शिमला। हिमाचल प्रदेश में बारिश से हुई भारी तबाही के बीच कम से कम 33 लोगों की मौत हो गई। सात लोगों की मौत शिमला में एक मंदिर के मलबे में दबकर हुई। बारिश के कारण कुछ जगह भूस्खलन हुए, जिसके चलते कई मुख्य सड़कें बंद हो गईं और कई घर ढह गए। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। शिमला के समर हिल इलाके में शिव मंदिर के मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका है। सावन का महीना होने के कारण हादसे के वक्त मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। शिमला में दो जगह भूस्खलन हुआ है और मंदिर के पास हुआ भूस्खलन उनमें से एक है। शिमला में भारी बारिश हो रही है।
राज्य में 752 सड़कें बंद
शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव कुमार गांधी ने बताया कि दूसरा भूस्खलन फगली इलाके में हुआ और वहां मलबे से पांच शव निकाले गए हैं, जबकि 17 लोगों को बचा लिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि समर हिल इलाके में एक शिव मंदिर और फागली इलाके में एक अन्य स्थान पर भूस्खलन हुआ और मलबे से नौ शवों को बाहर निकाला गया है। भारी बारिश के मद्देनजर सभी स्कूल और कॉलेज को सोमवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है। राज्य के आपात अभियान केंद्र के अनुसार, आपदा के कारण राज्य में 752 सड़कें बंद कर दी गयी हैं।
12 में से 9 जिलों में हाहाकार
मौसम कार्यालय ने सोमवार को कुल्लू, किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर राज्य के 12 में से नौ जिलों में अत्यधिक भारी बारिश होने का अनुमान जताया है और मंगलवार के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। सोलन जिले के जादोन गांव में बादल फटने से रविवार रात एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गयी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जिले में बादल फटने के बाद दो मकान बह गए। हादसे में छह लोगों को बचा लिया गया जबकि सात अन्य की मौत हो गयी। सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि मृतकों की शिनाख्त हरनाम (38), कमल किशोर (35), हेमलता (34), राहुल (14), नेहा (12), गोलू (8) और रक्षा (12) के रूप में की गयी है।
आंखों के सामने बह रहे अपने
सोलन के उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने बताया कि जिले की बलेरा पंचायत में एक झोंपड़ी के भूस्खलन की चपेट में आने से दो बच्चों की मौत हो गयी। उनमें से एक का शव बरामद कर लिया गया है। रामशहर तहसील के बनाल गांव में भूस्खलन में एक अन्य महिला की मौत हो गयी। उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने कहा कि मंडी जिले की सेघली पंचायत में रविवार देर रात भूस्खलन से दो साल के बच्चे समेत एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गई। तीन लोगों को बचाया गया। मुख्यमंत्री ने शिमला के समर हिल इलाके में घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रशासन की चेतावतनी, जरूरी हो तो ही निकलें बाहर
वहीं हमीरपुर में उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि जिले में मूसलाधार बारिश के कारण तीन लोगों की मौत हो गयी जबकि दो अन्य लापता हैं। उन्होंने जिले के सभी निवासियों से खराब मौसम के मद्देनजर खास एहतियात बरतने और अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचने की अपील की है। उन्होंने बताया कि बाढ़ में रविवार रात को एक व्यक्ति बह गया जबकि दो अन्य को बचा लिया गया। एक अन्य घटना में बारिश के कारण मकान ढहने से एक बुजुर्ग महिला मलबे में दब गयी जबकि उसके बेटे को बचा लिया गया। उन्होंने बताया कि जिले के रंगास इलाके में भूस्खलन में एक महिला की मौत हो गयी।
18 अगस्त तक नहीं मिलेगी राहत
हिमाचल प्रदेश में रविवार से हो रही भारी बारिश से कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ जिससे प्रमुख शिमला-चंडीगढ़ मार्ग समेत कई सड़कें अवरुद्ध हो गयी। राज्य के आपात अभियान केंद्र के अनुसार, कुल 752 सड़कें अवरुद्ध हैं। रविवार शाम से कांगड़ा में 273 मिलीमीटर, धर्मशाला में 250 मिमी, सुंदरनगर में 168 मिमी, मंडी में 140 मिमी, जब्बारहट्टी में 132 मिमी, शिमला में 126 मिमी, बरठी में 120 मिमी, धौलाकुआं में 111 मिमी और नाहन में 107 मिमी बारिश हुई।
मौसम विभाग ने मंगलवार को भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है और 18 अगस्त तक राज्य में बारिश का अनुमान जताया है।