नई दिल्ली, 30 जून ( भाषा ) जीत के जश्न में गले मिलते, हार के दुख में एक दूसरे के आंसू पोछते , क्रीज पर एक दूसरे की उपलब्धि को सराहते विराट कोहली और रोहित शर्मा फिल्म ‘शोले’ के जय और वीरू की तरह हमेशा एक दूसरे के साथ खड़े नजर आये और अब दोनों ने टी20 क्रिकेट से विदा भी साथ में ली .
जीत के बाद कंधे पर तिरंगा लपेटे या एक दूसरे के गले लगकर रोते दोनों की तस्वीरें 140 करोड़ भारतीयों के दिल में घर कर गई. दोनों की शख्सियत में कोई समानता नहीं .एक आग है तो दूसरा पानी.एक ‘वड़ा पाव’ खाने वाला ठेठ मुंबइया तो दूसरा ‘छोले भटूरे’ का शौकीन दिल्ली वाला लेकिन फिर भी पिछले 15 साल से दोनों एक दूसरे के पूरक रहे हैं. दुख में ,खुशी में, जीत में और हार में.
वेस्टइंडीज में दक्षिण अफ्रीका को हराकर टी20 विश्व कप जीतने के बाद रोहित मैदान पर लेट गए ,आंखें आंसुओं से भीगी थी.वहीं कोहली अपनी भावनाएं छिपाते कुछ देर के लिए चुपचाप ड्रेसिंग रूम में चले गए.वह जीत का जश्न मनाना चाहते थे लेकिन अकेले भी रहना चाहते थे.दोनों के बीच साझा क्या है,एक दूसरे के हुनर और उपलब्धियों का सम्मान.
रोहित ने इसलिए किया बाद में रिटायर्मेंट का ऐलान
रोहित को बखूबी पता था कि कोहली ने संन्यास का फैसला ले लिया है,फाइनल का नतीजा चाहे जो हो.यही वजह है कि मैच के बाद पुरस्कार वितरण में रोहित ने उन्हें वह मौका दिया और अपने संन्यास का ऐलान नहीं किया.उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की.
जब एक ही दौर में दो दिग्गज साथ खेल रहे हों तो मतभेद होना लाजमी है क्योंकि कहते हैं ना कि एक म्यान में 2 तलवारें नहीं रह सकती.भारतीय क्रिकेट में इतना कुछ दांव पर होता है कि 2 तलवारें एक म्यान में साथ रहना सीख जाती हैं.सुनील गावस्कर और कपिल देव अस्सी के दशक में साथ खेल रहे थे जब सोशल मीडिया नहीं था.उस दौर में कप्तानी को लेकर म्युजिकल चेयर हुआ करता था लेकिन इन दोनों धुरंधरों का एक दूसरे के प्रति सम्मान कम नहीं हुआ.
एक समय पर दोनों के संबंधों में आने लगी थी दरार
रोहित और विराट सोशल मीडिया के दौर के दिग्गज है.तिल का ताड़ बनाने वाले इस दौर में दोनों ने अपनी गरिमा बनाए रखी.विश्व कप सेमीफाइनल 2019 में भारत की हार के बाद दोनों के संबंधों में दरार की खबरें आने लगी.कोहली ने टी20 कप्तानी छोड़ने का फैसला किया और बीसीसीआई ने सीमित ओवरों के दोनों प्रारूपों में रोहित को कप्तान बनाया.
रोहित और विराट करते है एक दूसरे का सम्मान
सोशल मीडिया पर वायरल हुई कुछ पोस्ट में पता चलता है कि दोनों के मन में एक दूसरे के लिये कितना सम्मान है.कोहली ने कुछ साल पहले ‘ब्रेकफास्ट विद चैम्पियन’ पॉडकास्ट में कहा था,’जब वह सबसे पहले आया तो सब बोलते थे कि एक प्लेयर आया है रोहित शर्मा.मैने सोचा कि युवा खिलाड़ी तो हम भी हैं, ऐसा कौन सा प्लेयर आया है कि कोई हमारी बात ही नहीं कर रहा.फिर टी20 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैंने उसकी पारी देखी तो मैं सोफे में धंस गया.मैंने खुद से कहा कि भाई आज के बाद चुप रहना.’इसी तरह रोहित ने कहा,’विराट हमेशा से चैम्पियन क्रिकेटर रहा है.हम सभी को पता है कि उसने हमारे लिए क्या किया है.’
रोहित और विराट ने संघर्ष से हासिल किया मुकाम
दोनों के अपने अपने संघर्ष रहे हैं.कोहली को दिल्ली क्रिकेट के भ्रष्ट माहौल में खुद को साबित करना था जिसमें उनके दिवंगत पिता ने अंडर 15 चयन के लिए रिश्वत देने से इनकार कर दिया था.वहीं रोहित के अंकल ने बोरिवली में स्वामी विवेकानंद स्कूल के अधिकारियों से कहा कि वह 200 रूपये महीना फीस नहीं दे पाएंगे.उसे खेल में स्कॉलरशिप मिली.
विश्व कप 1983 में लाडॅर्स की बालकनी पर जिस तरह कपिल का हाथ थामे गावस्कर की तस्वीर क्रिकेटप्रेमियों के जेहन में चस्पां है ,उसी तरह टी20 विश्व कप जीतने के बाद रोहित और कोहली का एक दूसरे को गले लगाना भी लोग भूल नहीं पाएंगे.भारतीय क्रिकेट के इस जय और वीरू की तस्वीरें निश्चित तौर पर क्रिकेटप्रेमियों की पलकों की कोर भिगो देगी.वैसे भी लीजैंड कभी रिटायर नहीं होते.