Saturday, June 7, 2025
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Bharat Bandh : राजस्थान में भारत बंद के चलते प्रमुख बाजार, स्कूल-कॉलेज रहे बंद, जानिए प्रदेश में कितना रहा असर

जयपुर, SC/ST (एससी-एसटी) के आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर’ पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बुधवार को आहूत ‘भारत बंद’ का राजस्थान में मिला जुला असर देखा गया. राजधानी जयपुर के साथ साथ अजमेर सहित अनेक शहरों में प्रमुख बाजार बंद हैं और सड़कों पर आवागमन अन्य दिनों की तुलना में कम रहा.प्रशासन ने जयपुर सहित अनेक जिलों में स्कूल- कॉलेज में एहतियातन छुट्टी की घोषणा की है.

बंद का दिखा असर, सड़कें रही सूनी

यह ‘बंद’ सुबह 9 बजे शुरू हुआ और राज्य के अनेक जिलों में इसका असर रहा. प्रमुख बाजारों में दुकानें नहीं खुलीं.अनेक जगह रोडवेज की बस नहीं चलने से लोगों को परेशानी हुई.जयपुर की सड़कों पर भी अपेक्षाकृत कम वाहन द‍िखे.’बंद’ का आह्वान करने वाले संगठनों के कार्यकर्ताओं ने रैलियां निकालीं. वहीं पुलिस ने किसी भी तरह की अप्रिय घटना को टालने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए हैं.

जयपुर पुलिस कमिश्नर ने जारी की एडवाइजरी

जयपुर के पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसफ ने आयुक्तालय के सभी थाना क्षेत्रों में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए परामर्श जारी किया है. इसके तहत पुलिस अधिकारियों से कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखने को कहा गया है ताकि किसी भी प्रकार की भ्रामक बातें एवं अफवाह न फैलें.

रोडवेज ने भी बंद को लेकर जारी किए आदेश

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने अपने सभी वाहनों के सुरक्षित संचालन के संबंध में आदेश जारी किए हैं. निगम की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्रेया गुहा ने बताया कि भारत बंद के मद्देनजर सभी मुख्य प्रबंधक, प्रबंध संचालकों और यातायात प्रबंधकों को मुख्यालय पर ही उपस्थित रहने के लिए पाबंद किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद

एससी-एसटी के आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर’ पर सुप्रीम कोर्ट के पिछले 1 अगस्त के फैसले के खिलाफ आज देश भर के 21 संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है.संगठनों ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को क्षति होगी.

अमेरिकी अभिनेत्री Jennifer Lopez लेंगी Ben Affleck से तलाक, चौथी बार टूट रही शादी, कोर्ट में डाली अर्जी

लॉस एंजिलिस (अमेरिका), दो दशक के रिश्ते में रहने और खूब सुर्खियां बटोरने के बाद मशहूर अमेरिकी अभिनेत्री जेनिफर लोपेज ने फिल्म निर्माता बेन एफ्लेक से तलाक लेने का फैसला किया है. हॉलीवुड के ‘पावर कपल’ कहलाने वाले इस जोड़े को उनके प्रशंसक प्यार से ‘बेनिफर’ कहते थे. लोपेज ने मंगलवार को लॉस एंजिलिस में तलाक का मुकदमा दर्ज कराया.

लॉस एंजिलिस सुपीरियर कोर्ट में याचिका दायर की

अदालत के रिकॉर्ड से पता चलता है कि लोपेज ने लॉस एंजिलिस सुपीरियर कोर्ट में मंगलवार को याचिका दायर की. सबसे पहले टीएमजेड वेबसाइट ने यह खबर दी थी. इसमें कहा गया था कि लोपेज ने बेन से अलग होने की तारीख 26 अप्रैल 2024 दर्ज कराई है. उन्होंने विवाह पूर्व किसी समझौते का उल्लेख नहीं किया है.

