Tuesday, July 29, 2025
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IND vs ENG 4th Test: मैनचेस्टर में इतिहास रचने के इरादे से उतरेगा भारत, बारिश बन सकती मैच में विलेन, जानें क्या कहते हैं ओल्ड ट्रैफर्ड के आंकड़े

IND vs ENG 4th Test: तेंदुलकर एंडरसन सीरीज का चौथा टेस्ट आज से भारत और इंग्लैंड के बीच खेला जाएगा. यह मैच मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेला जाएगा. सीरीज का पहला टेस्ट इंग्लैंड ने जीता था, जबकि दूसरे टेस्ट में भारत ने जीत दर्ज कर सीरीज बराबर कर दी थी, तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड ने जीत हासिल की, इस तरह से सीरीज में इंग्लैंड ने 2-1 से बढ़त बना रखी है. अब अगर टीम इंडिया को सीरीज जीतने की उम्मीद को बरकरार रखना है, तो हर हाल में मैनचेस्टर में जीत दर्ज करनी होगी.

क्या कहता है ओल्ड ट्रैफर्ड का इतिहास

ओल्ड ट्रैफर्ड में टीम इंडिया ने 89 वर्षों के टेस्ट इतिहास में कभी जीत दर्ज नहीं की है. भारत यहां नया इतिहास रचना चाहेगा. टीम इंडिया ने 1936 से लेकर अब तक यहां कुल 9 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से उसे 4 मैचों में हार का सामना करना पड़ा. वहीं, 5 मैच ड्रॉ रहे.

भारत के सामने सबसे बड़ा चैलेंज

भारत के सामने सबसे बड़ा चैलेंज उसके चोटिल खिलाड़ी हैं. ऑलराउंडर नीतीश रेड्डी चोट के कारण सीरीज के बाकी मैचों से बाहर हो गए हैं. वहीं, चोटिल तेज गेंदबाज अर्शदीप चौथे टेस्ट के लिए उपलब्ध नहीं होंगे. इसके अलावा ऋषभ पंत भी लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान चोटिल हो गए थे, जिसके चलते उनका विकेटकीपर के तौर पर खेलना मुश्किल है, लेकिन वो बतौर बल्लेबाज टीम का हिस्सा होंगे. आकाशदीप भी ग्रोइन की चोट से जूझ रहे हैं. इसीलिए उनके चौथा टेस्ट खेलने पर असमंजस बरकरार है.

मैनचेस्टर में बारिश डाल सकती खलल

चौथा टेस्ट 23 से 27 जुलाई के बीच खेला जाएगा. पहले दिन बारिश होने का अनुमान 59 प्रतिशत है तो वहीं, दूसरे दिन बारिश की संभावना 50 प्रतिशत से ज्यादा है, तीसरे दिन यह अनुमान 25 फीसदी, चौथे दिन 58 प्रतिशत संभावना है. यहां तक की मैच के आखिरी दिन भी बारिश होने का अनुमान 58 फीसदी है. ऐसे में मैच के पांचों दिन बारिश हो सकती है. ऐसे में टीम इंडिया को यह ध्यान रखकर अपनी रणनीति बनानी होगी.

हॉन्गकॉन्ग से दिल्ली आई फ्लाइट में लैंडिंग के बाद लगी आग, एअर इंडिया फ्लाइट में मची अफरातफरी, सभी यात्री सुरक्षित

दिल्ली। हॉन्गकॉन्ग से दिल्ली आई एअर इंडिया की फ्लाइट AI 315 में दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड होने के बाद अचानक आग लग गई। जब विमान लैंडिंग के तुरंत बाद दिल्ली एयरपोर्ट पर गेट पर खड़ा था और उसके सहायक पावर यूनिट (APU) में अचानक आग लग गई। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ और सभी यात्री व चालक दल सुरक्षित विमान से बाहर निकाल लिया गया है।

एअर इंडिया के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि विमान के पार्क होते ही APU में तकनीकी खराबी के चलते आग लगी। उन्होंने बताया कि घटना के दौरान विमान से यात्री नीचे उतर रहे थे और सिस्टम डिजाइन के मुताबिक APU ऑटोमेटिक शटडाउन हो गया, जिससे स्थिति को तुरंत नियंत्रित किया गया। इस घटना में विमान को कुछ नुकसान पहुंचा, लेकिन सभी यात्री और चालक दल के सदस्य सुरक्षित रूप से विमान से उतर गए और सभी सुरक्षित हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि विमान को आगे की जांच के लिए भेज दिया गया है और संबंधित नियामक प्राधिकरण को इसकी सूचना दे दी गई है।

IND vs ENG Test Series : चौथे टेस्ट से पहले बेन स्टोक्स ने दिया चौंकाने वाला बयान, विपक्षी खिलाड़ियों के साथ बहस करने से पीछे नहीं हटे

IND vs ENG Test Series : मैनचेस्टर। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने मंगलवार को कहा कि उनकी टीम बुधवार से यहां शुरू हो रहे चौथे टेस्ट मैच में भारतीय खिलाड़ियों की किसी भी आक्रामकता का जवाब उन्हीं की भाषा में देगी। उन्होंने इस बात का संकेत दिया कि इस कड़ी टक्कर वाली श्रृंखला में जुबानी जंग थमने की संभावना नहीं है। इंग्लैंड पांच मैच की श्रृंखला में 2-1 से आगे है लेकिन भारतीय कप्तान शुभमन गिल, मोहम्मद सिराज, जैक क्रॉली, बेन डकेट, स्टोक्स और हैरी ब्रूक जैसे खिलाड़ी विपक्षी खिलाड़ियों के साथ कुछ बहस करने से पीछे नहीं हटे हैं।

हम पीछे हटने वाले नहीं हैं : स्टोक्स

बेन स्टोक्स ने ओल्ड ट्रैफर्ड में होने वाले मैच की पूर्व संध्या पर कहा, मुझे नहीं लगता कि यह उन चीजों में से एक है जहां हम मैदान में उतरकर (छींटाकशी) शुरू कर देंगे। मुझे नहीं लगता कि दोनों टीम में से कोई भी असल में ऐसा करने की सोच रही है। मुझे लगता है कि टेस्ट श्रृंखला में हमेशा एक ऐसा पल आता है जब माहौल कुछ गर्म हो जाता है। यह एक बड़ी श्रृंखला है और दोनों टीम पर अच्छा प्रदर्शन करने का बहुत दबाव है।

यह किसी विशेष स्थिति के प्रति स्वाभाविक प्रतिक्रिया हो सकती है लेकिन स्टोक्स ने स्पष्ट संकेत दिया कि प्रतिद्वंद्वी खेमे की आक्रामकता को हल्के में नहीं लिया जाएगा। स्टोक्स ने कहा, जैसा कि मैंने कहा, यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे हम जानबूझकर मैदान पर जाकर शुरू करने की कोशिश करेंगे क्योंकि इससे हमारा ध्यान उस चीज से हट जाएगा जो हमें मैदान पर वास्तव में करने की जरूरत है। लेकिन किसी भी तरह से हम पीछे हटने वाले नहीं हैं और किसी भी विरोधी टीम को हमारे प्रति आक्रामक होने की कोशिश नहीं करने देंगे।

उन्होंने कहा, और पलटवार की कोशिश नहीं करेंगे। सच कहूं तो मुझे लगता है कि अधिकतर टीम ऐसा ही करती हैं। इसलिए ऐसा नहीं है कि हम एकमात्र टीम है जो ऐसा करती है। लेकिन यह श्रृंखला शानदार रही है। इसे देखना शानदार रहा है। सभी पांच दिन, अब तक के सभी तीन टेस्ट। क्रिकेट का स्तर बेहतरीन रहा है। लॉर्ड्स में तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन माहौल गरमा गया जब क्रॉली और डकेट ने मैच में देरी करने की कोशिश की जिस पर सिराज और गिल ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

