ऑपरेशन ब्लू स्टार का इतिहास: ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने जुलाई 1984 में एक व्हाइट पेपर जारी किया। इसके मुताबिक ब्लू स्टार में भारतीय सेना के 4 अफसरों समेत 83 जवान शहीद हुए। वहीं 492 अन्य लोगों की आर्मी के इस ऑपरेशन के दौरान मौत हुई थी। मारे गए लोगों में खालिस्तान समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले और रिटायर्ड मेजर जनरल शाबेग सिंह भी शामिल थे।
ऑपरेशन ब्लू स्टार ने देश बांटने का मंसूबा पाले बैठी नापाक ताकतों को सबक सिखाया। साल था 1984। पांच जून की रात से छह जून की सुबह तक यह ऑपरेशन चला। स्वर्ण मंदिर के अंदर इस कार्रवाई में जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसका कमांडर रिटायर्ड मेजर जनरल शाबेग सिंह मारा गया। इस ऑपरेशन की पूरे देश को कीमत चुकानी पड़ी। उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की इस ऑपरेशन के पांच महीने के भीतर हत्या हो गई। वहीं दो साल बाद जनरल एएस वैद्य की हथियारबंद हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। एएस वैद्य ऑपरेशन के दौरान देश के थल सेनाध्यक्ष थे।