तवांग। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अरुणाचल प्रदेश में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, मित्र देशों की सेनाओं के एक विमान का मलबा और अन्य संबंधित चीजों को प्रदर्शित करने वाला एक संग्रहालय जल्द ही लोगों के लिए खोला जाएगा. ‘द हंप म्यूजियम’ नाम का यह संग्रहालय अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू की पहल पर पासीघाट में तैयार किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस संग्रहालय का उद्धघाटन कराने के लिए भारत में अमेरिकी राजदूत को आमंत्रित करने की योजना बनाई है.
युद्द में हुए थे 650 विमान दुर्घटनाग्रस्त
खांडू ने पीटीआई-भाषा को बताया, ”संग्रहालय तैयार है और इसका उद्घघाटन अगले महीने किया जाएगा।” 1942 में जब जापानी सेना ने 1,150 किलोमीटर लंबे बर्मा मार्ग पर नाकेबंदी कर दी थी तो मित्र देशों की सेना ने विमानन इतिहास के सबसे बड़े हवाई अभियानों में से एक को अंजाम दिया था। 1,150 किलोमीटर लंबा बर्मा मार्ग वर्तमान में म्यांमा के लैशियो और चीन में कुनमिंग को जोड़ने वाला एक पहाड़ी राजमार्ग है. मित्र देशों की सेना के पायलटों ने इस मार्ग को ‘द हंप’ नाम दिया क्योंकि उनके विमानों को यहां की गहरी घाटियों से होते हुए फिर तेजी से 10,000 फुट से ऊंचे पहाड़ों पर उड़ान भरनी पड़ती थी. ‘द हंप’ में अरुणाचल प्रदेश, तिब्बत और म्यांमा के हिस्से शामिल हैं। ऐसा कहा जाता है कि बेहद मुश्किल उड़ान परिस्थितियों की वजह से द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहां करीब 650 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए थे।