गिल ने डकेट की तरफ अंगुली से इशारा किया : स्टोक्स

गिल ने डकेट की तरफ अंगुली से इशारा किया जिसके परिणामस्वरूप इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज ने भी वैसी ही प्रतिक्रिया दी। स्टोक्स ने पूरे घटनाक्रम को सही ठहराया। स्टोक्स ने कहा, जाहिर है उस रात (लॉर्ड्स में) जब जैक और बेन को मैदान पर उतरना पड़ा जिसके बाद चीजों की शुरुआत हुई। हमें टेस्ट मैच में आखिर में गेंदबाजी करने का फायदा मिला जिससे हमने जीत दर्ज की। हमने भारत पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी, ना सिर्फ अपने कौशल से, बल्कि मैदान पर ऊर्जा से भी।

स्टोक्स ने स्वीकार किया कि भारतीय खिलाड़ियों की आक्रामकता ने उनकी टीम में जोश भर दिया। उन्होंने कहा, हैरी ब्रूक ने कहा, ब्रेंडन मैकुलम ने कहा, आप लोग बहुत अच्छे रहे हैं। क्या आप सहमत हैं? हां, मुझे लगता है कि संभावित रूप से। मुझे लगता है कि यह वास्तव में एक अच्छा क्षण था, मुझे लगता है, एक टीम के रूप में जब आप इस तरह की बात करते हैं तो हर कोई उसमें शामिल होता है (विपक्ष की आक्रामक रणनीति का जवाब देते हुए)।

Bihar Election 2025 : विपक्ष कर रहा गुंडागर्दी, भारत कोई धर्मशाला नहीं, एसआईआर के मुद्दे पर प्रदर्शन को लेकर बीजेपी का बड़ा हमला

Bihar Election 2025 : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण का विरोध करने पर विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना की और उन पर ‘गुंडागर्दी’ का सहारा लेने का आरोप लगाया ताकि बांग्लादेशी और रोहिंग्या ‘घुसपैठियों’ सहित विदेशी लोगों को चुनावों में वोट देने का अधिकार मिल सके। विपक्षी सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ संसद के दोनों सदनों में प्रदर्शन किया। लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं।

एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद भवन परिसर में भी इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया। वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में एसआईआर को लेकर इतना हंगामा इसलिए हो रहा है क्योंकि बांग्लादेशियों और घुसपैठियों के दम पर अपनी राजनीति चमकाने वाले डरे हुए हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, संविधान के अनुसार, केवल भारतीय नागरिक ही चुनाव में मतदान कर सकते हैं। अगर इसकी जांच हो रही है तो इसमें क्या समस्या है? भारत कोई धर्मशाला नहीं है। प्रसाद ने दावा किया कि बिहार के अररिया, किशनगंज और पूर्णिया में जिलों की आबादी से ज्यादा आधार कार्ड बनाए गए हैं उन्होंने कहा, क्या इस मामले की जांच नहीं होनी चाहिए? क्या यह जांच नहीं होनी चाहिए कि कोई व्यक्ति एक से ज्यादा मतदान केंद्रों पर मतदाता के रूप में पंजीकृत तो नहीं?

संवैधानिक संस्था पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा विपक्ष : गिरिराज सिंह

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि वह अपनी चालों से एक संवैधानिक संस्था पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि वह उसे अपने तरीके से चला सके। बेगूसराय के सांसद ने आरोप लगाया, आप (विपक्षी दल) संविधान के साथ ‘गुंडागर्दी’ कर रहे हैं, आप संविधान को अपने पैरों तले रौंद रहे हैं। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, क्या वे (विपक्ष) चाहते हैं कि विदेशियों को, चाहे वे रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी, वोट देने का अधिकार मिले? अगर वे यही चाहते हैं तो उन्हें यह स्पष्ट रूप से कहना चाहिए।

