राजस्थान की 16वीं विधानसभा के पहले सत्र का आज पहला दिन था। सत्र के पहले दिन सदन के प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलवाई। इसी बीच कोलायत विधानसभा क्षेत्र के युवा विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने विधानसभा में राजस्थान भाषा में शपथ ली। लेकिन अस्थायी अध्यक्ष कालीचरण सराफ ने राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में मान्यता नहीं होने के कारण अंशुमान सिंह भाटी से हिंदी या अंग्रेजी भाषा में शपथ लेने का आग्रह किया।
इस दौरान बीजेपी के अन्य विधायकों ने अंशुमान सिंह भाटी का समर्थन करते हुए प्रोटेम स्पीकर के सामने राजस्थानी भाषा में शपथ लेने को लेकर सवाल-जवाब किए और कहा कि जब अन्य जगहों पर स्थानीय भाषा में शपथ ली जा रही है तो यहां राजस्थानी में क्यों नहीं। प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ के आग्रह पर अंशुमान सिंह भाटी ने फिर से हिंदी भाषा में शपथ ली।
आपको बता दें कि परंपरा अनुसार विधानसभा में अंग्रेजी या हिंदी में ही शपथ दिलवाई जाती है।
दूसरे दिन 21 दिसंबर को शेष बचे रह जाने वाले विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। गुरुवार को ही राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष के लिए भी चुनाव होगा। भाजपा ने अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी का नाम विधानसभा अध्यक्ष के लिए प्रस्तावित किया है। कांग्रेस की तरफ से अब तक किसी का नाम सामने नहीं आया है।
संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाएं
आपको बता दें कि आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएं शामिल हैं। जिनमें असमिया, बांग्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू, बोडो, संथाली, मैथिली और डोगरी हैं। इन भाषाओं में से 14 भाषाओं को संविधान के प्रारंभ में ही शामिल कर लिया गया था।