Wednesday, June 25, 2025
HomePush NotificationWorld Cup 1983 : विश्व कप जीत के 42 साल पूरे, वह...

World Cup 1983 : विश्व कप जीत के 42 साल पूरे, वह दिन जिसने भारतीय क्रिकेट की कामयाबी की नींव रखी

पिछले चार साल में जब भी 25 जून आता है तो ‘83’ वाट्सअप ग्रुप के सबसे जिंदादिल सदस्य की यादें बाकी 13 सदस्यों को कचोटती हैं। चार साल पहले

World Cup 1983: पिछले चार साल में जब भी 25 जून आता है तो ‘83’ वाट्सअप ग्रुप के सबसे जिंदादिल सदस्य की यादें बाकी 13 सदस्यों को कचोटती हैं। चार साल पहले यशपाल शर्मा ने आखिरी सांसें ली थी लेकिन ऐसा एक भी दिन नहीं गया होगा जब कपिल देव की 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्यों ने ‘यश पाजी’ को याद नहीं किया हो। कोरोना महामारी से पहले पंजाब के तत्कालीन चयनकर्ता यशपाल दिल्ली में रणजी मैच देखने आये थे। उन्होंने कुछ पत्रकारों को उलाहना भी दिया था कि ओल्ड टैफर्ड में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले मैच की रिकॉर्डिंग उनके पास नहीं है जिसमें उनकी 89 रन की पारी की मदद से भारत ने 34 रन से जीत दर्ज की थी।

5000 पाउंड देने के लिये तैयार हूं : यशपाल

टूर्नामेंट में सर्वाधिक 240 रन बनाने वाले यशपाल ने कहा था, जिसके पास भी रिकॉर्डिंग है , मैं उसे 5000 पाउंड देने के लिये तैयार हूं । मेरे पास रिकॉर्डिंग नहीं है । वह मेरी सर्वश्रेष्ठ वनडे पारी थी। ऐसा लगता था कि मैको ( मैल्कम मार्शल) का मुझसे अलिखित करार था । मेरे आते ही दो गेंद छाती पर मारता था। महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने उनके बारे में कहा था, वह टीम का बहुत ही लोकप्रिय सदस्य था और हम सभी उसे याद करते हैं ।

द 83 वाट्सअप ग्रुप में टीम के 14 सदस्य और प्रशासनिक प्रबंधक पीआर मान सिंह हैं । भारतीय टीम ने जब रवि शास्त्री के कोच रहते बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीती या रोजर बिन्नी बीसीसीआई अध्यक्ष बने या कीर्ति आजाद ने लोकसभा चुनाव जीता, इस ग्रुप पर चर्चा का दौर चला है।

भारत-इंग्लैंड सीरीज की वजह से जश्न स्थगित

गावस्कर ने कहा, हम लगभग हर रोज संपर्क में रहते हैं और आज तो बिल्कुल ही।
विजय माल्या के यूबी समूह ने 2008 में विश्व कप जीत की 25वीं सालगिरह पर लाडॅर्स पर टीम के सभी सदस्यों के लिये समारोह का आयोजन किया था। फिर 2023 में अडाणी समूह ने 40वीं सालगिरह पर सदस्यों को सम्मानित किया। इस बार गावस्कर और शास्त्री एंडरसन तेंदुलकर ट्रॉफी के लिये अपनी मीडिया व्यस्तताओं के कारण बाहर हैं और दिलीप वेंगसरकर भी देश में नहीं है तो जश्न नहीं हो सका।

गावस्कर ने कहा, हमने इस साल भी जश्न का सोचा था लेकिन श्रृंखला चालू होने के कारण स्थगित करना पड़ा । दो साल पहले अहमदाबाद में अडाणी समूह ने टीम को सम्मानित किया था। भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली ने हाल ही में पीटीआई के एक पॉडकास्ट में कहा था, 1983 बहुत बड़ी बात थी। कपिल देव, संधू, मदन लाल, रोजर बिन्नी, संदीप पाटिल को लॉडर्स पर देखना बहुत बड़ी बात थी । इससे हमें क्रिकेट खेलने की प्रेरणा मिली।

उस जीत से जुड़े कई किस्से क्रिकेट की किवदंतियों में शामिल है। ऐसा कहा जाता रहा है कि कपिल ने जिम्बाब्वे के खिलाफ जब 175 रन की नाबाद पारी खेली थी तब बीबीसी कर्मचारियों के हड़ताल पर होने से उसकी कोई वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं है। मशहूर पत्रकार गुलू इजेकील ने हालांकि अपनी किताब ‘मिथ बस्टर्स’ में लिखा कि 18 जून 1983 को बीबीसी ने मैनचेस्टर में इंग्लैंड और पाकिस्तान तथा लॉडर्स पर वेस्टइंडीज और आस्ट्रेलिया के मैच का प्रसारण किया था। बीबीसी को भारत और जिम्बाब्वे का मैच उतना महत्वपूर्ण नहीं लगा।

यह मैदान भारतीय क्रिकेटप्रेमियों के लिए किसी तीर्थ से कम नहीं

टनब्रिज वेल्स पर वह पहला और आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच था लेकिन यह मैदान भारतीय क्रिकेटप्रेमियों के लिये किसी तीर्थ से कम नहीं है। स्टेडियम के आसपास रहने वालों के पास कपिल देव की एक न एक कहानी जरूर है । एक ब्रिटिश नागरिक ने इस संवाददाता को बताया था कि उसने जिस मकान मालिक से घर खरीदा था , उसकी एक खिड़की कपिल के छक्के से टूटी थी। भारत के विश्व कप जीतने के बाद आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे बीसीसीआई ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर से धनराशि जुटाने के लिये एक कन्सर्ट करने का अनुरोध किया । इससे मिली रकम से बीसीसीआई ने टीम के हर सदस्य को दो लाख रूपये दिये थे। बदले में लता जी को भारतीय टीम के किसी भी मैच के दो वीआईपी टिकट मिलते रहे ।

विश्व कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य अलग अलग शहरों में रहते हैं । शास्त्री और गावस्कर शीर्ष कमेंटेटर होने के नाते अक्सर यात्रा ही करते रहते हैं । कृष श्रीकांत अपने बेटे अनिरूद्ध के साथ एक कामयाब तमिल यूट्यूब चैनल चलाते हैं और चयन समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वेंगसरकर मुंबई की सबसे कामयाब अकादमियों में से एक चलाते हैं जिसकी शाखायें पुणे में भी है । सुनील वाल्सन उत्तर भारत के हिल स्टेशन पर रहते हैं जबकि मदन लाल की सिरी फोर्ट में अकादमी है और वह टीवी चैनलों पर भी विशेषज्ञ के रूप में दिखते हैं । सैयद किरमानी ने हाल ही में आत्मकथा लिखी है । मोहिंदर अमरनाथ गोवा में रहते हैं जबकि तृणमूल कांग्रेस के सांसद कीर्ति आजाद आसनसोल और दिल्ली के बीच आते जाते रहते हैं । बिन्नी बीसीसीआई अध्यक्ष हैं और इन सभी में सबसे कम बोलने वाले शख्स हैं। ये सभी 25 जून 1983 की एक मजबूत डोर से बंधे हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular