नई दिल्ली. भारतीय कुश्ती संघ का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। खेल मंत्रालय की ओर से संघ के चुनाव निलंबित करने के बाजूद नामी पहलवान अपने पदको लौटा रहे हैं। ओलंपियन बजरंग पूनिया के बाद शनिवार को रेसलर विनेश फोगाट ने अर्जुन अवॉर्ड और खेल रत्न अवार्ड लौटा दिया। वह कर्तव्य पथ पर अवॉर्ड को जमीन पर रखकर वापस लौट गईं। विनेश फोगाट ने 26 दिसंबर को अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया था। अवॉर्ड लौटाने के लिए वह प्रधानमंत्री कार्यालय रही थीं, इससे पहले पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद विनेश ने अवॉर्ड को कर्तव्य पथ पर जमीन पर रख दिया।
बजरंग पुनिया ने विनेश फोगाट के अवॉर्ड लौटाने का वीडियो सोशल मीडिया एक्स पर शेयर किया। पुनिया ने इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा, यह दिन किसी खिलाड़ी के जीवन में नहीं आए। देश की महिला पहलवान सबसे बुरे दौर से गुज़र रही हैं।
विनेश फोगाट को साल 2016 में अर्जुन अवाॅर्ड और साल 2020 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवाॅर्ड से सम्मानित किया गया था। विनेश फोगाट ने विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जबकि एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता। वह प्रतिष्ठित लॉरियस अवार्ड के लिए नामांकित हो चुकी हैं।
प्रधानमंत्री को लिखा था पत्र
विनेश ने 26 दिसंबर को खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार प्रधानमंत्री को वापस लौटाने का ऐलान किया था। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा था, ‘जब पहलवान न्याय पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो ऐसे में इस तरह के सम्मान हमारे लिए निरर्थक बन गए हैं।’
बता दें कि विनेश को साल 2020 में भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा साल 2016 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था।
बजरंग पुनिया ने लौटाए थे अवॉर्ड
विनेश फोगाट से पहले रेसलर बजरंग पुनिया ने अवॉर्ड लौटाया था। बजरंग पुनिया भी कर्तव्य पथ पर अवॉर्ड रखकर वापस लौट गए थे, उन्हें भी पुलिस ने रोक दिया था। बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट के अलावा पैरा एथलीट वीरेंद्र सिंह भी अवॉर्ड लौटाने की घोषणा कर चुके हैं।
विनेश की उपलब्धियां
- वर्ष 2022 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
- वर्ष 2019 में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य जीता।
- वर्ष 2018 में एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता।
- वर्ष 2014, 2018 व 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक
- प्रतिष्ठित लॉरियस अवार्ड के लिए नामांकित होने वाली पहली भारतीय एथलीट बनी।