जयपुर: सीकर रोड पर मुरलीपुरा स्कूल से ढेहर का बालाजी तक वर्षा जलभराव की समस्या पिछले कई वर्षों से क्षेत्रवासियों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है जिसका कारण यह है कि यहां जल निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। परिणामस्वरूप मामूली बरसात में ही सडक़ दरिया बन जाती है।
ढेहर का बालाजी व्यापार एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि जिंदल ने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा इस संबंध में उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका भी दायर की गई लेकिन न्यायालय के आदेश के बावजूद नौकरशाही की हठधर्मिता इस कदर बरकरार है कि नागरिकों की समस्या का निराकरण आजतक नहीं हुआ।
मानसून का लगता डर
एक ओर लोगों को झुलसाने वाली गर्मी के बाद मानसून का बेसब्री से इंतजार रहता है वहीं सीकर रोड पर ढेहर के बालाजी से चौमूं पुलिया तक बसी कॉलोनियों के लोगों को मानसून का डर लगता है। जिसका कारण ये है कि बरसात में सडक़ों पर 3-4 फ़ीट तक जल भराव हो जाता है कि कोई पैदल तो क्या चौपहिया वाहन लेकर भी सड़क से नहीं जा सकता। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि कोई बीमार हो जाए तो मरीज को भी अस्पताल नहीं ले जा सकते और न ही एंबुलेंस आ-जा सकती।
न्यायालय के आदेश की हुई अवहेलना
स्थानीय लोगों ने जल भराव की समस्या से निजात पाने के लिए उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका घनशयाम अग्रवाल व अन्य ने दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने याचिका में नाले पर स्थानीय दुकानदारों द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण से भी निजात दिलाने की गुहार भी न्यायालय से लगाई। न्यायालय ने जेडीए को दोनों समस्याओं के निराकरण के आदेश दिए लेकिन जेडीए अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण दोनों समस्याएं आज भी बनी हुई है।
ये कहना है जेडीए का
इस बारे में जेडीए ने जनहित याचिका का जवाब देते हुए कहा कि मास्टर ड्रेनेज शाखा द्वारा पूर्व में तैयार प्रस्ताव के आधार पर पुन: रोड नंबर दो से चौमूं पुलिया होते हुए द्रव्यवती नदी तक एग्जिस्टिंग ड्रेन के साथ रोड के दोनों तरफ बॉक्स ड्रेन बनाने का प्रस्ताव तैयार कर संबंधित विभाग को स्वीकृति के लिए भेजा गया है। जेडीए ने यह भी लिखा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए मूल पत्रावली प्रवर्तन शाखा को भेजी जाएगी।
व्यापार भी होता प्रभावित
उल्लेखनीय है कि सीकर रोड पर दोनों तरफ दुकानें हैं लेकिन मानसून के दौरान सडक़ पर इतना पानी भर जाता है कि ग्राहक तो क्या खुद दुकानदार भी दुकानों में नहीं जा सकते। ऐसे में यहां का व्यापार मानसून के दिनों में पूरी तरह से ठप हो जाता है। दुकानदारों का कहना है कि बरसात रुकने के कई दिनों बाद भी व्यापार गति नहीं पकड़ पाता जिसका कारण ये है कि दुकानों के आगे कीचड़ कई दिनों तक नहीं सूख पाता है। इसलिए ग्राहक आते कतराते हैं