Sunday, August 10, 2025
HomeNational NewsTrump Tariff : अमेरिकी शुल्क से 2 अरब डॉलर के झींगा निर्यात...

Trump Tariff : अमेरिकी शुल्क से 2 अरब डॉलर के झींगा निर्यात पर संकट, उद्योग ने मोदी सरकार से मांगी मदद

अमेरिका द्वारा झींगा पर शुल्क 25% से बढ़ाकर 50% किए जाने से भारत का झींगा निर्यात उद्योग संकट में है। भारतीय समुद्री खाद्य निर्यात संघ (SEAI) ने सरकार से आपात वित्तीय सहायता की मांग की है, जिसमें सस्ते कर्ज, ब्याज सहायता और भुगतान में छूट शामिल है। नए शुल्क से भारत चीन, वियतनाम और थाइलैंड के मुकाबले कम प्रतिस्पर्धी हो गया है, जिससे निर्यात और रोजगार प्रभावित हो रहे हैं।

Trump Tariff : नई दिल्ली। अमेरिका शुल्क के कारण देश का झींगा निर्यात उद्योग गंभीर संकट से जूझ रहा है। भारतीय समुद्री खाद्य निर्यात संघ (एसईएआई) ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए शुल्क के मद्देनजर सरकार से इस उद्योग के लिए आपात वित्तीय समर्थन मांगा है। संघ ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से संपर्क कर कहा है कि अमेरिकी शुल्क की वजह से उद्योग को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। संघ ने सरकार से सस्ते कर्ज के जरिये कार्यशील पूंजी में 30 प्रतिशत की वृद्धि, ब्याज सहायता के जरिये मार्जिन की भरपाई और पैकेजिंग से पहले और बाद के कार्यों के लिए 240 दिन की कर्ज भुगतान की छूट का आग्रह किया है।

एसईएआई के महासचिव के एन राघवन ने पीटीआई-भाषा को बताया, करीब दो अरब डॉलर मूल्य के झींगा निर्यात में गंभीर व्यवधान आ रहा है।उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका ने जवाबी शुल्क को 25 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है। भारत ने 2024 में अमेरिका को 2.8 अरब डॉलर मूल्य के झींगे का निर्यात किया था और इस वर्ष अबतक 50 करोड़ डॉलर मूल्य का निर्यात कर चुका है। राघवन ने कहा कि नए शुल्क के कारण भारतीय समुद्री खाद्य उत्पाद चीन, वियतनाम और थाइलैंड की तुलना में काफी कम प्रतिस्पर्धी हो गए हैं, जिनपर केवल 20-30 प्रतिशत का अमेरिकी शुल्क लगता है। उन्होंने चेतावनी दी कि ये एशियाई प्रतिस्पर्धी कीमतें कम करके अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी हासिल कर लेंगे, जबकि भारतीय निर्यातक मौजूदा खेप को दूसरे रास्ते से नहीं भेज सकते क्योंकि इससे अनुबंध उल्लंघन के लिए 40 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना लगेगा।

राघवन ने कहा, एकमात्र रास्ता पांच नए बाजारों की खोज करना है, लेकिन इसमें समय लगेगा। उदाहरण के लिए, ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर तो हो गए हैं, लेकिन इसके क्रियान्वयन में समय लगेगा। शुल्क वृद्धि भारत के सबसे बड़े कृषि निर्यात क्षेत्रों में से एक के लिए खतरा है। यह क्षेत्र तटीय राज्यों में लाखों लोगों को रोजगार और देश की विदेशी मुद्रा आय में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

Mukesh Kumar
Mukesh Kumarhttps://jagoindiajago.news/
समाचार लेखन की दुनिया में एक ऐसा नाम जो सटीकता, निष्पक्षता और रचनात्मकता का सुंदर संयोजन प्रस्तुत करता है। हर विषय को गहराई से समझकर उसे आसान और प्रभावशाली अंदाज़ में पाठकों तक पहुँचाना मेरी खासियत है। चाहे वो ब्रेकिंग न्यूज़ हो, सामाजिक मुद्दों पर विश्लेषण या मानवीय कहानियाँ – मेरा उद्देश्य हर खबर को इस तरह पेश करना है कि वह सिर्फ जानकारी न बने बल्कि सोच को भी झकझोर दे। पत्रकारिता के प्रति यह जुनून ही मेरी लेखनी की ताकत है।
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular