नई दिल्ली। डिजिटल पेमेंट को और आसान और सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने आज (7 अक्टूबर) UPI के नए बायोमेट्रिक फीचर्स को मंजूरी दे दी है। अब यूजर्स चेहरे की पहचान (Face ID) या फिंगरप्रिंट स्कैन के जरिए भी पेमेंट कर सकेंगे।UPI को ऑपरेट करने वाली एजेंसी NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने बताया कि यह नया फीचर जल्द ही सभी प्लेटफॉर्म्स पर लागू किया जाएगा। इसके यूजर मैनुअल और लॉन्च डेट की जानकारी जल्द साझा की जाएगी। नए फीचर के साथ, UPI पिन अब ऑप्शनल होगा, जिससे पेमेंट प्रोसेस पहले से ज्यादा तेज़, सुरक्षित और यूज़र-फ्रेंडली बन जाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह कदम भारत को बायोमेट्रिक डिजिटल पेमेंट्स के नए युग में प्रवेश कराएगा।
यूपीआई पिन सेट करने में भी यूज होगा फिंगरप्रिंट
यूपीआई के नए यूजर होने या पिन नंबर भूल जाने पर भी आप फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल कर पाएंगे। नए फीचर्स में आपको डेबिट कार्ड की जानकारी डालने या ओटीपी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी। सीधे फिंगरप्रिंट से अपना UPI PIN सेट या रीसेट कर सकेंगे। UPI के जरिए जब आप ATM से कैश निकालेंगे, तो वहां भी PIN के अलावा बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का उपयोग किया जा सकेगा। इससे कार्ड ले जाने और PIN याद रखने की जरूरत नहीं होगी।
जानिए कैसे काम करेगा नया सिस्टम
नई सुविधा में पेमेंट की ऑथेंटिकेशन आधार से जुड़ी बायोमेट्रिक पहचान के जरिए होगी। इसका मतलब है कि जब यूजर किसी ट्रांजैक्शन को अप्रूव करेगा, तो उसका चेहरा या फिंगरप्रिंट UIDAI के आधार डेटा से मैच किया जाएगा। जैसे ही यह वेरिफिकेशन सफल होगा, पेमेंट अपने आप अप्रूव हो जाएगा। अभी तक हर UPI ट्रांजैक्शन के लिए यूजर को 4 या 6 अंकों का PIN दर्ज करना पड़ता था। लेकिन अब फेस स्कैन या फिंगरप्रिंट से यह प्रक्रिया एक सेकंड से भी कम समय में पूरी हो जाएगी।
RBI के दिशानिर्देशों के मुताबिक
RBI ने हाल ही में डिजिटल पेमेंट्स के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को आसान बनाने के दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसके तहत बैंकों और फिनटेक कंपनियों को पारंपरिक PIN सिस्टम के अलावा बायोमेट्रिक या फेस-बेस्ड ऑथेंटिकेशन अपनाने की अनुमति दी गई है। यह कदम डिजिटल पेमेंट्स में सुरक्षा बढ़ाने और धोखाधड़ी के जोखिम घटाने की दिशा में बड़ा सुधार माना जा रहा है।