़कों की क्रिएटिविटी की खूब तारीफ की है।

भावुक गाने का मजेदार रीमेक दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच ये गाना खूब चर्चा में है। असल में ये गाना मशहूर सिंगर राहत फतह अली खान ने गाया है, जिसमें विद्युत जैमवाल ने रोल प्ले किया है। इस गाने के बोल हैं- तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी, मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो। ऐसे में इस भावुक कर देने वाले गाने का रीमेक बड़ा ही मजेदार है। इस वीडियो पर लोग जमकर रिएक्शन भी दे रहे हैं।

भावुक गाने का मजेदार रीमेक
असल में ये गाना मशहूर सिंगर राहत फतह अली खान ने गाया है, जिसमें विद्युत जैमवाल ने रोल प्ले किया है। इस गाने के बोल हैं- तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी, मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो। ऐसे में इस भावुक कर देने वाले गाने का रीमेक बड़ा ही मजेदार है। इस वीडियो पर लोग जमकर रिएक्शन भी दे रहे हैं।

लोग बोले- ‘वाह क्या स्वैग है’
एक यूजर ने कहा कि वाह-वाह क्या स्वैग है। वहीं दूसरे ने कहा कि ये लास्ट में ‘आएं’ काफी सही था। कई लोगों ने तो साइड में रखे हुक्के को लेकर मजे ले लिए। एक यूजर ने कहा कि साइड में हुक्का भी तो रखा है। वाह क्या बात है। ये तो काफी मजेदार है। हुक्का साइड में रखकर ऐसा मजेदार गाना।

Struggle for Life : उत्तरकाशी में टनल में मौत से जंग लड़ रही 40 जिंदगियां, 900 MM की स्टील पाइप डालकर सबको बाहर निकालने की मुहिम तेज

ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में दो दिन से मौत से जंग लड़ रहे 40 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए 900 मिमी व्यास का पाइप डाला जाएगा। इसके लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगाई गई है, यह मशीन मलबे में 900 मिमी स्टील पाइप लगाएगी। जिससे वे इसके जरिए सुरंग से बाहर आ सके। सभी 40 मजदूर रविवार तड़के हुए हादसे में 40 मजदूर फंस गए थे। इनको बचाने के लिए बचाव दल जद्दोजहद कर रहे हैं।

निर्माणाधीन सुरंग में ऊपर से लगातार गिर रही मिट्टी बचाव अभियान में रुकावट पैदा कर रही है। ऐसे में पाइप डाला जाएगा, ताकि मलबे को रोका जा सके। मशीन खुदाई करके पाइप डालेगी। माना जा रहा है कि इस अभियान में 24 घंटे का समय लग सकता है। सुरंग का दौरा करने के बाद सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा था कि फंसे हुए मजदूरों को मंगलवार रात या बुधवार तक बचाया जा सकता है। बचाव दल लगातार मलबा हटा रहा है। रंजीत कुमार सिन्हा ने सुरंग के अंदर भूस्खलन का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं जिन्हें पाइप लाइन के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।

एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने श्रमिकों से बात कर सुरक्षित रेस्क्यू का आश्वासन दिया। रसद और आवश्यक दवाइयां भी पहुंचाई गई। सुरंग में फंसे श्रमिकों से मणिकांत मिश्रा द्वारा वॉकी-टॉकी के माध्यम से बात कर उनकी कुशलता ली गई। उन्होंने श्रमिकों का हौसला बढ़ाया। श्रमिकों द्वारा बताया गया कि वे सब ठीक है। कम्प्रेसर के माध्यम से श्रमिकों को आवश्यक खाद्य सामग्री पहुंचाई गई। 

Myanmar: म्यांमार में हुई एयर स्ट्राइक के बाद, 24 घंटे के भीतर भारतीय सीमा में घुसे 2000 नागरिक

मिजोरम. भारत-म्यांमार अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब चिन डिफेंस फोर्स और म्यांमार सेना के गुरिल्लाओं के बीच भीषण लड़ाई के बीच रविवार रात से लगभग 2,000 शरणार्थियों के मिजोरम के चम्फाई में घुसने का अनुमान है।

लड़ाई के केंद्र म्यांमार के रिखावदार शहर से केवल कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित भारतीय सीमावर्ती शहर ज़ोखावथर, सीमा पार आंदोलन के केंद्र के रूप में उभरा है। दोनों शहर केवल तियाउ नदी द्वारा अलग किए गए हैं।

मणिपुर के डीजीपी अनिल शुक्ला ने सोमवार को पुष्टि की कि एक शरणार्थी की मौत हो गई, जबकि लगभग 20 म्यांमार नागरिकों को मिजोरम में अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा, “ये वे लोग हैं जो म्यांमार में घायल हो गए हैं और यहां इलाज कराने के लिए सीमा पार कर आए हैं।”

सोमवार शाम तक, 20 घायलों को चम्फाई जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है और अन्य आठ को आइजोल के अस्पतालों में रेफर किया गया है। स्थानीय शरणार्थी राहत समिति के अध्यक्ष रॉबर्ट ज़ोरेमटलुआगा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वे सोमवार शाम 6 बजे तक भी गोलियों की आवाज़ सुन सकते थे। उनके अनुमान के मुताबिक, रविवार रात से इस क्षेत्र में करीब 2,000 शरणार्थी आए हैं।“दो गांवों रिखवदार और ख्वामामी से हर कोई भारतीय सीमा में आया है। इसलिए, लोगों की आवाजाही फिलहाल रुक गई है… भारतीय क्षेत्र में जो तीन लोग घायल हुए हैं, वे वे लोग हैं जो पहले ज़ोखावथर पार कर गए थे। इनमें से एक की मौत हो चुकी है. वह पिछले साल से भारतीय सीमा में रह रहे थे,” उन्होंने कहा।

मृतक की पहचान ख्वामावी के 51 वर्षीय कंगसियानमाविया के रूप में की गई है। “2021 के बाद से, म्यांमार में स्थिति खराब होने पर लोगों का आश्रय के लिए यहां आना आम हो गया है। स्थिति बेहतर होने पर वे आमतौर पर वापस चले जाते हैं। जो लोग सीमा के करीब रहते हैं वे रात यहीं रुकते हैं और दिन के दौरान वे अपने स्थान पर लौट आते हैं, ”यंग मिज़ो एसोसिएशन के चम्फाई अध्यक्ष मामुआना फनाई ने कहा।

शरणार्थियों की आमद में ताजा बढ़ोतरी से पहले, मिजोरम पड़ोसी देश में 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद म्यांमार से 30,000 से अधिक चिन शरणार्थियों को शरण दे रहा था। पड़ोसी मणिपुर में जातीय संकट के साथ, राज्य में कुकी-ज़ोमी समुदाय के 12,000 से अधिक विस्थापित लोग भी वहां शरण मांग रहे हैं। चिन और कुकी-ज़ोमी समुदाय के लोग मिज़ोस के साथ एक ही जातीयता साझा करते हैं। मिजोरम

MP Election: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इंदौर में रोड शो, सत्ता वापसी के लिए प्रदेश की आर्थिक राजधानी में भरेंगे हुंकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में भाजपा की सत्ता में वापसी के लिए हुंकार भरेंगे। यहां मोदी का मेगा रोड शो भी निकलेगा।। इसके लिए तीन किलोमीटर के क्षेत्र को नो फ्लाई जोन घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में ड्रोन, हॉट एयर बलून आदि प्रतिबंधित रहेंगे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की इंदौर में दो सभा और एक रोड शो के बाद भाजपा ने पीएम मोदी के रूप में जवाबी रणनीति को तैयार किया है।

पीएम मोदी 55 मिनट का रोड शो करेंगे। इसकी शुरुआत विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक के बड़ा गणपति मंदिर से होगी। समापन विधानसभा क्षेत्र क्रमांक तीन के राजवाड़ा पर होगा। पहले पीएम मोदी पांच विधानसभा क्षेत्रों से गुजरने वाले थे। लेकिन अब नए रूट के हिसाब से केवल तीन ही विधानसभा सीटें कवर हो सकेंगी। लगभग डेढ़ किमी लंबे इस रोड शो के लिए भगवा कॉरिडोर बनाया जाएगा। सड़क के दोनों ओर भगवा रंग के कपड़े लगाए जाएंगे। बड़ा गणपति पर शाम करीब 5.30 बजे 101 बटुक वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रधानमंत्री की अगवानी करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी रोड शो के दौरान राजवाड़ा पर देवी अहिल्या की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसी के साथ यह रोड शो समाप्त हो जाएगा।

