जयपुर। ज्यूडिशियरी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर सूबे में उबाल आया हुुआ है। वकीलों ने शुक्रवार को प्रदेशभर में न्यायिक कार्य ठप रखा। हाई कोर्ट से लेकर ज्यादातर अधीनस्थ अदालतों में कामकाज प्रभावित होने से लाेग परेशान रहे। इधर वकीलों ने मुख्यमत्री के बयान के विरोध में भाजपा के पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी की अगुवाई में गवर्नर को ज्ञापन दिया। इससे पूर्व कलेक्ट्रेट सर्किल पर वकीलों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री का पुतला जलाया। वकीलों ने मुख्यमंत्री के पोस्टर फाड़ डाले। वकील चाहते हैं कि मुख्यमंत्री अपने बयान के लिए बिना शर्त उनसे माफी मांगें। इस तरह का बयान देकर उन्होंने न्यायपालिका की अवमानना की है।
कलेक्ट्रेट सर्किल पर वकीलों ने शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन के दौरान रास्ता रोका। उन्होंने राहगीरों से जमकर अभद्रता की और उत्पात मचाया। प्रदर्शन कर रहे वकीलों ने यहां से गुजर रहे एक स्कूटर सवार को आगे जाने से रोका। स्कूटर सवार ने आगे जाने की विनती की। इस पर वकीलों का समूह उग्र हो गया। इनमें से एक वकील ने स्कूटर सवार को गलत शब्द कहते हुए लौट जाने को कहा। नहीं जाने पर हाथ पकड़ा और तमाचा जड़ दिया। इस पर स्कूटर सवार रोने लगा और पास ही खड़े पुलिसकर्मी से शिकायत की। इस पर पुलिसकर्मी बेबस दिखा और वह भी बचकर निकल गया। उच्च अधिकारी के पास जब यह वाकया पहुंचा तो इन पर कार्रवाई के लिए भी उन्हें सोचना पड़ गया। बाद में राहगीर व अन्य लोग डरकर लौट गए। यह तमाशा काफी देर तक चला। इस सारे घटनाक्रम को अपने कैमरे में हमारे सीनियर फोटो जर्नलिस्ट मुकेश शर्मा ने कैद किया। इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारियों से समझाइश भी की।
सीएम गहलोत के खिलाफ पीआईएल दायर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान के बाद उनके खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर हो चुकी हैं। हाई कोर्ट में पीआईएल दायर करके अधिवक्ता शिवचरण गुप्ता ने कहा- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह बयान न्यायपालिका को शर्मशार करने वाला है। यह न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को धूमिल करता है। गहलोत का यह बयान अवमानना की परिभाषा में आता है।
बार ने किया निंदा प्रस्ताव पारित
द डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन ने गहलोत की टिप्पणी पर निंदा प्रस्ताव पारित किया। बार के महासचिव गजराज सिंह राजावत ने बताया कि न्यायिक कार्य का बहिष्कार शुक्रवार को भी जारी रहा। बार ने प्रधानमंत्री , राष्ट्रपति , सीजे उच्चतम न्यायालय, सीजे राजस्थान उच्च न्यायालय, के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया है। उन्होने बताया कि समस्त राजस्थान में राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर, राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर, अधीनस्थ न्यायालय जोधपुर, अधीनस्थ न्यायालय जयपुर में न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया गया। बार काउंसिल के पूर्व उपाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह तंवर ने राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा कि गहलोत ने न्यायपालिका पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सार्वजनिक रूप से बयान दिया है।
लगातार हो रहे वकीलों के प्रदर्शन
गहलोत के बयान के बाद वकील लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को हाई कोर्ट परिसर में वकीलों ने उनका पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था। वहीं, आज जयपुर के सैशन कोर्ट में वकीलों ने सीएम गहलोत के खिलाफ प्रदर्शन करके मांग रखी कि सीएम गहलोत तुरंत अपने बयान के लिए माफी मांगें।
यह कहा था गहलोत ने
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि ज्यूडिशियरी में भयंकर भ्रष्टाचार हो रहा है। मैंने सुना है कि कई वकील तो जजमेंट लिखकर ले जाते हैं। वही जजमेंट आता है। ज्यूडिशियरी के अंदर यह क्या हो रहा है? चाहे लोअर ज्यूडिशियरी हो या अपर। हालात गंभीर हैं। देशवासियों को सोचना चाहिए।