Land Pooling Policy : पंजाब मंत्रिमंडल ने ‘लैंड पूलिंग’ नीति में संशोधन को मंजूरी दी, हर साल राशि में 10 प्रतिशत की वृद्धि मिलेगी

Land Pooling Policy : चंडीगढ़। पंजाब मंत्रिमंडल ने मंगलवार को ‘लैंड पूलिंग’ नीति में संशोधन को मंजूरी दे दी तथा मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने योजना के खिलाफ कथित दुष्प्रचार करने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की। मान ने विपक्ष के इस आरोप का खंडन किया कि यह योजना किसानों से उनकी जमीन छीन लेगी और दावा किया कि कृषक समुदाय को यह नीति ‘पसंद’ आ रही है। पंजाब मंत्रिमंडल ने पिछले महीने ‘लैंड पूलिंग’ नीति को मंजूरी दी थी और तब कहा था कि भूमि मालिकों से एक गज भी जमीन जबरन अधिग्रहित नहीं की जाएगी। यहां कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मान ने कहा कि विपक्षी दलों का यह दावा निराधार है कि भूमि को लेकर अधिसूचना जारी होने के बाद जमीन की रजिस्ट्री नहीं होगी।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, उदाहरण के लिए, यदि 140 एकड़ भूमि पर शहरी संपदा विकसित की जानी है और 15 एकड़ भूमि के मालिक इसके लिए अपनी जमीन नहीं देते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि किसान (जिनके पास 15 एकड़ जमीन है, वह) ऋण नहीं ले सकते या अपनी जमीन गिरवी नहीं रख सकते। मान ने कहा कि जब तक भूमि पर शहरी विकास कार्य शुरू नहीं हो जाता, तब तक ‘लैंड पूलिंग’ योजना का विकल्प चुनने वाले किसान उस पर खेती कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें प्रति एकड़ 50,000 रुपये का मुआवजा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा भूमि पर कब्जा लेने के बाद किसानों को प्रति एकड़ एक लाख रुपये मिलेंगे। मान ने किसानों के सुझावों के बाद नीति में किए गए संशोधनों का जिक्र करते हुए कहा, ‘यदि भूमि विकास में एक वर्ष से अधिक समय लगता है, तो किसानों को हर साल (एक लाख रुपये की) राशि में 10 प्रतिशत की वृद्धि मिलेगी।’

मान ने ‘लैंड पूलिंग’ नीति को आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार की ऐतिहासिक नीति बताया और कहा कि यह ऐसी नीति है जिसमें किसानों के साथ कोई अन्याय नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ‘बल्कि, वे (किसान) इस योजना के भागीदार बन रहे हैं। उन्हें यह नीति पसंद आ रही है।’ राज्य सरकार ने पहले कहा था कि लैंड पूलिंग नीति के तहत, भूमि मालिक को एक एकड़ भूमि के बदले में 1,000 वर्ग गज का आवासीय भूखंड और पूरी तरह से विकसित भूमि में 200 वर्ग गज का व्यावसायिक भूखंड दिया जाएगा।

मान ने कहा कि यदि कोई किसान 200 वर्ग गज का व्यावसायिक प्लॉट नहीं लेना चाहता है तो उसे 600 वर्ग गज का अतिरिक्त आवासीय भूखंड दिया जाएगा। मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने कहा कि किसान आशय पत्र के आधार पर ऋण प्राप्त कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, किसानों को कोई वित्तीय नुकसान नहीं होगा। ‘आप’ सरकार विपक्षी दलों की आलोचना का सामना कर रही है, जिन्होंने ‘लैंड पूलिंग’ नीति को किसानों की ज़मीन ‘लूटने’ की एक ‘लूट’ योजना करार दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा समेत कई किसान संगठनों ने भी इस योजना का विरोध किया है। पिछले महीने नीति को मंजूरी देने के बाद मान ने कहा था कि इसे राज्य भर में पारदर्शी और योजनाबद्ध शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है।

गढ़चिरौली को विकास से दूर रखने के लिए ‘शहरी नक्सली’ कर रहे विदेशी धन का इस्तेमाल : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

