Vice Presidential Election : जगदीप धनखड़ के पिछले महीने उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुई सीट को भरने के लिए 9 सितंबर को होने वाले चुनाव में कम से कम दो लोकसभा सदस्यों को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए डाक मत पत्र दिए जाएंगे। उपराष्ट्रपति चुनाव के नियमों के अनुसार, केवल वे मतदाता जो ऐहतियाती हिरासत में हैं, डाक मत पत्रों के माध्यम से उपराष्ट्रपति चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के पात्र हैं।
रशीद और अमृतपाल डाक मतपत्र से करेंगे मतदान
दो लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल रशीद (बारामूला) और अमृतपाल सिंह (खडूर साहिब) विभिन्न जेलों में बंद हैं और उपराष्ट्रपति चुनाव में अपना वोट डालने के पात्र होंगे। अधिकारियों ने बताया कि प्रक्रिया के अनुसार, संबंधित सरकार संसद सदस्य का नाम, हिरासत का स्थान और अन्य प्रासंगिक विवरण निर्वाचन आयोग को बताएगी, जो संबंधित मतदाता को डाक मत पत्र भेजेगा। अन्य सभी मतदाताओं को संसद भवन में अपना वोट डालना होगा, जहां 9 सितंबर को एक मतदान केंद्र स्थापित किया जाएगा।
नियमों के अनुसार, कोई भी मतदाता ‘प्रॉक्सी’ के माध्यम से अपना वोट नहीं डाल सकता है और कोई निरक्षर या दिव्यांग मतदाता अपना वोट देने के लिए पीठासीन अधिकारी की मदद ले सकता है। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना 7 अगस्त को जारी की गई थी और नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है। सत्तारूढ़ राजग और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन ने अभी तक उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।

राजग के घटक दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवार पर निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। लोकसभा के पूर्व महासचिव पी. डी. टी. आचार्य ने कहा, दो लोकसभा सदस्य नजरबंद हैं और अदालत द्वारा दोषी करार नहीं दिये गए हैं, इसलिए दोनों उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने के पात्र हैं। रशीद पर आतंकवाद को वित्तपोषण के एक मामले में मुकदमा चल रहा है और वह तिहाड़ जेल में बंद हैं, जबकि सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत नजरबंद हैं और डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों के अलावा मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं। निर्वाचक मंडल की प्रभावी संख्या 781 है, जिसमें सत्तारूढ़ राजग को कम से कम 422 सदस्यों के समर्थन के साथ बढ़त हासिल है। उपराष्ट्रपति चुनाव में पार्टी व्हिप लागू नहीं होता क्योंकि इसमें गुप्त मतदान होता है।