2022 में की थी शादी

वर्ष 2000 की शुरुआत में मुलाकात होने, एक-दूसरे से प्यार करने और सगाई करने के बाद यह दंपति अलग हो गया था. लेकिन लोगों को हैरत में डालते हुए वे दो दशक बाद फिर से एक हुए और 2022 में शादी की.

उन्होंने 2003 में आई ‘‘गिगली’’ और 2004 में ‘‘जर्सी गर्ल’’ फिल्म में एक साथ काम किया.दोनों के इससे पहले वैवाहिक संबंध थे. बेन एफ्लेक (52) ने जेनिफर गार्नर से 2005 में शादी की थी और दोनों के 3 बच्चे हैं. उन्होंने 2018 में तलाक ले लिया था.

लोपेज 3 बार कर चुकी हैं शादी

लोपेज (55) पहले 3 बार शादी कर चुकी हैं. उन्होंने पहले ओजानी नोआ (1997-1998) से और क्रिस जुड (2001-2003) से शादी की थी. उन्होंने और गायक मार्क एंथनी ने 2004 में शादी की थी और दोनों के 14 साल के जुड़वां बच्चे हैं.

झारखंड के सरायकेला-खरसावां में लापता विमान की तलाश जारी, NDRF की टीम होगी सर्च ऑपरेशन में शामिल

जमशेदपुर, झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के एक एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद लापता हुए 2 सीट वाले विमान का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की एक टीम बुधवार को खोज अभियान में शामिल होगी. चांडिल के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) सुनील कुमार राजवार ने पीटीआई को बताया कि लापता विमान की तलाश के लिए मंगलवार मध्यरात्रि तक अभियान चलाया गया. SDPO ने बताया कि रांची से एनडीआरएफ की टीम बुधवार को तलाश अभियान में शामिल होगी.

जलाशय में विमान का मलबा देखने का दावा

सरायकेला-खरसावां के पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुनायत ने पीटीआई को बताया कि स्थानीय लोगों ने एक जलाशय में विमान का मलबा देखने का दावा किया है, जिसके बाद सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल बांध में बड़े पैमाने पर तलाश अभियान चलाया जा रहा है.

निमडीह में मिली थी विमान की लास्ट लोकेशन

इससे पहले पूर्वी सिंहभूम जिले के उपायुक्त अनन्य मित्तल ने पीटीआई को बताया कि सोनारी एयरपोर्ट पर हवाई यातायात नियंत्रण को ‘अलकेमिस्ट एविएशन कंपनी’ के विमान की आखिरी ‘लोकेशन’ सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल उप-मंडल के अंतर्गत निमडीह में मिली थी.उन्होंने बताया कि पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिलों के प्रशासन, पुलिस और वन विभाग की टीमें विमान की तलाश कर रहीं हैं. निमडीह के नजदीकी इलाकों के अलावा पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में भी तलाश की जा रही है.

जमशेदपुर के सोनारी एयरपोर्ट से भरी थी उड़ान

अधिकारी के अनुसार, बताया जाता है कि यह विमान ‘सेसना 152’ था और यह उड़ान प्रशिक्षण संस्थान ‘अलकेमिस्ट एविएशन’ का था.विमान ने मंगलवार को सुबह करीब 11 बजे जमशेदपुर के सोनारी एयरपोर्ट से एक पायलट और प्रशिक्षु के साथ उड़ान भरी थी.

Iran Bus Accident: शिया जायरीनों को पाकिस्तान से इराक ले जा रही बस हुई हादसे का शिकार, 28 लोगों की मौत, 23 घायल

तेहरान, शिया जायरीनों को पाकिस्तान से इराक ले जा रही एक बस मंगलवार देर रात मध्य ईरान में दुर्घटनाग्रस्त हो गई.अधिकारियों ने इस हादसे में बस में सवार कम से कम 28 जायरीनों की मौत होने, जबकि 23 अन्य के घायल होने की बुधवार को जानकारी दी.