गढ़चिरौली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि राज्य के बाहर के ‘शहरी नक्सली’ अफवाहें फैलाने और गढ़चिरौली के लोगों को विकास के रास्ते से दूर रखने के लिए विदेशी धन का इस्तेमाल कर रहे हैं। फडणवीस गढ़चिरौली जिले में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद कोंसारी स्थित ‘लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड’ में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गढ़चिरौली में नक्सलवाद कम हो रहा है और यहां के जंगलों में बहुत कम नक्सली बचे हैं जिन्हें उंगलियों पर गिना जा सकता है। मुख्यमंत्री ने नक्सलियों से हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की। उन्होंने आगाह किया कि हालांकि ऐसे समय में जब सशस्त्र नक्सलियों की संख्या घट रही है, ‘शहरी नक्सलवाद’ बढ़ रहा है।

शहरी नक्सलियों’ के प्रति सतर्क रहने की जरूरत : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा, हमें ‘शहरी नक्सलियों’ के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है, जो गलत सूचनाएं फैला रहे हैं। फडणवीस ने कहा कि जब गढ़चिरौली ने प्रगति करना शुरू किया और यहां एक इस्पात संयंत्र की आधारशिला रखी गई, तो अगले ही दिन सोशल मीडिया पर एक अभियान और पोस्ट शुरू हो गए, जिसमें दावा किया गया कि आदिवासियों की हत्या की जा रही है और उनकी जमीन पर इस्पात संयंत्र का निर्माण किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अभियान में यह भी दावा किया गया कि बड़े पैमाने पर वनों की कटाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि अचानक ऐसा अभियान कैसे शुरू हो गया, जबकि सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया था और वह सभी को साथ लेकर विकास की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पुलिस विभाग और गढ़चिरौली के आईजी संदीप पाटिल से यह पता लगाने को कहा कि वे लोग कौन हैं।

फडणवीस ने कहा, आपको जानकर हैरानी होगी कि ये लोग महाराष्ट्र के नहीं थे। दो लोग कोलकाता में बैठे थे, और दो बेंगलुरु में, और ये लोग विदेशी फंडिंग पर काम कर रहे थे। ये लोग इस पैसे का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट के जरिए लोगों को संविधान के खिलाफ भड़काने के लिए कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके जैसे कुछ लोग (शहरी नक्सली) लोगों को विकास से दूर रखने के लिए अफवाहें फैलाकर उनके बीच भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

MIG-21: भारतीय वायुसेना की ताकत से ‘उड़न ताबूत’ तक का सफर, 62 साल बाद रिटायर हो जाएगा MIG-21, जानें क्यों है इतना खास

MIG-21 Retirement: भारतीय वायुसेना का सबसे पुराना लड़ाकू विमान मिग-21 इतिहास बनने जा रहा है. मिग-21 ने 62 साल तक देश की हवाई ताकत को मजबूती दी. अब IAF ने इस लड़ाकू विमान को रिटायर करने का फैसला लिया है. चंडीगढ़ एयरबेस पर 23 स्क्वाड्रन(पैंथर्स) एक विशेष समारोह में इस विमान को विदाई देगा. बार-बार हादसों का शिकार होने के कारण इसे ‘उड़ता ताबूत’ भी कहा जाने लगा.

मिग-21 के रिटायर होने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत 29 स्क्वाड्रनों तक सिमट जाएगी, जो 1965 के युद्ध के समय से भी कम है. भारतीय वायु सेना से 19 सितंबर 2025 को मिग-21 विमानों की विदाई होगी, इसकी के साथ ही इनकी जगह अब तेजस MK1A लड़ाकू विमान लेंगे, जिनका निर्माण भारत में ही किया गया है.

