Saturday, October 5, 2024
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चंद्रमा पर ‘लैंडिंग’ कोई आसान काम नहीं : सिवन

बेंगलुरु। भारत ने शुक्रवार को यहां एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे चंद्र मिशन-‘चंद्रयान-3’ का सफल प्रक्षेपण किया। इस अभियान के तहत चंद्र सतह पर एक बार फिर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास किया जाएगा। इसमें सफलता मिलते ही भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा और यह इस तरह का कीर्तिमान स्थापित करने वाला विश्व का चौथा देश बन जाएगा।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के. सिवन ने शुक्रवार को कहा कि चार साल पहले चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के विफल प्रयास के बाद अंतरिक्ष संगठन ने सुधारात्मक कदम उठाए हैं और वह चंद्रयान-3 मिशन के चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने, हालांकि इसे एक चुनौतीपूर्ण कार्य बताया है। सिवन ने चंद्रयान-3 मिशन के प्रक्षेपण के बाद कहा, यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्षेपण है और हम इसमें सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी उद्यम से भारत में बहुत अधिक उम्मीदें हैं। चंद्रयान-2 मिशन के दौरान इसरो के अध्यक्ष रहे सिवन ने श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से फोन पर कहा, पिछली बार हम ‘लैंडिंग मिशन’ (चंद्रयान -2) में विफल हो गये थे। इसलिए, इस बार हम (फिर से) प्रयास कर रहे हैं। हमने इस बार की योजना में सभी सुधारात्मक उपाय किये हैं। प्रक्षेपण आज सफलतापूर्वक हुआ। इस तरह पहला चरण सफलतापूर्वक समाप्त हो गया है।उन्होंने कहा, चंद्रमा पर ‘लैंडिंग’ कोई आसान काम नहीं है। यह एक चुनौतीपूर्ण काम है…हमें उम्मीद है कि हम सफल रहेंगे।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने इसरो को दी बधाई

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भारत के महत्कांशी चंद्रमा अभियान- ‘चंद्रयान-3’ के पहले चरण की सफलता पर खुशी जाहिर की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अध्यक्ष, वैज्ञानिकों और अन्य तकनीकी कर्मचारियों को शुभकामनाएं दीं।मुख्यमंत्री ने कहा, ‘चंद्रयान-3 के पहले चरण की सफलता के साथ ही भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र ने एक बड़ा मील का पत्थर पार कर लिया है।’ इसरो ने शुक्रवार को एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे चंद्र मिशन-‘चंद्रयान-3’ का सफल प्रक्षेपण किया।

23 अगस्त को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की योजना

इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 47 मिनट पर किए जाने की योजना है। पंद्रह साल में इसरो का यह तीसरा चंद्र मिशन है। कल शुरू हुई 25.30 घंटे की उलटी गिनती के अंत में एलवीएम3-एम4 रॉकेट यहां स्थित अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र के दूसरे ‘लॉन्च पैड’ से आज अपराह्न 2.35 बजे निर्धारित समय पर धुएं का घना गुबार छोड़ते हुए शानदार ढंग से आकाश की ओर रवाना हुआ। इसरो के अधिकारियों के अनुसार, उड़ान भरने के लगभग 16 मिनट बाद प्रणोदन मॉड्यूल रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया और यह चंद्र कक्षा की ओर बढ़ते हुए पृथ्वी से 170 किमी निकटतम और 36,500 किमी सुदूरतम बिंदु पर एक अण्डाकार चक्र में लगभग पांच-छह बार पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। एलवीएम3-एम4 रॉकेट अपनी श्रेणी में सबसे बड़ा और भारी है जिसे वैज्ञानिक ‘फैट बॉय’ या ‘बाहुबली’ कहते हैं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘चंद्रयान-3’ मिशन पर लगभग 600 करोड़ रुपये की लागत आई है। ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ इस अभियान का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा होगी।

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