मध्य ईरान के यज्द प्रांत में हादसा

ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘IRNA’ ने स्थानीय आपातकालीन सेवा के अधिकारी मोहम्मद अली मालकजादेह के हवाले से बताया कि यह हादसा मंगलवार देर रात मध्य ईरान के यज्द प्रांत में हुआ.मालकजादेह के मुताबिक हादसे में 23 जायरीन घायल हो गए, जिनमें से 14 को गंभीर चोटें आई हैं.

हादसे के समय बस में 51 लोग थे सवार

उन्होंने बताया कि हादसे के समय बस में कुल 51 लोग सवार थे. जायरीन अरबईन के लिए इराक जा रहे थे, जो सातवीं शताब्दी में एक शिया पैगंबर की शहादत के 40वें दिन किया जाने वाला एक अनुष्ठान है.

Stock Market Update: रेड जोन में खुला शेयर बाजार, Sensex में 138 अंकों की गिरावट, Nifty 24,683 के स्तर पर, इन शेयर में बंपर मुनाफा

मुंबई, विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी और एशियाई बाजारों में कमजोर रुख के बीच बुधवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई.बीएसई का 30 शेयर वाला सूचकांक सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 138.58 अंक या 0.17 प्रतिशत गिरकर 80,664.28 अंक पर आ गया. एनएसई निफ्टी की भी 4 दिन की तेजी थम गई और यह 15.20 अंक गिरकर 24,683.65 अंक पर रहा.

इन कंपनियों के शेयर में रहा नुकसान

सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से अल्ट्राटेक सीमेंट, कोटक महिंद्रा बैंक, टेक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, पावर ग्रिड और एक्सिस बैंक के शेयरों को नुकसान हुआ.

इन कंपनियों के शेयर में रहा मुनाफा

लार्सन एंड टूब्रो, भारती एयरटेल, नेस्ले इंडिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर, बजाज फिनसर्व और अदाणी पोर्ट्स के शेयर मुनाफे में रहे.

एशियाई और यूरोपीय बाजार का हाल

एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की-225 नुकसान में रहे.अमेरिकी बाजार मंगलवार को नकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे.वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77.09 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था.

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में मंगलवार को बिकवाल रहे और शुद्ध रूप से 1,457.96 करोड़ रुपये की कीमत के शेयर बेचे। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने मंगलवार को 2,252.10 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.

Bharat Bandh का सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किया समर्थन, बोले- ‘बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं जन आंदोलन’, जानिए और क्या कहा ?

लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बुधवार को आहूत ‘भारत बंद’ का समर्थन किया और कहा कि ऐसे जन आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं.

”शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है”

यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक टिप्पणी में कहा, ”आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है. ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के खिलाफ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा. शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है.”

”जन-आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं”

उन्होंने इसी संदेश में कहा,”बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी ने पहले ही आगाह किया था कि संविधान तभी कारगर साबित होगा जब उसको लागू करने वालों की मंशा सही होगी.सत्तासीन सरकारें ही जब धोखाधड़ी, घपलों-घोटालों से संविधान और संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों के साथ खिलवाड़ करेंगी तो जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा. जन-आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं.”

गौरतलब है कि SC-ST के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के पिछले 1 अगस्त के फैसले के खिलाफ आज देश भर के 21 संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है. संगठनों ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को क्षति होगी.

Kolkata Doctor Rape Murder Case: आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल का पॉलीग्राफ टेस्ट करा सकती है CBI, अब तक पूछे गए ये सवाल

कोलकाता, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के अधिकारी कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट कर सकते हैं. इस अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म और उसकी हत्या किए जाने का मामला सामने आया है. घोष ने 9 अगस्त को अस्पताल के सम्मेलन कक्ष में पीड़िता का शव मिलने के 2 दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. वह पूछताछ के लिए कई बार केंद्रीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश हो चुके हैं.

