UP News : पीलीभीत। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने पीलीभीत जिले की एक वरिष्ठ अधिकारी पर संगठन के स्थानीय पदाधिकारी के खिलाफ ‘झूठा और राजनीति से प्रेरित’ मामला दर्ज कराने का आरोप लगाया है। विहिप के स्थानीय पदाधिकारी की गिरफ्तारी को लेकर विवाद के बाद अधिकारियों ने मामले की जांच का आदेश दिया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब अपर ज़िला मजिस्ट्रेट (एडीएम) ऋतु पुनिया ने छह नवंबर को विहिप के संगठन सचिव प्रिंस गौड़ के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत पीलीभीत नगर कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।
संगठन को जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश की गई
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने शनिवार को गौड़ को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन जेल में उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें उसी रात अस्पताल में भर्ती कराया गया। अगले दिन, विहिप ब्रज प्रांत के क्षेत्रीय संगठन मंत्री राजेश ने जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) ज्ञानेंद्र सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अभिषेक यादव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और आरोप लगाया कि मामला ‘निराधार और मनगढ़ंत’ है। राजेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में दावा किया कि गौड़ के खिलाफ कार्रवाई ‘संगठन को बदनाम करने की एक जानबूझकर की गई कोशिश’ है। उन्होंने एडीएम पुनिया के आचरण की निष्पक्ष जांच की मांग की। जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने पुष्टि की कि विहिप प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की और कहा कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की गहन और निष्पक्ष जांच कर रही है। उन्होंने कहा, ‘संगठन के प्रतिनिधियों ने अपना पक्ष रखा। पुलिस सभी तथ्यों और संबंधित पक्षों की जांच कर रही है।’ उन्होंने इस पर और कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। राजेश ने कहा कि बैठक के दौरान, विहिप प्रतिनिधिमंडल ने डीएम और एसएसपी को ‘एडीएम पुनिया के पक्षपातपूर्ण आचरण और संगठन विरोधी रुख’ से भी अवगत कराया।उन्होंने दावा किया कि दोनों अधिकारियों ने ‘सकारात्मक और संतुलित प्रतिक्रिया’ दी है और राज्य सरकार को भी एडीएम पुनिया के कथित कदाचार सहित पूरे मामले से अवगत करा दिया गया है।
VHP ने एडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
विहिप ने एडीएम पुनिया के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। अधिकारियों के अनुसार, एडीएम पुनिया ने पूर्व में विहिप के जिलाध्यक्ष को एक शिकायत के संबंध में पत्र लिखा था, जिसके बारे में बाद में दावा किया गया कि वह एक जाली ‘लेटरहेड’ पर लिखा गया था। विहिप के ज़िलाध्यक्ष ने चार नवंबर को दिए अपने जवाब में पत्र को ‘फर्जी’ बताया और कहा कि संगठन में किसी को भी ऐसा कोई अधिकार नहीं दिया गया है। राजेश ने कहा कि विहिप आंतरिक रूप से भी जाली शिकायत पत्र की जांच करेगी।
पुलिस के अनुसार, गौड़ के खिलाफ आरोपों में बीएनएस धारा 132 (लोक सेवक के खिलाफ हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 336 (3) (धोखाधड़ी के इरादे से जालसाजी), 338 (जालसाजी और जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल), 340 (2) (जाली इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का कपटपूर्ण इस्तेमाल), 308 (5) (मृत्यु या गंभीर चोट की धमकी देकर जबरन वसूली), और 351 (2) (आपराधिक धमकी) शामिल हैं।




