India US Trade Deal: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत के साथ एक बहुत बड़ा व्यापार समझौता होने वाला है. उन्होंने दोनों देशों के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित द्विपक्षीय व्यापार समझौते की वार्ता प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रगति का संकेत दिया. ट्रंप ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन पार्टी के कर एवं व्यय कटौती विधेयक को पारित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘हमारे पास कुछ बेहतरीन समझौते हैं. हम एक और बहुत बड़ा समझौता करने जा रहे हैं, संभवत: भारत के साथ.’
चीन के साथ समझौते पर कही ये बात
ट्रंप ने कहा, ‘चीन समझौते में, हम चीन के लिए द्वार खोलने की शुरुआत कर रहे हैं. ऐसी चीजें जो वास्तव में कभी नहीं हुईं. सभी देशों के साथ संबंध बहुत अच्छे हैं.’ राष्ट्रपति ने हालांकि चीन के साथ हुए समझौते के विवरण के बारे में विस्तार से नहीं बताया. उन्होंने कहा कि हर देश समझौता करना चाहता है और इसका हिस्सा बनना चाहता है. उनके प्रशासन के अधिकारी देशों के साथ समझौते करने के लिए अतिरिक्त मेहनत कर रहे हैं. याद कीजिए , कुछ महीने पहले, मीडिया कह रहा था, क्या वाकई कोई ऐसा (देश) है जो इसमें दिलचस्पी रखता हो? खैर, हमने कल ही चीन के साथ समझौता किया है. हम कुछ बेहतरीन समझौते कर रहे हैं.’
हम हर किसी के साथ समझौता नहीं करने जा रहे: ट्रंप
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘हम हर किसी के साथ समझौता नहीं करने जा रहे हैं. कुछ लोगों को हम बस एक पत्र भेजकर कहेंगे कि आपका बहुत-बहुत धन्यवाद. आप 25, 35, 45 प्रतिशत का भुगतान करेंगे. यह एक आसान तरीका है लेकिन मेरे लोग इसे इस तरह से नहीं करना चाहते हैं. वे इसको लेकर कुछ करना चाहते हैं. समझौते करने की ललक उनमें मुझसे भी अधिक है.’
#WATCH अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, "… हमने अभी चीन के साथ (व्यापार समझौते) पर हस्ताक्षर किए हैं। हम हर किसी के साथ सौदे नहीं करने जा रहे हैं… लेकिन हम कुछ बेहतरीन सौदे कर रहे हैं। हम एक सौदा करने जा रहे हैं, शायद भारत के साथ, एक बहुत बड़ा सौदा। हम भारत को खोलने… pic.twitter.com/aPSOV2axF7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2025
9 जुलाई से पहले हो सकता समझौते पर फैसला
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में एक भारतीय दल, अमेरिका के साथ अगले दौर की व्यापार वार्ता के लिए गुरुवार को वॉशिंगटन पहुंचा. दोनों देश अंतरिम व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहे हैं और 9 जुलाई से पहले समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश में हैं. अमेरिका ने उसके द्वारा 2 अप्रैल को घोषित उच्च शुल्क को 9 जुलाई तक के लिए निलंबित किया है.
भारत और अमेरिका इन क्षेत्रों में चाहते है रियायत
भारत के लिए कृषि और दुग्ध क्षेत्र अमेरिका को शुल्क रियायतें देने के लिए कठिन और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र हैं. भारत ने अब तक हस्ताक्षरित किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में दुग्ध क्षेत्र को नहीं खोला है. अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, मोटर वाहन विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहनों, वाइन, पेट्रोरसायन उत्पादों, दुग्ध तथा कृषि उत्पादों जैसे सेब, वृक्ष गिरी और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों पर शुल्क रियायत चाहता है. वहीं भारत प्रस्तावित व्यापार समझौते में कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए शुल्क रियायत की मांग कर रहा है।
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