पॉलीग्राफ टेस्ट करा सकती है CBI

एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ”हम घोष के जवाबों की और पुष्टि करना चाहते हैं, क्योंकि हमारे द्वारा पूछे गए प्रश्नों के कुछ उत्तरों में झोल है इसलिए हम उनका पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं.”जांचकर्ताओं ने परास्नातक प्रशिक्षु चिकित्सक के कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच के तहत घोष से मंगलवार को भी पूछताछ की थी.

क्या होता है पॉलीग्राफ टेस्ट ?

पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान व्यक्ति द्वारा प्रश्‍नों के उत्तर दिए जाते समय एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है और यह पता लगाया जाता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ.

CBI ने किए ये सवाल ?

अधिकारी ने बताया कि CBI अधिकारियों ने पिछले कुछ दिनों में घोष से विभिन्न सवाल पूछे हैं. उन्होंने बताया कि घोष से सवाल किए गए कि चिकित्सक की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी क्या प्रतिक्रिया थी, शव मिलने के बाद उन्होंने किससे संपर्क किया, उन्होंने माता-पिता को शव देखने के लिए करीब 3 घंटे तक इंतजार क्यों कराया.अधिकारी ने बताया कि घोष से आरजी कर अस्पताल के उस सम्मेलन कक्ष से सटे कमरों के मरम्मत कार्य की अनुमति के बारे में भी पूछताछ की गई, जहां चिकित्सक का शव मिला था.

CBI ने ली थी संजय रॉय के पॉलीग्राफ टेस्ट की इजाजत

इससे पहले, सीबीआई ने स्थानीय अदालत से संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति ली थी. रॉय को इस मामले में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने पिछले सप्ताह इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथ में ले ली थी.

Lecturer Recruitment 2024 : लेक्चरर की नौकरी पाने का सुनहरा मौका, इस राज्य में निकली वैकेंसी, जानें डिटेल्स

अरुणाचल लोकसेवा आयोग ( APPSC) ने राज्य शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद विभाग, अरुणाचल प्रदेश सरकार में व्याख्याता( DIET) के पदों पर भर्ती निकाली है. इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट appsc.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.

APPSC Lecturer 2024 : आवेदन की लास्ट डेट

इस भर्ती के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 4 सितंबर 2024 तय की गई है. जो भी उम्मीदवार आवेदन करना चाहते हैं वो भर्ती मापदंड को ध्यान से पढ़े.

APPSC Lecturer 2024 : आयु सीमा

इस भर्ती के लिए आवेदन करने वाले कैंडिडेट की आयु 35 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को अधिकतम उम्र सीमा में सरकार के नियमानुसार छूट मिलेगी.

APPSC Lecturer 2024 : कौन कर सकता है आवेदन

इस भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले कैंडिडेट राष्ट्रीय शिक्षा परिषद (NCTE) के मानदंडों के अनुसार शिक्षक प्रशिक्षकों के पास 50% अंकों के साथ सामाजिक विज्ञान/ मानविकी/ विज्ञान/ गणित/ भाषा में मास्टर डिग्री और एम.एड 50% अंकों के साथ या एमए (शिक्षा) 50% अंकों के साथ होना चाहिए. ज्यादा जानकारी के लिए ऑफिशियर वेबसाइट विजिट करें या जॉब नोटिफिकेशन देखें.

APPSC Lecturer 2024 : आवेदन शुल्क

इस भर्ती के लिए आवेदन करने वाले कैंडिडेट को आवेदन शुल्क के तौर पर 200 रुपए का भुगतान करना होगा. जबकि अरुणाचल प्रदेश अनुसूचित जनजाति(APST) उम्मीदवारों को 150 रुपए शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा.

APPSC Lecturer 2024 : भर्ती पदों का विवरण

इस भर्ती के माध्यम से कुल 25 पदों पर भर्ती की जाएगी.जो भी उम्मीदवार आवेदन करना चाहते हैं जरूरी योग्यता और मांगी गई अन्य डिटेल्स को ध्यान से पढ़ें.

