जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के 2 अफसर और 1 पुलिस अधिकारी शहीद हो गए. अफसरों में एक कर्नल, एक मेजर और एक डीएसपी शामिल हैं. अनंतनाग में आतंकियों ने सर्च ऑपरेशन चला रहे सुरक्षाबलों पर गोलीबारी कर दी थी. इस दौरान कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए. मुठभेड़ के दौरान दो आतंकी मारे गए हैं.
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DSP हुमायूं भट की कहानी
शहीद डीएसपी हुमायूं भट की फैमिली में उनकी पत्नी और एक महीने की बेटी है. पिछले साल ही उनकी शादी हुई थी. उनके पिता गुलाम हसन भट पूर्व DIG हैं. परिवार बड़गाम के हुमहामा इलाके में एक कॉलोनी में रहता है. हुमायूं भट बीते तीन साल से जम्मू कश्मीर पुलिस में बतौर डीएसपी कार्यरत थे. हुमायूं की पत्नी प्रोफेसर हैं.
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हुमायूं भट्ट का पार्थिव शरीर जब तिरंगे में लिपटकर पहुंचा तो पिता गुलाम हसन भट ने बेटे को श्रद्धांजलि दी. वहीं हुमायूं भट की एक महीने की बेटी अपनी मां की गोद में मौजूद लोगों के चेहरे देख रही थी. जम्मू कश्मीर पुलिस के जांबाज DSP हुमायूं भट को अंतिम विदाई देने भीड़ उमड़ पड़ी. बुजुर्ग और जवान हर शख्स शहीद DSP के जनाजे को कंधा देने पहुंच गया.
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भट के पिता 1984 में जम्मू और कश्मीर में डीएसपी बने थे, जबकि आगे आईजी होकर साल 2018 रिटायर हुए। रोचक बात है कि ठीक उसी बरस बेटे हुमायूं डीएसपी बने। जिस हिसाब से वह ईमानदारी से काम कर रहे थे, उस लिहाज से कहा जा सकता है कि वह भी आगे चलकर अपने पिता का नाम करते उनके जैसे बड़े आला-अफसर बनते, पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।