MK1A लेंगे MIG-21 की जगह

बता दें कि इंडियन एयरफोर्स के पास अभी 36 मिग-21 बचे हैं. IAF रूस में बने इन विमानों की शेष स्क्वाड्रनों को सितंबर माह में रिटायर करने जा रही है. दशकों तक देश की हवाई ताकत को मजबूत करने वाले ये विमान अब सेवा से हटाए जा रहे हैं. इनकी जगह अब स्वदेशी रूप से विकसित तेजस MK1A लड़ाकू विमान वायु सेना की नई ताकत बनेंगे.

क्या है मिग-21 फाइटर जेट की खासियत

मिग-21 एक हल्का सिंगल पायलट लड़ाकू विमान है. इंडियर एयरफोर्स ने पहली बार 1960 में मिग-21 विमानों को अपने बेड़े में शामिल किया था. और तब से यह लंबे समय तक भारत की वायु शक्ति की रीढ़ बना रहा. सोवियत रूस के मिकोयान-गुरेविच डिजाइन ब्यूरो ने इसे 1959 में बनाना शुरू किया था. यह विमान 18 हजार मीटर तक की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है. ये हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और बम को अपने साथ ले जाने में सक्षम है. भारतीय वायुसेना(IAF)ने 1965 और 1971 में हुई भारत पाक युद्ध में इन फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया था. इन्हें वायुसेना की रीढ़ माना जाता था, लेकिन इनकी खामियों के कारण भी इंडियन एयरफोर्स को काफी नुकसान भी उठाना पड़ा.

मिग-21 कई अहम युद्धों का रहा हिस्सा

मिग-12 को भारतीय वायुसेना की रीढ़ कहा जाता था. यह लड़ाकू विमान कई युद्धों का गवाह बना. 1965 के भारत पाक युद्ध में पहली बार मिग-21 जंग के मैदान में उतरा और पाकिस्तान के विमानों को टक्कर दी. 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, इससे पाकिस्तानी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए. 1999 के कारगिल युद्ध में रात के समय उड़ान भर दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाया. साल 2019 में जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ एयरस्ट्राइक की थी, इसी दौरान ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान ने मिग-21 से अमेरिका निर्मित F-16 फाइटर जेट को मार गिराया था. साल 2025 में ऑपरेशन सिंदूर में मिग-21 आखिरी बार शामिल हुआ.

मिग-21 को क्यों कहा जाता है उड़ता ताबूत

रूस में बनाए गए इन विमानों में खामियां के कारण यह क्रैश हो जाते हैं. जिसके कारण 1985 में रूस ने अपनी वायुसेना से इन लड़ाकू विमानों को रिटायर कर दिया था, रूस से यह विमान बांग्लादेश ने भी खरीदे थे और उन्होंने ने भी अपनी वायुसेना से मिग -21 को हटा दिया था. कई बार हादसों का शिकार होने की वजह से इसे ‘उड़ता ताबूत’ फ्लाइंग कॉफिन’ कहा जाने लगा.

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Dap Fertilizer : अनुप्रिया पटेल बोली- स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए अप्रैल-जून में करीब 10 लाख टन डीएपी का आयात किया गया

Dap Fertilizer : नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि घरेलू मांग को पूरा करने के लिए अप्रैल-जून तिमाही के दौरान 9.74 लाख टन डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) का आयात किया गया। रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न कंपनियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, चालू वर्ष के लिए डीएपी आयात के आंकड़े पेश किए।

आंकड़ों के अनुसार, भारत ने अप्रैल में 2.89 लाख टन, मई में 2.36 लाख टन और जून में 4.49 लाख टन डीएपी का आयात किया। वित्त वर्ष 2024-25 में 45.69 लाख टन डीएपी का आयात किया गया जबकि 2023-24 में यह मात्रा 55.67 लाख टन; 2022-23 में 65.83 लाख टन; 2021-22 में 54.62 लाख टन और 2020-21 में 48.82 लाख टन रही।

2025 की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता : अनुप्रिया पटेल

पटेल ने कहा, सरकार खरीफ 2025 की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है… 2025 खरीफ सीजन के दौरान रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ी अधिक है, जिसका कारण बुवाई का विस्तृत क्षेत्र और अनुकूल मानसून है।