केंद्र का Lateral Entry से सीधी भर्ती रोकने का आदेश, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC लिखा पत्र, बताई ये वजह

केंद्र सरकार ने लैटरल एंट्री के जरिए होने वाल भर्ती को लेकर बहुत बड़ा फैसला लिया है। लेटरल एंट्री को लेकर बहस छिड़ने के बीच मंगलवार को केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। इस संबंध में कार्मिक मंत्री ने यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखा है। DoPT मंत्री ने UPSC प्रमुख को पत्र लिखकर नौकरशाही में लैटरल एंट्री के नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की।

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के अनुसार, लैटरल एंट्री विज्ञापन को रद्द करने के लिए UPSC के चेयरमैन को पत्र लिखा है। UPSC ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी कर केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर ‘लैटरल भर्ती के लिए प्रतिभाशाली और प्रेरित भारतीय नागरिकों’ के लिए आवेदन मांगे थे। अब केंद्र ने UPSC चेयरमैन को नोटिफिकेशन रद्द करने को कहा है। केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगाई गई है।

इसलिए लिया ये फैसला

कार्मिक मंत्री ने पत्र में कहा कि सरकार ने यह फैसला लेटरल एंट्री के व्यापक पुनर्मूल्यांकन के तहत लिया है। इस पत्र में कहा गया है कि अधिकतर लेटर एंट्रीज 2014 से पहले की थी और इन्हें एडहॉक स्तर पर किया गया था। प्रधानमंत्री का विश्वास है कि लेटरल एंट्री हमारे संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के समान होनी चाहिए, विशेष रूप से आरक्षण के प्रावधानों के संबंध में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।

पत्र में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि सार्वजनिक नौकरियों में सामाजिक न्याय के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता होनी चाहिए। लेटरल एंट्री वाले पदों की समीक्षा किए जाने की जरूरत है। समीक्षा के बाद इनमें सुधार किया जाए। ऐसे में 17 अगस्त को जारी लेटरल एंट्री वाले विज्ञापन को रद्द कर दें। यह करना सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण की दृष्टि से बेहतर होगा।

क्या है लैटरल एंट्री?

लेटरल एंट्री का मतलब बिना एग्जाम के सीधी भर्ती से है। मतलब, कैंडिडेट्स बिना UPSC की परीक्षा दिए रिक्रूट किए जाते हैं। लेटरल एंट्री के जरिए आने वाले कर्मचारी केंद्रीय सचिवालय का हिस्सा होंगे, जिसमें पहले केवल ऑल इंडिया सर्विस/सेंट्रल सिविल सर्विस के कैरियर ब्यूरोक्रेट्स थे। उन्हें तीन साल का कॉन्ट्रैक्ट दिया जाएगा, जिसे कुल मिलाकर पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसमें आरक्षण के नियमों का भी फायदा नहीं मिलता है।

2017 में, नीति आयोग ने अपने थ्री-ईयर एक्शन एजेंडा और शासन पर सेक्टोरल ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज (SGoS) ने फरवरी में पेश की अपनी रिपोर्ट में केंद्र सरकार में मिड और सीनियर मैनेजमेंट लेवल पर कर्मियों को शामिल करने की सिफारिश की थी।

2018 में हुई शुरूआत

सरकार के मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर्स और डिप्टी सेक्रेटरी की पोस्ट पर भर्ती लेटरल एंट्री से की जाती है। UPSC में लेटरल एंट्री की शुरुआत साल 2018 में हुई थी। इसमें जॉइंट सेक्रेटरी लेवल की पोस्ट के लिए 6077 एप्लीकेशन आए। UPSC की सिलेक्शन प्रोसेस के बाद 2019 में अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों में 9 नियुक्ति हुई।

राहुल ने कहा था- SC-ST और OBC का हक छीना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है। UPSC में भर्तियों के नोटिफिकेशन के बाद 18 अगस्त को राहुल गांधी ने X पर लिखा था- नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के जरिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का हक छीना जा रहा है।

कोलकाता केस: CJI ने ममता सरकार, पुलिस और अस्पताल पर क्या उठाए सवाल; जानें सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में क्या हुआ

