गुरुग्राम। एयर इंडिया समूह 2026 के अंत तक अपने बेड़े में 26 नए विमानों को शामिल करेगा और उसकी 81 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन उन्नत विमानों से करने की योजना है। एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन ने सोमवार को यह जानकारी दी। विल्सन ने 12 जून को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे के बाद पहली बार मीडिया के साथ अपने औपचारिक संवाद में कहा कि अगले वर्ष कुल उड़ान क्षमता लगभग स्थिर रहेगी, क्योंकि नए विमानों के आने के साथ पट्टे पर लिए गए कुछ विमान लौटाए भी जाएंगे और कई विमान रेट्रोफिट (उन्नयन) कार्यक्रम में होंगे। उन्होंने विमानों की आपूर्ति, उन्नयन कार्यक्रम की प्रगति, आपूर्ति शृंखला की चुनौतियों, अमेरिका मार्ग की मांग और लॉयल्टी कार्यक्रम पर विस्तार से जानकारी दी।
एयर इंडिया को 2026 में कुल 26 नए विमान शामिल करने की योजना : सीईओ
एयर इंडिया को 570-विमानों के अपने विशाल ऑर्डर का पहला बोइंग-787-9 इस महीने मिलेगा और यह जनवरी से सेवा में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि 2026 में एयर इंडिया के पास कम संख्या में बोइंग 777 होंगे, क्योंकि कुछ पट्टे वाले विमान वापस किए जा रहे हैं और तीन पुराने विमान हटाए जाएंगे। समूह के पास फिलहाल करीब 300 विमान हैं। इनमें 187 विमान एयर इंडिया के हैं जबकि 110 से अधिक विमान एयर इंडिया एक्सप्रेस के हैं।

विल्सन ने बताया कि 2026 में चौड़े आकार वाले विमान सबसे ज्यादा दिखाई देंगे। फरवरी से रेट्रोफिट किए गए पहले दो बोइंग 787-8 भी सेवा में आ जाएंगे और हर महीने दो से तीन विमान उन्नत होकर लौटेंगे। इस तरह पूरा 787 बेड़ा वर्ष 2027 के मध्य तक उन्नत हो जाएगा। अगले वर्ष एयर इंडिया को छह नए बोइंग 787-9 और एयरबस ए350-1000 के अलावा संकरे आकार वाले 20 विमान भी मिलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि 12 जून के विमान हादसे में प्रभावित 95 प्रतिशत परिवारों को अंतरिम मुआवजा दिया जा चुका है। अहमदाबाद से उड़ान भरने के बाद लंदन गैटविक जाने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान गिर गया था, जिसमें 260 लोगों की मौत हुई थी।