उन्होंने कहा, उर्वरकों की मांग (आवश्यकता) और उत्पादन के बीच के अंतर को आयात के जरिए पूरा किया जाता है। इसके अलावा, भू-राजनीतिक कारकों के कारण आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के प्रभाव को कम करने के लिए, उर्वरक कंपनियों ने निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने की खातिर डीएपी उत्पादक देशों के साथ दीर्घकालिक व्यवस्था की है। वर्ष 2024-25 में यूरिया का आयात 56.47 लाख टन जबकि 2023-24 में 70.42 लाख टन ; 2022-23 में 75.80 लाख टन; 2021-22 में 91.36 लाख टन और 2020-21 में 98.28 लाख टन रहा।

India-US Trade Agreement: भारत अमेरिका ने व्यापार समझौते के लिए 5वें दौरे की वार्ता पूरी, संसद को दी गई यह जानकारी

India-US Trade Agreement: भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए मार्च 2025 में शुरू वार्ता के अब तक पांच दौर पूरे हो चुके हैं। सरकार ने मंगलवार को संसद में यह जानकारी दी। वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते के लिए भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच अब तक 12 दौर की वार्ता हो चुकी है।

अंतिम दौर की वार्ता 7 से 11 जुलाई तक ब्रसेल्स में आयोजित की गई थी। प्रसाद ने बताया, भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर वार्ता मार्च 2025 में शुरू की गई थी। वार्ता के पांच दौर हो चुके हैं, जिनमें से अंतिम वार्ता 14 से 18 जुलाई तक वाशिंगटन में हुई थी। मंत्री ने एक अलग प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि पिछले पांच वर्षों में बौद्धिक संपदा (आईपी) फाइलिंग 2020-21 में 4,77,533 से 44 प्रतिशत बढ़कर 2024-25 में 6,89,991 हो गई हैं।

उन्होंने बताया कि सबसे अधिक वृद्धि भौगोलिक संकेतक (जीआई) में देखी गई, जिसमें 380 प्रतिशत की वृद्धि हुई, इसके बाद डिजाइन (266 प्रतिशत), पेटेंट (180 प्रतिशत), कॉपीराइट (83 प्रतिशत), ट्रेडमार्क (28 प्रतिशत) और सेमीकंडक्टर इंटीग्रेटेड सर्किट लेआउट-डिजाइन (एसआईसीएलडी) में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हस्तशिल्प, कृषि और खाद्य जैसे क्षेत्रों में अब तक 697 जीआई पंजीकरण जारी किए जा चुके हैं।

Mumbai Train Blasts : 12 आरोपियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची महाराष्ट्र सरकार, 24 जुलाई को होगी सुनवाई

Mumbai Train Blasts : उच्चतम न्यायालय 11 जुलाई 2006 को मुंबई में कई ट्रेन में किए गए सात बम धमाकों के मामले में सभी 12 आरोपियों को बरी करने के मुंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर 24 जुलाई को सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया की पीठ ने मंगलवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा उच्च न्यायालय के 21 जुलाई के फैसले के खिलाफ राज्य की अपील का तत्काल सुनवाई के अनुरोध का संज्ञान लिया और कहा कि बृहस्पतिवार को सुनवाई की जाएगी।

मेहता ने कहा, यह गंभीर मामला है। एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) तैयार है। कृपया इसे कल सूचीबद्ध करें। मामला जरूरी है… अब भी कुछ अहम पहलुओं पर गौर किया जाना बाकी है। मुंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को सभी 12 आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष अपराध को साबित करने में पूरी तरह नाकाम रहा और ‘‘यह विश्वास करना कठिन है कि आरोपियों ने अपराध किया है।’’

उच्च न्यायालय का यह फैसला मुंबई पश्चिमी रेलवे नेटवर्क को हिला देने वाले आतंकवादी हमले के 19 साल बाद आया। इस हमले में 180 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य लोग घायल हुए थे।

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