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से हुई दरिंदगी मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से लेकर पुलिस और अस्पताल प्रशासन तक को सीधे कठघरे में खड़ा किया। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य की प्रशासन व्यवस्था को लेकर कई सख्त टिप्पणियां भी की। अस्पताल में हुई तोड़फोड़ पर भी कोर्ट ने सवाल उठाए, साथ ही पूर्व प्रिंसिपल पर भी सख्त टिप्पणी की।

सीजेआई की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच ने राज्य सरकार का पक्ष रख रहे कपिल सिब्बल के सामने सवालों की बौछार कर दी। कोर्ट ने कड़े शब्दों में पूछा कि बॉडी आठ बजे रात को पैरेंट्स को दी गई और उसके बाद 11 बजकर 45 मिनट पर केस दर्ज क्यों हुआ? कोर्ट ने आगे पूछा कि क्या शुरुआत में मर्डर केस दर्ज नहीं किया गया? कॉलेज के प्रिंसिपल उस समय क्या कर रहे थे? उन्होंने एक्शन क्यों नहीं लिया? हैरानी की बात रही कि ज्यादातर सवालों को लेकर सिब्बल के पास भी जवाब नहीं था।

कोर्ट ने इसके साथ एक नैशनल टास्क फोर्स का गठन किया है जिसकी अंतरिम रिपोर्ट तीन हफ्ते में देनी होगी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से 22 अगस्त को स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई से गुरुवार तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। कोर्ट का कहना था कि कार्यस्थल पर डॉक्टरों की सुरक्षा पर विचार करने के लिए नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। टास्क फोर्स में डॉक्टर शामिल होंगे, जो सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे देश में अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों से हमें अवगत कराएंगे।

नैशनल टास्क फोर्स में कौन-कौन?
कोलकाता केस पर सुप्रीम कोर्ट आज पूरी तैयारी के साथ आई थी। सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच ने नैशनल टास्क फोर्स का गठन भी कर दिया है। इस टास्क फोर्स में निम्नलिखित सदस्य शामिल हैं-
➤सर्जन वाइस एडमिरल आर सरिन, महानिदेशक चिकित्सा सेवाएं (नौसेना)
➤डॉक्टर डी नागेश्वर रेड्डी
➤डॉक्टर एम श्रीनिवास, एम्स दिल्ली निदेशक
➤डॉक्टर प्रतिमा मुर्ति, NIMHANS बेंगलुरु
➤डॉक्टर गोवर्धन दत्त पुरी, एम्स जोधपुर
➤डॉक्टर सौमित्र रावत, सदस्य गंगाराम हॉस्पिटल, दिल्ली
➤प्रोफेसर अनिता सक्सेना, कार्डियोलॉजी विभाग प्रमुख, AIIMS दिल्ली
➤प्रोफेसर पल्लवी सापरे, डीन ग्रांट मेडिकल कॉलेज मुंबई
➤डॉक्टर पद्मा श्रीवास्तव, न्यूरोलॉजी विभाग, AIIMS
➤राष्ट्रीय कार्यदल के पदेन सदस्य: (i) भारत सरकार के कैबिनेट सचिव, (ii) भारत सरकार के गृह सचिव, (iii) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव, (iv) राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष, (v) राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष।

अस्पताल से पूछे सवाल 

CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने पश्चिम बंगाल सरकार और हॉस्पिटल प्रशासन को फटकार लगाई। CJI ने कहा कि जब हत्या की घटना हुई, उस समय पीड़िता के माता-पिता वहां मौजूद नहीं थे। ये हॉस्पिटल प्रबंधन की जिम्मेदारी थी कि वो एफआईआर दर्ज कराए। सीजेआई ने सवाल किया कि एफआइआर देर से क्यों दर्ज हुई? हॉस्पिटल प्रशासन आखिर क्या कर रहा था? CJI ने पूछा- उस समय प्रिंसिपल क्या कर रहे थे? माता-पिता को पीड़िता का शव भी देर से सौंपा गया। SC ने पूछा, सबसे पहले एफआईआर किसने और कब दर्ज कराई। इस पर जानकारी दी गई कि मामले में उस रात 11.45 पर पहली एफआईआर दर्ज की गई। CJI ने कहा की अभिभावकों को बॉडी देने के 3 घंटे 30 मिनट के बाद एफआईआर दर्ज की गई?