इंदौर एक से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय उम्मीदवार हैं, कांग्रेस से संजय शुक्ला उन्हें टक्कर दे रहे हैं। दूसरी तरफ क्षेत्र क्रमांक तीन से भाजपा के गोलू शुक्ला उम्मीदवार हैं। यहां से कांग्रेस ने पिंटू जोशी को उतारा है। इस सीट से पहले कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय विधायक थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन क्षेत्रों में भाजपा को कड़ी टक्कर थी। कुछ ऐसा ही मुकाबला 2023 के चुनावों में भी देखने को मिल रहा है। 2018 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने न केवल विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक सीट जीती, बल्कि इंदौर क्षेत्र क्रमांक पांच और इंदौर क्षेत्र क्रमांक तीन शहरी इलाके सीट भी बहुत कम मार्जिन से हारी थी। इसके बाद से कांग्रेस लगातार इन क्षेत्रों में एक्टिव रही। इन चुनावों में उम्मीदवार भी ऐसे उतारे, जिनका क्षेत्र में काफी दबदबा और पकड़ है।

मध्यप्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों जोर लगा रहे हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान अमित शाह ने दो रोड शो किए थे। शाह ने आखिरी रोड शो मतदान से ठीक दो दिन पहले किया था। शाह के इस रोड शो के बाद कार्यकर्ताओं में जोश भर गया था। 2013 के विधानसभा चुनावों में इंदौर जिले की 9 विधानसभा सीटों में से 8 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। जबकि 2018 के चुनावों में जिले की 9 विधानसभा सीटों में से 5 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। 2018 में लंबे समय बाद कांग्रेस देपालपुर, सांवेर, इंदौर एक और राऊ में जीत हासिल की थी। हालांकि सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर जाने के बाद सांवेर सीट पर उप चुनाव हुए थे। यहां से सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट भाजपा के टिकट पर विधायक बने थे।

Srilanka Allegation : पूर्व क्रिकेटर रणतुंगा भड़के, बोले- श्रीलंका बोर्ड की बर्बादी के लिए बीसीसीआई के सचिव जय शाह जिम्मेदार

कोलंबो। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के अंतरिम चेयरमैन और पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने अपने देश में क्रिकेट की तबाही के बीसीसीआई के सचिव जय शाह पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में आरोप लगाया कि जय शाह श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को चला रहे हैं। उन्होंने ही श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को तबाह कर दिया। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को आईसीसी ने सस्पेंड कर दिया। इसके पीछे आईसीसी ने तर्क दिया कि बोर्ड में राजनीतिक हस्तक्षेप है और इस वजह से तत्काल प्रभाव से बोर्ड की सदस्यता रद्द कर दी गई।

आईसीसी के इस फैसले से कुछ घंटे पहले बोर्ड के अंतरिम चेयरमैन बने। उन्होंने कहा कि एसएलसी (श्रीलंका क्रिकेट) अधिकारियों और जय शाह के बीच संबंधों के कारण वे (बीसीसीआई) इस धारणा के तहत हैं कि वे हमारे बोर्ड को कुचल सकते हैं और नियंत्रित कर सकते हैं। जय शाह श्रीलंका क्रिकेट चला रहे हैं। जय शाह के दबाव के कारण एसएलसी बर्बाद हो रही है। भारत का एक आदमी श्रीलंकाई क्रिकेट को बर्बाद कर रहा है। वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि पिता ताकतवर हैं और उनके पिता भारत के गृह मंत्री हैं।

वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खराब प्रदर्शन के बाद वहां के खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने 6 नवंबर को श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को बर्खास्त कर दिया था। साथ ही एक अंतरिम बोर्ड का गठन भी किया था। अर्जुन रणतुंगा को नए अंतरिम बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। आपको बता दें कि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने हाल में 10 नवंबर को सस्पेंड कर दिया। आईसीसी ने बोर्ड में सरकार की दखलअंदाजी के बाद उसकी सदस्यता को तत्काल प्रभाव से छीन लिया।

TMC Leader Murder : नेता की हत्या से बवाल, समर्थकों ने दो हमलावरों को पकड़ा, एक को पीट-पीटकर मार डाला, कई घर जलाए

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के नेता सैफुद्दीन लस्कर (47) की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना से आक्रोशित समर्थकों ने दो हमलावरों को पकड़कर उनकी पिटाई कर दी। इसमें एक आरोपी की मौत हो गई। जबकि दूसरे को पुलिस किसी तरह बचाकर अपने साथ ले गई। इधर, टीएमसी नेता की हत्या के बाद इलाके में तनाव फैल गया। गुस्साए समर्थकों ने कई घरों में आग लगा दी। तनाव के बीच इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस को तैनात किया गया है।

टीएमसी ने आरोप लगाया कि सीपीआईएम (एम) और भाजपा के गुंडों ने घटना को अंजाम दिया है। वहीं पुलिस ने बताया कि सैफुद्दीन नमाज के लिए जा रहे थे, तभी उन पर हमला हुआ। सैफुद्दीन जयनगर के बामुंगाची में पार्टी के एरिया प्रेसिडेंट थे। उनकी पत्नी पंचायत प्रधान हैं। प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस ने बताया कि घटना के बाद उनके समर्थकों ने पड़ोस के दलुआखाली गांव में हिंसा की। भीड़ ने लूटपाट और तोड़फोड़ के बाद कई घरों को आग के हवाले कर दिया।

सीपीआईएम (एम) सेंट्रल कमेटी के मेंबर सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि सैफुद्दीन लस्कर की हत्या टीएमसी पार्टी के भीतर की कलह का नतीजा है। सीपीआईएम (एम) को दोष देने का कोई मतलब नहीं है। सैफुद्दीन की हत्या किसने और क्यों की, पुलिस को इसकी जांच करनी चाहिए।

War in World : क्या इजराइल-हमास युद्ध से रूस और चीन को फायदा हो सकता है ?

लैंकेस्टर (यूनाइटेड किंगडम)। ग़ाज़ा में इजराइल और हमास के बीच युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है, ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि बड़ी शक्तियां कौन सा रुख अपना सकती हैं। एक ओर जहां ज्यादातर पश्चिमी देश इजराइल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करने के लिए एकजुट हैं, वहीं चीन और रूस अपने गणित में व्यस्त हैं। व्यापक ‘ग्लोबल साउथ’ के साथ साथ, चीन और रूस ने गाजा में इजराइल की सैन्य प्रतिक्रिया और फलस्तीनी नागरिकों पर इसके प्रभाव की आलोचना से झिझक नहीं की है।

इजराइल और हमास के बीच लड़ाई से रूस और चीन को फायदा होता है या नहीं, यह सोचने वाली बात होगी। पश्चिमी देश रूस और चीन के रुख को ऐसा अवसरवादी कह सकते हैं जिसके पीछे और रणनीतिक लाभ के लिए पश्चिमी देशों का उनका विरोध शामिल है। वैसे ‘ग्लोबल साउथ’ की राय अब भी प्रभावशाली हो सकती है।

1960 के दशक में पनपा ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द आम तौर पर लैटिन अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और ओशिनिया के क्षेत्रों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। खासकर इसका मतलब, यूरोप और उत्तरी अमेरिका के बाहर, दक्षिणी गोलार्द्ध और भूमध्यरेखीय क्षेत्र में स्थित ऐसे देशों से है जो ज्यादातर कम आय वाले हैं और राजनीतिक तौर पर भी पिछड़े हैं।

बहरहाल, रूस और चीन को यह सुनिश्चित करना होगा कि यूक्रेन और गाजा संकट को लेकर परस्पर विरोधी रुख के चलते आलोचना से घिर कर कहीं उनकी स्थिति पश्चिमी देशों के समान न हो जाए।

खुद को महान शक्तियों के रूप में दिखाने और ग्लोबल साउथ का समर्थन हासिल करने के लिए, उन्हें नागरिकों की रक्षा करने और कानूनी और मानवीय दायित्वों को बरकरार रखने के लिए अपनी कथनी और करनी के अंतर को खत्म करना होगा, जैसा कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव में व्यक्त किया गया है। रूस और चीन दोनों ही देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है।

इजराइल पर सात अक्टूबर को एकाएक किए गए हमास के भयावह हमले के बाद गाजा को लेकर दुनिया के देशों में विभाजन गहरा हो गया है। हमास ने सात अक्टूबर को इजराइली भूभाग में घुस कर बड़ी संख्या में लोगों को मार डाला और 200 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया। इस हिंसा पर इजराइल का सत्ता प्रतिष्ठान हक्का बक्का हो गया। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी स्तब्ध रह गया।

ज्यादातर प्रस्तावित प्रस्तावों में नागरिकों पर हमलों की निंदा की गई थी। अमेरिकी आपत्तियों में इज़राइल के आत्मरक्षा के अधिकार की स्वीकृति न होना शामिल था।

इसके विपरीत, न तो रूस और न ही चीन ने मसौदा प्रस्तावों में युद्धविराम के आह्वान की कमी पर आपत्ति जताई। हमास की खुले तौर पर आलोचना न करने के मामले में भी वे पश्चिम से भिन्न रहे हैं। हमास के एक प्रतिनिधिमंडल ने युद्धविराम की संभावनाओं और बंधक स्थिति के समाधान पर चर्चा करने के लिए मास्को का दौरा भी किया था।

