Saturday, July 6, 2024
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वहीदा रहमान ने दादासाहेब फाल्के पुरस्कार फिल्म जगत को किया समर्पित…

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को दिग्गज अभिनेत्री वहीदा रहमान को फिल्म जगत का सर्वोच्च दादासाहेब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया। भारतीय सिनेमा जगत का यह सर्वोच्च पुरस्कार ग्रहण करने वाली वहीदा रहमान आठवीं महिला कलाकार हैं।

यहां विज्ञान भवन में आयोजित 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में यह पुरस्कार ग्रहण करने के बाद वहीदा रहमान (85) ने इसे अपने प्रिय फिल्म जगत और इसके विभिन्न विभागों को समर्पित किया। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मंच पर पहुंचीं रहमान ने बताया कि फिल्म निर्माण किस प्रकार एक आपसी सहयोग प्रक्रिया है। उन्होंने पुरस्कार ग्रहण करने के बाद कहा मैं बहुत सम्मानित और आभारी हूं… लेकिन आज मैंने जो कुछ भी हासिल किया है, वह मेरी प्रिय फिल्म इंडस्ट्री की वजह से है। सौभाग्य से, मुझे शीर्ष निर्देशकों, निर्माताओं, फिल्मकारों, तकनीशियनों, लेखकों, संवाद लेखकों, संगीत निर्देशकों और संगीतकारों के साथ काम करने का मौका मिला। उन्होंने मेकअप आर्टिस्ट, हेयर और कॉस्ट्यूम डिजाइनरों को भी श्रेय देते हुए कहा मुझे उनसे बहुत समर्थन, सम्मान और प्यार मिला।…यही कारण है कि मैं इस पुरस्कार को फिल्म उद्योग के सभी विभागों के साथ साझा कर रही हूं। उन्होंने मुझे शुरू से ही बहुत सम्मान, समर्थन और प्यार दिया। एक फिल्म सिर्फ एक व्यक्ति द्वारा नहीं बनाई जाती, हमें एक दूसरे की जरूरत होती है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में रहमान की भूमिकाओं और जीवन के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए उनकी प्रशंसा की। राष्ट्रपति ने कहा मैं वहीदा रहमान को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित करते हुए बहुत खुशी महसूस कर रही हूं। मैं वहीदा को बधाई देती हूं। उन्होंने अपनी कला और व्यक्तित्व के जरिए फिल्म उद्योग में ऊंचा मुकाम हासिल किया। उन्होंने निजी जीवन में भी गरिमा, आत्मविश्वास और मूल पहचान के साथ नाम कमाया है। मुर्मू ने बताया कि कैसे रहमान ने फिल्म उद्योग में अपने शुरुआती दिनों में अपना नाम बदलने से इनकार कर दिया, जबकि उस समय कलाकारों का पर्दे के लिए एक अलग नाम चुनना आम बात थी। राष्ट्रपति ने कहा अपनी फिल्मों में उन्होंने बेड़ियां तोड़ने वाली महिलाओं की भूमिकाएं निभाई। वहीदा ने उदाहरण स्थापित किया है कि जब महिला सशक्तिकरण की बात आती है तो महिलाओं को ही पहल करनी होगी।

5 सदस्यीय निर्णायक मंडल ने रहमान का नाम प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चयनित किया था। निर्णायक मंडल में रहमान की करीबी दोस्त और पिछले साल दादा साहब पुरस्कार से सम्मानित आशा पारेख, अभिनेता चिरंजीवी, परेश रावल, प्रसन्नजीत चटर्जी और फिल्म निर्माता शेखर कपूर शामिल थे।

रहमान ने 1956 में आई गुरु दत्त की फिल्म सीआईडी में देव आनंद के साथ हिंदी फिल्मों का अपना सफर शुरू किया था और 5 दशक से अधिक के अपने शानदार करियर के दौरान उन्होंने ‘प्यासा’, ‘कागज के फूल’ और ‘चौदहवीं का चांद’ समेत विभिन्न फिल्मों में काम किया। उन्होंने “गाइड”, ‘कभी-कभी’ और ‘खामोशी’ जैसी हिट फिल्में भी दीं।

दादा साहब फाल्के पुरस्कार की घोषणा “गाइड” और “सीआईडी” में रहमान के सह-कलाकार रहे देव आनंद की जयंती के मौके पर 26 सितंबर, 2023 को की गई थी। साल 1955 में तेलुगु फिल्मों ‘रोजुलु मारायी’ और ‘जयसिम्हा’ से सिनेमा में कदम रखने वाली रहमान ने विभिन्न भाषाओं में 90 से अधिक फिल्मों में काम किया है। वह ‘ओम जय जगदीश’, ‘रंग दे बसंती’, ‘दिल्ली-6’ और ‘द सॉन्ग ऑफ स्कॉर्पियन्स’ में नजर आई थीं। उनकी आखिरी फिल्म 2021 में आई ‘स्केटर गर्ल’ थी।

‘रेशमा और शेरा’ में बेहतरीन भूमिका के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्हें पद्म श्री और पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।

बता दें फिल्म अभिनेत्री-निर्माता देविका रानी दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली अभिनेत्री थीं। इसके अलावा जिन महिला कलाकारों को अब तक यह सम्मान मिल चुका है उनमें सुलोचना, कानन देवी, दुर्गा खोटे, लता मंगेशकर, आशा भोसले और आशा पारेख शामिल हैं।

Mamta Berwa
Mamta Berwa
JOURNALIST
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