Friday, September 5, 2025
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‘चीन के साथ अनसुलझे सीमा विवाद सबसे बड़ी चुनौती’, CDS जनरल अनिल चौहान ने भारत के सामने 6 बड़ी चुनौतियां गिनाई

CDS Anil Chauhan: प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि चीन के साथ अनसुलझा सीमा विवाद भारत की सबसे बड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती है और पाकिस्तान द्वारा चलाया जा रहा ‘छद्म युद्ध’ और ‘हजारों जख्मों से भारत को लहूलुहान करने’ की उसकी नीति दूसरी सबसे गंभीर चुनौती है.

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीडीएस जनरल चौहान ने क्षेत्रीय अस्थिरता और उसके भारत पर प्रभाव को तीसरी बड़ी चुनौती के रूप में और तेजी से बदलते चुनौतीपूर्ण माहौल में उच्च प्रौद्योगिकी से युक्त भविष्य के युद्धक्षेत्र परिदृश्यों से निपटने के लिए आवश्यक तैयारियों को चौथी बड़ी चुनौती के रूप में चिन्हित किया.

‘सशस्त्र बलों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गई’

जनरल चौहान ने कहा कि परमाणु हथियारों से लैस 2 दुश्मनों से उत्पन्न खतरों से निपटना भारत के सामने एक और बड़ी चुनौती है, क्योंकि उसे किसी भी तरह के पारंपरिक युद्ध के लिए तैयार रहना होगा. उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गई थी और इसका उद्देश्य न केवल पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेना था, बल्कि सीमा पार आतंकवाद पर एक लक्ष्मण रेखा भी खींचना था.

‘ऑपरेशन सिंदूर में NSA ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका’

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में, सीडीएस ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ने सेना को मार्गदर्शन प्रदान करने के संदर्भ में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की योजना बनाने और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें लक्ष्य चयन, सैनिकों की तैनाती आदि के लिए रूपरेखा और कूटनीति का उपयोग शामिल था.

‘चीन के साथ अनसुलझे सीमा विवाद सबसे बड़ी चुनौती’

जनरल चौहान का संबोधन मुख्यत: भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर था. उन्होंने कहा ‘‘मैं चीन के साथ अनसुलझे सीमा विवाद को सबसे बड़ी चुनौती मानता हूं. दूसरी बड़ी चुनौती पाकिस्तान द्वारा भारत के विरुद्ध चलाया जा रहा छद्म युद्ध है. पाकिस्तान की रणनीति भारत को हज़ार ज़ख्म देकर लहूलुहान करने की रही है. इसका मतलब है कि नियमित अंतराल पर भारत को धीरे-धीरे चोट पहुंचाते रहो और देश में खून बहाना जारी रखो.’ उन्होंने कहा कि तीसरी सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती क्षेत्रीय अस्थिरता से उत्पन्न हो रही है, खासकर जिस तरह से भारत के पड़ोसी देश सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक अशांति का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति भारत को भी प्रभावित करती है.

‘चौथी चुनौती यह होगी कि भविष्य में हम किस तरह के युद्ध लड़ेंगे’

जनरल चौहान ने कहा ‘चौथी चुनौती यह होगी कि भविष्य में हम किस तरह के युद्ध लड़ेंगे. युद्ध के तरीके तेज़ी से बदल रहे हैं. भविष्य के युद्ध केवल ज़मीन, हवा और पानी तक ही सीमित नहीं होंगे. इसमें अंतरिक्ष, साइबर और विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र भी शामिल होंगे. हमारे लिए ऐसे परिदृश्य के लिए समायोजन करना और खुद को तैयार रखना एक चुनौती होगी.’

हमारे दोनों विरोधी परमाणु हथियारों से लैस हैं: अनिल चौहान

5वीं चुनौती के बारे में, सीडीएस ने कहा, ‘हमारे दोनों विरोधी परमाणु हथियारों से लैस हैं और यह हमारे लिए एक चुनौती बनी रहेगी कि हम किस तरह का पारंपरिक युद्ध लड़ेंगे और उनसे निपटने के लिए हम किस तरह का अभियान चुनेंगे. जनरल चौहान ने कहा कि छठी चुनौती भविष्य के युद्ध पर प्रौद्योगिकी और उसके प्रभाव को लेकर है.’

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Premanshu Chaturvedi
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