Saturday, April 19, 2025
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Robert Vadra Case: ‘हम किसी से डरते नहीं हैं’ लैंड डील मामले में ED पूछताछ पर रॉबर्ट वाड्रा बोले-‘हम निशाने पर हैं’

Robert Vadra Case: रॉबर्ट वाड्रा से हरियाणा लैंड डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लगातार दूसरे दिन पूछताछ की। इस दौरान उनकी पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा भी ईडी ऑफिस में मौजूद रहीं।

Robert Vadra Case: कारोबारी एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा से 2008 के हरियाणा भूमि सौदे से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार लगातार दूसरे दिन पूछताछ की. वह सुबह करीब 11 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे. उनके साथ उनकी पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा भी थीं, जो केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद हैं. रॉबर्ट वाड्रा के ईडी कार्यालय के अंदर जाने से पहले दोनों गले मिले.

रॉबर्ट वाड्रा का इंतजार करती रही प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी इस दौरान एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित एजेंसी के कार्यालय ‘प्रवर्तन भवन’ के आगंतुक कक्ष में रहीं और दोपहर करीब 1 बजकर 10 मिनट पर उनके पति को दोपहर के भोजन अवकाश के लिए घर जाने की अनुमति मिलने पर उनके साथ चली गईं. सांसद को ‘जेड प्लस’ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) सुरक्षा प्राप्त है और इस दौरान सुरक्षाकर्मी बाहर इंतजार कर रहे थे। भोजन अवकाश के बाद भी पूछताछ जारी रहने की उम्मीद है.

वाड्रा से 5 घंटे हुई थी पूछताछ

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को वाड्रा से करीब 5 घंटे तक पूछताछ की गई और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत संघीय जांच एजेंसी ने उनके बयान दर्ज किए. वाड्रा (56) ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया था. वाड्रा ने कहा कि उन्होंने हमेशा ही जांच एजेंसियों के साथ सहयोग किया है और भारी संख्या में दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं. उन्होंने मामले को बंद करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि मामला 20 साल पुराना है.

हम किसी से डरते नहीं हैं: रॉबर्ट वाड्रा

ईडी की पूछताछ पर कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, “हम किसी से डरते नहीं है. हम निशाने पर हैं क्योंकि हम प्रासंगिक हैं. चाहे राहुल गांधी को संसद में रोका जाए या मुझे बाहर रोका जाए. हम निश्चित रूप से निशाने पर हैं, लेकिन हम आसान निशाना नहीं हैं, हम कठिन निशाना है.”

क्या है पूरा मामला ?

वाड्रा के खिलाफ यह जांच हरियाणा के मानेसर-शिकोहपुर (अब गुरुग्राम में सेक्टर 83) में एक भूमि सौदे से जुड़ी है. जांच फरवरी 2008 में हुए एक भूमि सौदे से संबंधित है, जिसमें वाड्रा से जुड़ी एक कंपनी, ‘स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड’ ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में ‘ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज’ नामक कंपनी से 7.5 करोड़ रुपये की कीमत पर 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी. वाड्रा इस कंपनी में पहले निदेशक थे.उस समय हरियाणा में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी. 4 साल बाद सितंबर 2012 में कंपनी ने इस 3.53 एकड़ जमीन को रियल्टी कंपनी ‘डीएलएफ’ को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया.

यह भूमि सौदा अक्टूबर 2012 में उस समय विवादों में आ गया था, जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी अशोक खेमका ने इस सौदे को राज्य चकबंदी अधिनियम और कुछ संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन बताते हुए रद्द कर दिया था। खेमका उस समय हरियाणा के भूमि चकबंदी एवं भूमि अभिलेख महानिदेशक-सह-पंजीयन महानिरीक्षक के पद पर तैनात थे।

हरियाणा में उस वक्त विपक्ष में रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तब इस मामले को भूमि सौदों में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का उदाहरण बताया था, जो वाड्रा की कांग्रेस पार्टी के ‘प्रथम परिवार’ (गांधी परिवार) के साथ संबंधों की ओर इशारा करता है. हरियाणा पुलिस ने 2018 में इस सौदे की जांच के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की थी. संघीय जांच एजेंसी ने धन शोधन के दो अलग-अलग मामलों में वाड्रा से कई बार पूछताछ की है.

इस खबर को भी पढ़ें: Rahul Gandhi: ‘कांग्रेस ही RSS और BJP को हरा सकती है’, गुजरात में बोले राहुल गांधी- ‘यह मुश्किल नहीं है. हम निश्चित रूप से ऐसा करेंगे’

Premanshu Chaturvedi
Premanshu Chaturvedihttp://jagoindiajago.news
समाचारों की दुनिया में सटीकता और निष्पक्षता के साथ नई कहानियों को प्रस्तुत करने वाला एक समर्पित लेखक। समाज को जागरूक और सूचित रखने के लिए प्रतिबद्ध।
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