Zubeen Garg Death Case : गुवाहाटी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि गायक जुबिन गर्ग के परिवार और असम के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि सिंगापुर में उनके साथ क्या हुआ। गर्ग के परिवार से काहिलीपाड़ा स्थित आवास पर मिलने के बाद गांधी ने कहा, जुबिन गर्ग के मामले में सच्चाई जितनी जल्दी सामने आए, उतना ही बेहतर है, क्योंकि परिवार इस मामले की हकीकत जानना चाहता है।
#WATCH | Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi pays tribute to singer Zubeen Garg at his samadhi in Kamrup district of Assam. pic.twitter.com/p7rx8wNMGx
— ANI (@ANI) October 17, 2025
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि असम सरकार का यह कर्तव्य है कि वह पारदर्शी तरीके से जांच करे और परिवार को बताए कि सिंगापुर में वास्तव में क्या हुआ था। उन्होंने कहा, परिवार ने जुबिन को खो दिया है, और वे केवल यही चाहते हैं कि सच्चाई सामने आए। जुबिन गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय मृत्यु हो गई थी।
राहुल गांधी ने गुवाहाटी में जुबिन गर्ग को श्रद्धांजलि दी
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को गायक जुबिन गर्ग को गुवाहाटी के बाहरी इलाके सोनापुर में उस स्थान पर श्रद्धांजलि अर्पित की, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था। गांधी ने उस मंच पर एक पारंपरिक असमिया दुपट्टा ‘गामोसा’ तथा पुष्पांजलि अर्पित की, जहां गायक का अंतिम संस्कार किया गया था। उनके साथ असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव और असम प्रभारी जितेंद्र सिंह, असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया और राज्य के पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी थे।
जैसे ही गांधी ने गायक को श्रद्धांजलि दी, वहां मौजूद भीड़ ने नारे लगाए ‘जुबिन को न्याय मिले’ और ‘जुबिन की जय’। गांधी और अन्य कांग्रेस नेता जमीन पर बैठे और वहां आयोजित ‘नाम-कीर्तन’ (प्रार्थना) में भाग लिया।
कांग्रेस नेता ने श्मशान घाट पर ‘नाहोर’ (भारतीय गुलाब शाहबलूत) का पौधा भी लगाया, जिसे गायक बहुत पसंद करते थे। पार्टी के एक नेता ने बताया कि गांधी नयी दिल्ली रवाना होने से पहले शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए गायक के आवास पर भी जाएंगे।
गर्ग (52) की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय मृत्यु हो गई थी। 23 सितंबर को गुवाहाटी के पास सोनापुर में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया था। असम सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है, जो उनकी मृत्यु के कारणों की जांच कर रही है। राहुल गांधी की यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा करने के लिए गोगोई ने बृहस्पतिवार को उस स्थल का दौरा किया था, जहां गर्ग का अंतिम संस्कार किया गया था। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा था कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का जुबिन गर्ग को श्रद्धांजलि देने के लिए दौरा उनके निधन के 28 दिन बाद हो रहा है, लेकिन यह कहा जा सकता है कि ‘नहीं आने से अच्छा है देरी से आना’। मुख्यमंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘हमें उम्मीद थी कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या कोई अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता गायक के अंतिम संस्कार में मौजूद रहेगा।’
जुबिन गर्ग मौत मामले में दो आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया
गायक जुबिन गर्ग की पिछले महीने सिंगापुर में हुई मौत के सिलसिले में उनके दो बैंड सदस्यों शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृतप्रभा महंत को शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सिंगापुर में पिछले महीने जुबिन की मौत के सिलसिले में दोनों की 14 दिन की पुलिस रिमांड समाप्त होने के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया और बाद में कामरूप मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा न्यायिक हिरासत में भेज दिए जाने के बाद उन्हें अलग-अलग पुलिस वैन में ले जाया गया। उन्हें 14 दिनों के भीतर पुनः अदालत में पेश किया जाएगा।
बक्सा जिला जेल के बाहर हुई हिंसा के बाद अधिकारी इस बारे में कुछ नहीं कह रहे हैं कि उन्हें किस जेल में रखा जाएगा। बुधवार को मामले के पांच अन्य आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद उन्हें बक्सा जिला जेल ले जाया गया था।
गोस्वामी और महंत दोनों को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा कई दिन की पूछताछ के बाद तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। इस मामले में एसआईटी एक अक्टूबर से अब तक सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है और सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय मृत्यु हो गई थी। नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल (एनईआईएफ) के मुख्य आयोजक श्यामकानु महंत, गायक के प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा, उनके चचेरे भाई और पुलिस अधिकारी संदीपन गर्ग और उनके निजी सुरक्षा अधिकारी नंदेश्वर बोरा और प्रबीन बैश्य को बुधवार को कामरूप मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
अदालत ने उनकी सुरक्षा के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए यह भी फैसला सुनाया था कि उन्हें कम कैदियों वाली जेल में भेजा जाना चाहिए और तदनुसार आरोपियों को बक्सा जिला जेल ले जाया गया। जेल के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई थी और आरोपियों को बक्सा लाए जाने का विरोध कर रही थी। कुछ लोगों ने तो यह भी मांग की कि आरोपियों को जनता के हवाले कर दिया जाए ताकि ‘जुबिन के लिए न्याय’ सुनिश्चित हो सके। असम पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसूगैस के गोले दागने पड़े, जिसने पांच आरोपियों को ले जा रहे काफिले पर “हमला किया, कुछ वाहनों को आग लगा दी और पत्थर भी फेंके।”
अधिकारियों ने बताया कि मुशालपुर कस्बे और जेल के आसपास के इलाकों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है जबकि पूरे बक्सा जिले में इंटरनेट/मोबाइल डेटा सेवाएं अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से निलंबित रहेंगी। उन्होंने बताया कि इस हिंसा में पुलिस कर्मियों, मीडियाकर्मियों और स्थानीय निवासियों सहित कई लोग घायल हो गए थे। इससे पहले असम सरकार ने सिंगापुर में गर्ग की मौत की जांच के लिए 10 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। महंत, शर्मा और कई अन्य के खिलाफ राज्य भर में 60 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जिसके बाद मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को सभी प्राथमिकी को आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को स्थानांतरित करने और गहन जांच के लिए एक समेकित मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था।