पुलिस से मांगे जवाब

कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने में देरी के लिए पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस को फटकारा। कोर्ट ने कहा, शुरुआत में मामले में FIR दर्ज नहीं की गई। पुलिस क्या कर रही थी? एक गंभीर अपराध हुआ है। उपद्रवियों को अस्पताल में घुसने दिया गया?  CJI ने कहा कि पुलिस ने क्राइम सीन को प्रोटेक्ट क्यों नहीं किया? हजारों लोगों को अंदर क्यों आने दिया?  पुलिस को सबसे पहला काम अपराध स्थल की सुरक्षा करना है।

कोलकाता केस पर सुनवाई के दौरान बड़ी बातें
➤9 तारीख को रेप और मर्डर हुआ, इस क्राइम ने देश को झकझोर दिया
➤प्राइवेसी डिगनिटी को तार तार किया और पीड़िता की पहचानको उजागर किया गया
➤ पैरेंट्स को आत्महत्या करने की बात कही गई, बाद में केस सीबीआई केस को ट्रांसफर हुआ
➤देश भर में प्रदर्शन हुआ, प्रदर्शन के दौरान कई लोग अस्पताल में में घुसे और तोड़फोड़ हुई
➤17 अगस्त को देशव्यापी हड़ताल हुई, राज्य सरकार ने सुनिश्चित किया कि लॉ एंड ऑर्डर हो
➤राज्य सरकार तोड़फोड़ रोकने के लिए तैयार नहीं थी, डॉक्टर की सेफ्टी का सवाल उठा है
➤मेडिकल पेशेवर टारगेट किया जा रहा है
➤मई 2024 रिलेटिव ने लापरवाही का आरोप लगातार डॉक्टर पर अटैक किया
➤नर्स और डॉक्टर की सेफ्टी में सिस्टमैटिक फैल्योर हुआ है
➤महिला सेक्सुअल वॉयलेंस की शिकार हुई है, इसीलिए शीर्ष अदालत चिंतित है और संज्ञान लिया है
➤सेक्सुअल वॉयलेंस गंभीर चिंता का विषय है
➤सेफ्टी की चिंता सभी मेडिकल पेशेवर की चिंता है
➤सिर्फ डॉक्टर की बात नहीं है सिर्फ बल्कि देश हित में सभी मेडिकल स्टाफ की सेफ्टी सुनिश्चित करने की बात है
➤संविधान के समानता की बात करता है, कई स्टेट में हेल्थ केयर सेफ्टी के लिए कानून बना रखे हैं
➤ग्राउंड रियलिटी ये है कि मेडिकल प्रोफेशन्ल को खतरे में छोड़ दिया गया है
➤जहां काम करते हैं और जहां रहते हैं वह बहुत खराब है
➤कोई ट्रांसपोर्टेशन नहीं है, सीसीटीवी नहीं होता है
➤पेशेंट और अटेंडेंट कहीं भी चले जाते हैं
➤मेडिकल स्टाफ के लिए सपोर्टिव सिस्टम नहीं है

बता दें, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त की रात 31 साल की ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव बरामद किया गया था। घटना सेमिनार हॉल की है। शरीर पर चोट के निशान थे और खून बह रहा था। जांच में पता चला कि डॉक्टर से रेप किया गया, उसके बाद हत्या कर दी गई। पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया गया है कि इस घटना में कई लोग शामिल हैं। कोलकाता हाईकोर्ट ने मामले की जांच पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर कर दी। जांच एजेंसी लगातार अस्तपाल के पूर्व प्रिंसिपल से पूछताछ कर रही है।

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