नई दिल्ली। भारत के न्यायपालिका तंत्र में जल्द ही बड़ा बदलाव होने जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी. आर. गवई ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में न्यायमूर्ति सूर्यकांत का नाम केंद्र सरकार को भेजा है। सीजेआई गवई आगामी 23 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। माना जा रहा है कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की प्राथमिकताएं और दिशा नए आयाम छू सकती हैं। इसके बाद सीजेआई की तरफ से अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश की जाती है। इसी के बाद लगभग तय हो जाता है कि देश का अलग चीफ जस्टिस कौन बनेगा।’
सुप्रीम कोर्ट में इस समय सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस सूर्य कांत ही हैं। अगर वे सीजेआई बनते हैं तो वे भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश का पद संभालेंगे। वह 9 फरवरी, 2027 तक इस पद पर रहेंगे।

जानिए कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत?
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म हरियाणा के हिसार में 10 फरवरी, 1962 को हुआ था। वे इस समय सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई गवई के बाद सबसे सीनियर जज हैं। उन्होंने साल 1981 में गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, हिसार से ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद 1984 में रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई पूरी की थी। इसी साल उन्होंने हिसार की जिला अदालत में प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। यहां से महज एक साल बाद ही वे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने पहुंच गए थे।
जस्टिस सूर्यकांत को साल 2004 को में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्हें 5 अक्टूबर 2018 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। यहां लगभग एक साल रहने के बाद ही उन्हें 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनाया गया था।




