Zubeen Garg Death Case : गुवाहाटी। गायक जुबीन गर्ग की पिछले महीने सिंगापुर में मौत के मामले में उनके चचेरे भाई और असम पुलिस के डीएसपी संदीपन गर्ग को बुधवार को गिरफ्तार किया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस मामले में यह पांचवीं गिरफ्तारी है। इससे पहले, ‘नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल’ के मुख्य आयोजक श्यामकानु महंत, गायक के प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा और उनके बैंड के दो सदस्यों शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृतप्रभा महंत को गिरफ्तार किया गया था।
जुबिन गर्ग की मौत के मामले में चचेरा भाई गिरफ्तार
अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के विशेष पुलिस महानिदेशक मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, हमने संदीपन गर्ग को गिरफ्तार किया है। अब हम आवश्यक कानूनी औपचारिकताएं कर रहे हैं। सिंगापुर में गायक की मौत के मामले में पकड़े गए पुलिस अधिकारी से पिछले कुछ दिनों में कई बार पूछताछ की गई है। पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) और गायक के चचेरे भाई संदीपन गर्ग सिंगापुर में जुबिन के कथित तौर पर डूबने की घटना के दौरान उनके साथ मौजूद थे।
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमारी टीम उसे यहां एक अदालत में ले गई है। हम पुलिस रिमांड की मांग करेंगे। मामले के सिलसिले में पहले गिरफ्तार किए गए चार अन्य लोग अब पुलिस हिरासत में हैं। जुबिन गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय मौत हो गई थी। वह श्यामकानु महंत और उनकी कंपनी द्वारा आयोजित नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के चौथे संस्करण में भाग लेने के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई देश में गए थे।
जुबिन गर्ग की मौत का खुला राज
गायक जुबिन गर्ग के बैंड के सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा है कि गर्ग को सिंगापुर में जहर दिया गया था, जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस के पास मौजूद आधिकारिक दस्तावेजों में यह जानकारी दी गई है। ‘पीटीआई’ को मिले ‘डिटेल्ड ग्राउंड्स ऑफ अरेस्ट’ या रिमांड नोट के अनुसार गोस्वामी ने आरोप लगाया कि गर्ग को सिंगापुर में उनके प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा और नॉर्थईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंत ने जहर दिया था। इस मामले में फेस्टिवल के आयोजक, गर्ग के प्रबंधक और बैंड के दो सदस्यों गोस्वामी और अमृतप्रभा महंत को गिरफ्तार कर 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
गर्ग की सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। वह श्यामकानु महंत और उनकी कंपनी की ओर से आयोजित महोत्सव के चौथे संस्करण में भाग लेने के लिए सिंगापुर गए थे। नोट में कहा गया है, जब जुबिन गर्ग सांस लेने के लिए हांफ रहे थे और लगभग डूबने की स्थिति में थे, उस समय सिद्धार्थ शर्मा को ‘जाबो दे, जाबो दे’ (जाने दो, जाने दो) चिल्लाते हुए सुना गया। गवाह ने कहा है कि जुबिन गर्ग एक कुशल तैराक थे… और इसलिए डूबने से उनकी मृत्यु नहीं हो सकती। नोट पर एसआईटी की सदस्य और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोजी कालिता के हस्ताक्षर हैं। नोट में कहा गया है, उन्होंने (गोस्वामी) आरोप लगाया कि शर्मा और श्यामकानु महंत ने पीड़िता को जहर दिया था और अपनी साजिश छिपाने के लिए जानबूझकर विदेश में जगह चुनी थी। शर्मा ने उन्हें नौका के वीडियो किसी के साथ साझा न करने का भी निर्देश दिया था। सीआईडी का नौ सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) फिलहाल सिंगापुर में गर्ग की मौत से जुड़े मामले की जांच कर रहा है। असम सरकार ने मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का भी गठन किया है। सीआईडी के सूत्रों ने दस्तावेज की सत्यता की पुष्टि की है।