Tuesday, February 11, 2025
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Parliament Budget Session:’चांद पर पहुंचने का क्या फायदा जब जमीन की समस्याएं नहीं दिखती हों’, संसद में बोले अखिलेश यादव, वित्त मंत्री के बयान का जिक्र कर कसा तंज

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद में महाकुंभ की अव्यवस्थाओं और ट्रैफिक जाम का मुद्दा उठाया, उन्होंने अमेरिका से डिपोर्ट किए गए प्रवासियों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक बयान का हवाला देते हुए कटाक्ष किया कि जैसे पॉपकॉर्न में GST का हेरफेर हो गया है, कहीं मखाने में न हो जाए।

Parliament Budget Session: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्था में कथित खामियों और कई स्थानों पर यातायात जाम होने का हवाला देते हुए मंगलवार को लोकसभा में कहा कि वहां की तस्वीरें देखकर सनातन धर्म को मानने वाले हर व्यक्ति को बहुत दुख पहुंचा है. उन्होंने लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए यह आरोप भी लगाया कि उत्तर प्रदेश की ‘डबल इंजन’ सरकार ‘डबल ब्लंडर’ कर रही है.

‘विकसित राष्ट्र बनाने के लिए बजट में कोई रोडमैप नहीं दिखाई देता’

यादव ने आरोप लगाया कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए बजट में कोई रोडमैप नहीं दिखाई देता है. उन्होंने अमेरिका से वापस भेजे गए ‘अवैध’ भारतीय प्रवासियों का उल्लेख करते हुए कहा, ”क्या पिछले 10 बजट इसलिए बनाए गए थे कि दुनिया यह देखे कि भारत के लोग हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां बांधकर भेजे गए.

पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर किया कटाक्ष

अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे का हवाला देते हुए कटाक्ष किया, ”पिछली बार हीरा लेकर गए थे. इस बार हो सके तो सोने की जंजीर लेकर जाइएगा. हो सके तो कुछ और लोगों को वहां से किसी दूसरे जहाज में अपने साथ लेते आइएगा.”

लोग 300 किलोमीटर जाम में फंसे रहे : अखिलेश यादव

यादव ने कहा कि एक दूसरी तस्वीर महाकुंभ में दिखी जो सनातन को मानने वालों को दुख पहुंचाने वाली थी. उन्होंने कहा कि प्रयागराज में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा और 300 किलोमीटर जाम में फंसे रहे. भाजपा की तरफ से पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की गई कि वे लोगों की मदद के लिए आगे आएं. क्या ऐसी तस्वीर होनी चाहिए जिसमें आप यातायात नहीं संभाल पा रहे हैं.

‘चांद पर पहुंचने का क्या फायदा जब जमीन की समस्याएं नहीं दिखती हों’

यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा कि चांद पर पहुंचने का क्या फायदा जब जमीन की समस्याएं नहीं दिखती हों. उन्होंने सवाल किया,”जिन ड्रोन की बात की गई, वो कहां हैं? डिजिटल इंडिया कहां है?” सपा अध्यक्ष ने दावा किया कि मौनी अमावस्या के मौके पर महाकुंभ में मची भगदड़ में मारे गए लोगों का सही आंकड़ा नहीं बताया गया. उन्होंने कहा कि आज ‘डिजिटल अरेस्ट’ के माध्यम से लाखों रुपये लूटे जा रहे हैं, इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं?

क्या सरकार के पास रुपये में गिरावट का कोई जवाब है: अखिलेश

यादव ने दावा किया कि बजट में ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के उत्थान के लिए कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि क्या सरकार के पास रुपये में गिरावट का कोई जवाब है? देश में अब भी 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देना पड़ रहा है, क्या यही विकसित भारत की तस्वीर है?

‘उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार डबल ब्लंडर कर रही’

यादव ने कहा, ”यह बजट चार इंजन वाला है. लगता है कि एक के बाद एक इंजन खराब होते गए, इसलिए चार इंजन लगाने पड़े. उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की ‘डबल इंजन’ सरकार ‘डबल ब्लंडर’ कर रही है. किसानों की आय दोगुना करने का सपना दिखाने वाली सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं है.

‘MSP की कानूनी गारंटी को लेकर कुछ नहीं किया गया’

उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी को लेकर कुछ नहीं किया गया. उन्होंने आरोप लगाया,”इस सरकार ने एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न दे दिया, लेकिन उनकी कही गई बातों पर अमल नहीं किया. किसानों का कर्ज माफ किया जाना चाहिए और खेती में इस्तेमाल होने वाले उत्पादों तथा वस्तुओं पर जीएसटी नहीं होनी चाहिए.

सीतारमण के बयान का हवाला देते हुए किया कटाक्ष

सपा सुप्रीमो यादव ने कहा, ”देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच गई, लेकिन नौकरी और रोजगार नहीं हैं. उन्होने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक बयान का हवाला देते हुए कटाक्ष किया कि जैसे पॉपकॉर्न में GST का हेरफेर हो गया है, कहीं मखाने में न हो जाए. उनका इशारा बजट में बिहार के लिए मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा की तरफ था.

‘उत्तर प्रदेश में विकास विज्ञापनों में दिखाई देता है’

अखिलेश यादव ने कहा, ”नोटबंदी के समय बैंकों के सामने लगी एक लाइन में एक बच्चा पैदा हुआ था, जिसका नाम ‘खजांची’ रखा गया था. अब वह बड़ा हो गया है. मैं चाहूंगा कि आप (सरकार) खजांची को गोद ले लीजिए. गोद लेने के बाद नाम अपने हिसाब से बदल लीजिए. उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में निवेश के बड़े दावे किए गए, लेकिन वास्तविकता के धरातल पर कुछ नहीं उतरा. उत्तर प्रदेश में विकास विज्ञापनों में दिखाई देता है, लेकिन जमीन पर दिखाई नहीं देता.”

Premanshu Chaturvedi
Premanshu Chaturvedihttp://jagoindiajago.news
समाचारों की दुनिया में सटीकता और निष्पक्षता के साथ नई कहानियों को प्रस्तुत करने वाला एक समर्पित लेखक। समाज को जागरूक और सूचित रखने के लिए प्रतिबद्ध।
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