दोनों देशों ने हाल के दशकों में इज़राइल के साथ राजनयिक और आर्थिक संबंध बनाए हैं। इजराइल में चीनी निवेश से लेकर सीरियाई गृहयुद्ध के दौरान रूसी और इज़राइली समन्वय तक, वे अरब दुनिया में जनता की राय के प्रति सचेत हैं, जो इज़राइल की सैन्य प्रतिक्रिया की आलोचना करता रहा है।

इजराइल की कार्रवाई को लेकर गुस्सा इतना अधिक है कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की सरकारें भी सार्वजनिक रूप से खुद को इजराइल से दूर करने की जरूरत महसूस कर रही हैं। हमास के लिए थोड़ी नरमी रखने वाले संयुक्त अरब अमीरात ने जहां इजराइल के साथ संबंध सामान्य कर लिए थे वहीं सऊदी अरब ऐसा करने की प्रक्रिया में था। लेकिन अब दोनों ने रुख बदल लिया है।

वैसे रूस और चीन की स्थिति ने व्यापक वैश्विक भावना को भी प्रतिबिंबित किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के अभाव में, सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधित्व वाली महासभा ने 27 अक्टूबर को मानवीय संघर्ष विराम के लिए एक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव सफलतापूर्वक पारित किया।

इस प्रस्ताव में नागरिकों पर हमलों की निंदा की गई और ‘नागरिकों की सुरक्षा तथा कानूनी एवं मानवीय दायित्वों को बनाए रखने’ का आह्वान किया गया।

रूस और चीन, अरब जगत के अधिकतर देशों और ग्लोबल साउथ के साथ 120 सदस्य देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि अमेरिका सहित 14 देशों ने विरोध में मतदान किया और आस्ट्रेलिया सहित 45 देशों ने मतदान से परहेज किया। अमेरिका ने प्रस्ताव में हमास के संंबंध में कोई स्पष्ट जिक्र नहीं होने का विरोध किया।

रूस का रुख यूक्रेन में उसके युद्ध से भी प्रभावित हो सकता है। यूक्रेन पर फरवरी 2022 में हमला करने के बाद रूस ने उसके कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। रूस उम्मीद कर सकता है कि इजराइल-हमास संघर्ष पश्चिमी देशों का ध्यान यूक्रेन से हटा सकता है तथा उसे (यूक्रेन को) हथियारों की आपूर्ति एवं अन्य व्यावहारिक सहायता रूक सकती है।

इज़राइल-हमास युद्ध के संबंध में रूस और चीन का रुख अब तक व्यापक ग्लोबल साउथ के अनुरूप रहा है।

हालात ऐसे हैं कि पिछले कुछ हफ्तों में इजरायली राजनीतिक प्रतिष्ठान के भीतर रूस और चीन के प्रति अविश्वास बढ़ा है।

इज़राइल ने कभी भी रूस और चीन को अमेरिका के समान सहयोगी या तुलनीय सहायता की पेशकश करने वाला नहीं माना है, इसलिए सात अक्टूबर के हमले पर उनके (इन दोनों देशों के) बयानों में देरी और इज़राइल की सैन्य प्रतिक्रिया की उनके द्वारा आलोचना के दूरगामी परिणाम मिल सकते हैं।

Telangana : हैदराबाद में नामपल्ली के अपार्टमेंट में भीषण आग में 9 लोगों की मौत, जान बचाने को मौका तक नहीं मिला

तेलंगाना। हैदराबाद में सोमवार को एक अपार्टमेंट में भीषण आग लगने से वहां रहने वाले 9 नागरिकों की मौत हो गई। आग बिल्डिंग में स्थित एक गोदाम में लगी। यह आग इतनी तेजी से फैली कि कई लोगों को इससे निकलने का मौका तक नहीं मिल पाया। दमकल विभाग की कई गाड़ियां आग पर काबू पाने की कोशिश में जुटी रही।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर के गोदाम में कई केमिकल्स रखे थे। इस दौरान एक कार की रिपेयरिंग भी चल रहा था। शुरुआती जांच में सामने आया कि यहां एक स्पार्क से केमिकल्स ने आग पकड़ ली और देखते ही देखते आग पूरे कमरे से होते हुए अपार्टमेंट में फैल गई। इसी की चपेट में आकर 9 लोगों की जान चली गई। घटना में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घटना के जो वीडियो सामने आए हैं, उनमें दमकलकर्मियों को खिड़की पर सीढ़ियां लगाकर बिल्डिंग में फंसी महिलाओं और बच्चों को बाहर निकालते देखा जा सकता है। 
 

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