Friday, November 15, 2024
HomeNational Newsद केरल स्टोरी के बाद अजमेर 92 पर बवाल, क्यों हो रही...

द केरल स्टोरी के बाद अजमेर 92 पर बवाल, क्यों हो रही फिल्म पर बैन लगाने की मांग?

फ़िल्म पर बैन की मांग की जा रही है. बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि ये फिल्म देश के लोगों को भ्रमित करने और समाज में फूट डालने वाली है.

द केरल स्टोरी के बाद एक और फिल्म रिलीज से पहले विवादों में है. मूवी का नाम है अजमेर 92. फिल्म पर बैन की मांग की जा रही है. बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि ये फिल्म देश के लोगों को भ्रमित करने और समाज में फूट डालने वाली है.

क्यों बैन की मांग की जा रही?

फिल्म अजमेर में 250 से ज्यादा लड़कियों के रेप की वारदात पर आधारित है. मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी की दरगाह हिन्दू मुस्लिम एकता की बेहतरीन मिसाल है जो लोगों के दिलों पर सदियों से राज कर रहे हैं. दरगाह अजमेर शरीफ से हमेशा अमन व शांति का पैगाम दिया जाता है और टूटे दिलों को जोड़ने का काम होता है. मौलाना ने फिल्म के बारे में बताया कि जो मुझे जानकारी प्राप्त हुई है कि मौजूदा वक्त में समाज में फूट डालने और नफरत फ़ैलाने जैसी घटनाओं को धर्म के नाम से वाबस्ता करने के लिए फिल्मों और सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है. 

उन्होंने आगे कहा कि आजादी ए इज़हारे राय के नाम पर किसी फिल्म निर्देशक को ख़्वाजा साहब की दरगाह की तौहीन करने की इजाज़त नहीं दी जा सकती, एक खास धर्म के मानने वालों को निशाना बनाने के लिए फिल्मों का सहारा लिया जा रहा है. 

वहीं, जमीअतुल उलमा ई हिंद के जनरल सेक्रेटरी नियाज अहमद फारुकी ने कहा कि जिस तरह से फिल्मों के नाम मुसलमानों को लेकर रखे जा रहे हैं वह सिर्फ और सिर्फ आपसी भाईचारे को खत्म करना चाहते हैं और मजहब के बीच में दीवार खड़ी करना चाहते हैं. अजमेर 92 नाम की जो फिल्म बनाई जा रही है उसके लिए मैं एक बात कहना चाहता हूं कि अजमेर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती सिर्फ इस्लाम या मुसलमानों के लिए नहीं है. हिंदुस्तान में बहुत से ऐसे बड़ी शख्सियत गुजरी हैं जो पूरी इंसानियत के लिए खासकर पूरे हिंदुस्तान के लिए एक नजीर हैं. 

उन्होंने कहा कि किसी एक मजहब को टारगेट करना सरासर गलत है. हम फिल्म का विरोध नहीं कर रहे हैं. हम सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि अगर कानून में इसकी जो भी दलील हो उसके हिसाब से इस फिल्म को बैन कर देना चाहिए. 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments