जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान को टीबी मुक्त बनाने की इच्छा शक्ति जताई है। उन्होंने कहा कि जब हम मिलकर कोरोना को हरा सकते हैं तो 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त भी बना सकते हैं। राजस्थान को टीबी मुक्त बनाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री मैं खुद हूं, मैंने कभी मेडिकल से जुड़ी फाइल नहीं रोकी। इससे आप समझ सकते हैं कि हमारी प्राथमिकता क्या है। राजस्थान शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में मॉडल स्टेट बन गया है। गहलोत ने कहा कि निरोगी राजस्थान के विजन को पूरा करने और साल 2030 तक राजस्थान को स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों में नंबर वन राज्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है। गहलोत सीएम निवास पर टीबी मुक्त राजस्थान सम्मेलन, टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के सैकंड फेज और 104-108 एम्बुलेन्स सेवाओं के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कानून बनाकर आमजन को स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। चार साल में 303 नए कॉलेज खोले गए हैं।
442 करोड़ के कार्यों का लोकार्पण
इस दौरान गहलोत ने 442 करोड़ की लागत के 224 मेडिकल संस्थानों का लोकार्पण-शिलान्यास किया। उन्होंने 122 करोड़ की लागत से बने 109 भवनों का लोकार्पण किया। 320 करोड़ की लागत के 115 मेडिकल संस्थानों का शिलान्यास किया। 50 नई 108 एम्बुलेंस और 20 नई 104 एम्बुलेंस को हरी झण्डी दिखाई.
राजस्थान में 6 फीसदी टीबी मरीज
गहलोत ने कहा कि हर गांव में मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करवाकर अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना हमारा वादा है। विश्व के 26 प्रतिशत टीबी के मरीज भारत में हैं और इनमें से 6 फीसदी राजस्थान में हैं। उन्होंने कहा कि इस साल राज्य की ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त करने के लिए 7000 पंचायतों में ‘टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान’ का दूसरा फेज शुरू किया है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘म्हारे गांव टीबी न पसारे पांव, टीबी रोग जागरूकता पोस्टर और बुकलेट’ का भी विमोचन किया।
8 कलेक्टर व 29 सरपंच सम्मानित
2022 में टीबी उन्मूलन में बेहतर कार्य के लिए बारां, भीलवाड़ा, जालोर, जैसलमेर को सिल्वर और बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद और उदयपुर को ब्रॉन्ज मेडल दिया। सीएम ने आठों कलक्टर और 29 सरपंचों को भी सम्मानित किया गया।
अंगदान में बनाया विश्व रिकॉर्ड
अंगदान अभियान में प्रदेश में 1.43 करोड़ से अधिक लोगों के शपथ लेने पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन और ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड ने सर्टिफिकेट दिया। सर्वाधिक अंगदान की शपथ लेने वाले जिलों के सीएमएचओ को सम्मानित किया।