Monday, November 3, 2025
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Women World Cup 2025: हरमनप्रीत ने बताया कैसे इंग्लैंड से मिली हार ने टीम को किया मजबूत, भारतीय टीम बनी विश्व चैंपियन

Women World Cup 2025: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने बताया कि इंग्लैंड के खिलाफ मिली हार ने टीम को गहराई से झकझोर दिया और वही हार आगे चलकर टीम की सबसे बड़ी प्रेरणा बन गई। उन्होंने कहा कि उस मैच के बाद टीम ने गलतियों से सीख ली और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

Women World Cup 2025: महिला विश्व कप का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय कप्तान बनीं हरमनप्रीत कौर ने कहा कि लीग चरण में इंग्लैंड से मिली हार ने टीम की आंखे खोल दी और उसने गलतियों को नहीं दोहराने का सबक लेकर अपना खिताबी अभियान पूरा किया.

दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया से ग्रुप चरण में हार के बाद इंग्लैंड के खिलाफ 289 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम एक समय 3 विकेट पर 234 रन बनाकर जीत की ओर बढ़ रही थी लेकिन मध्यक्रम के लड़खड़ाने के बाद टीम 6 विकेट पर 284 रन ही बना सकी. इस हार के बाद टीम पर टूर्नामेंट से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था लेकिन उसने शानदार वापसी की.

इंग्लैंड से मिली हार से लिया सबक

भारतीय कप्तान ने विश्व कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराने के बाद कहा, ‘इंग्लैंड के खिलाफ हारने के बाद हर किसी को लगा कि यह मैच तो हमारे लिए जीतने वाला था, हमारी पारी ऐसे कैसे लड़खड़ा गई. हमारे साथ पहले भी ऐसा हो चुका था और सर (कोच अमोल मजूमदार) ने भी कहा था कि आप एक ही गलती बार-बार नहीं दोहरा सकते हैं. आपको यह बाधा पार करनी होगी और उस मैच के बाद हमारी सोच में काफी बदलाव आया.

‘हमें पहली गेंद से लग रहा था कि हम जीतेंगे’

हरमनप्रीत ने कहा कि फाइनल मुकाबले से पहले टीम अतिआत्मविश्वास से बचते हुए जीत को लेकर सकारात्मक थी. हमें पहली गेंद से लग रहा था कि हम जीतेंगे क्योंकि पिछले 3 मैचों के प्रदर्शन से हमारा आत्मविश्वास काफी बढ़ा हुआ था. टॉस तो हम जीतते नहीं है इसलिए पता था कि हमें पहले बल्लेबाजी करनी होगी. स्मृति और शेफाली को श्रेय मिलना चाहिये उन्होंने पहले 10 ओवर अच्छे से संभाल कर रखे.’

शेफाली के चयन को बताया डेस्टिनी

भारतीय कप्तान ने कहा कि गेंदबाजी में काबिलियत के कारण टीम ने प्रतिका रावल के चोटिल होने के बाद शेफाली वर्मा को मौका दिया. उन्होंने शेफाली के चयन को ‘डेस्टिनी (नियति)’ करार देते हुए कहा, ‘ मुझे लगता है कि यह डेस्टिनी थी. हम बिल्कुल नहीं चाहते थे प्रतिका (रावल) को कुछ ऐसा हो. विश्व कप से पहले ही यास्तिका भाटिया भी चोटिल होकर बाहर हो गईं थी तब हर कोई भावुक हो गया था. यह टीम ऐसी ही है, यह बहुत खास है, हम एक दूसरे के साथ रहते हैं और अच्छे-बुरे समय में एक दूसरे का पूरा समर्थन करते है. शेफाली जब टीम में आयी तो हम चाहते थे कि उसे ऐसा महसूस ना हो कि वह बाहर से आ रही है। सबने हर एक चीज सकारात्मक तरीके से ली और हम बस यही सोच रहे थे कि हमारा अंतिम लक्ष्य यह खिताब है.’

‘शेफाली ने कहा कि मैं 10 ओवर डालने के लिए तैयार हूं’

हरमनप्रीत ने कहा, ‘‘शेफाली के टीम से जुड़ने से पहले प्रतिका कुछ ओवर गेंदबाजी कर रही थी और शेफाली इस दौरान घरेलू क्रिकेट में लगातार गेंदबाजी कर रही थी. सर ( मजूमदार) ने उन्हें कहा था कि जरूरत पड़ी तो 2-4 ओवर गेंदबाजी करनी पड़ेगी तो शेफाली ने कहा कि मैं 10 ओवर डालने के लिए तैयार हूं. इससे उसका आत्मविश्वास झलक रहा था. मैदान में अचानक से मेरे दिगाम में ख्याल आया कि मुझे शेफाली से गेंदबाजी करवानी चाहिये क्योंकि आज उसका दिन है. यह थोड़ा जोखिम भरा था लेकिन मैं उसकी गेंदबाजी को लेकर सकारात्मक थी.’ हरियाणा की 21 साल की हरफनमौला शेफाली ने शुरुआती दो ओवरों में सुने लुस और मारिजान काप के विकेट के साथ मैच का रूख पलट दिया.

जीत के बाद हरमनप्रीत और स्मृति ने एक दूसरे को लगाया गले

हरमनप्रीत और स्मृति मंधाना पिछले कुछ सालों में कई बार बड़े टूर्नामेंटों में हार का सामना किया है लेकिन विश्व कप खिताब जीतने के बाद दोनों ने एक दूसरे को गले से लगा लिया और कुछ देर तक वैसे ही खड़े रहे. भारतीय कप्तान ने कहा, ‘मैंने और स्मृति ने एक साथ कई विश्व कप खेले हैं और हारने के बाद जब घर जाते थे तो अपने में ही खो जाते थे. वापस आने के बाद हम फिर से शून्य से शुरू करने के बारे में बात करते थे. हम हर बार वैश्विक खिताब को जीतने से चूक रहे थे और सोचते थे कि हम कब इस बाधा को पार करेंगे और आज ऐसा मौका मिल गया.’

मुख्य कोच मजूमदार को दिया जीत का श्रेय

कप्तान हरमनप्रीत ने टीम को मजबूत बनाने का श्रेय मुख्य कोच मजूमदार को श्रेय देते हुए कहा, ‘कोच अमोल मजूमदार का पिछले 2 साल में योगदान काफी रहा है. उनके आने से स्थिरता आयी है. उनके जिम्मेदारी लेने से पहले काफी जल्दी जल्दी कोच बदल रहे थे लेकिन उन्होंने टीम को पूरा समय दिया. इस टीम को बनाने का श्रेय उनको जाता है. उन्होंने हमें काफी अभ्यास कराया और हमारी कमजोरियों को दूर किया.’

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Premanshu Chaturvedi
Premanshu Chaturvedihttp://jagoindiajago.news
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