तिरुवनंतपुरम। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में तकनीकी कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों की जगह किसी और से परीक्षा दिलवाने और नकल करवाने के लिए विशेष रूप से तैयार इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और ऐसी शर्ट का इस्तेमाल किया गया, जिसमें कैमरा लेंस लगाया जा सके। तिरुवनंतपुरम के पुलिस आयुक्त नागराजू चकीलम ने कहा कि मामले में शामिल आरोपियों की तैयारियों से संकेत मिलते हैं कि वे अतीत में भी इस तरह के अपराध को अंजाम दे चुके हैं।
चकीलम ने यह भी कहा कि मामले की जांच न केवल प्रौद्योगिकी आधारित होगी, बल्कि अखिल भारतीय स्तर पर भी की जाएगी, जिसके तहत यह जांचना आवश्यक होगा कि क्या अतीत में अन्य राज्यों में भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा अपराध में बड़े पैमाने पर धन भी शामिल है। यह इस बात से साबित होता है कि आरोपी परीक्षा के कई दिन पहले विमान से तिरुवनंतपुरम पहुंचे। वे एक संगठित दल का हिस्सा हैं। चकीलम के मुताबिक, चूंकि अभ्यर्थियों का भेस धारण कर VSSC भर्ती परीक्षा में बैठने और नकल करने के मामले में अब तक गिरफ्तार चारों आरोपी हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए जांच यह पता लगाने पर भी केंद्रित होगी कि राज्य के कोचिंग सेंटर भी अपराध में शामिल तो नहीं थे।
आरोपियों की गिरफ्तारी और मामले की गहन जांच शुरू होने के बाद एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में चकीलम ने विस्तार से बताया कि आरोपियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए किस तरह से धोखाधड़ी की कि वे उन लोगों के वास्ते भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण कर लें, जिन्होंने उन्हें भुगतान किया है। पुलिस आयुक्त ने कहा आरोपियों ने विशेष रूप से तैयार इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, ईयरपीस और मोबाइल फोन के कैमरा लेंस का इस्तेमाल किया। कैमरा लेंस, ईयरपीस और दूसरे स्थान पर मौजूद व्यक्ति को विशेष उपकरण से जोड़ा गया था। (आरोपियों द्वारा पहनी गई) शर्ट में बटन के लिए विशेष काज बनाई गई थी, ताकि उनमें कैमरा लेंस फिट किए जा सकें।
चकीलम ने बताया सभी तैयारियां इशारा करती हैं कि उक्त पैंतरे और उपकरण कई अन्य जगहों पर भी इस्तेमाल किए जा चुके हैं। उपकरण भी नया नहीं है और इस्तेमाल किया जा चुका प्रतीत होता है। यह कोई ब्रांडेड उपकरण भी नहीं है और ऐसा लगता है कि किसी तकनीकी विशेषज्ञ ने इस उद्देश्य के लिए स्थानीय स्तर पर इसे तैयार किया था। पुलिस आयुक्त के मुताबिक, विशेष उपकरण में एक सिम कार्ड भी लगाया गया था, जिसकी मदद से वह प्रश्नों को बाहर भेजने और ईयरपीस पर उनके जवाब हासिल करने में सक्षम था।
उन्होंने बताया आरोपियों के पास से 3 ऐसे उपकरण बरामद किए गए हैं। चकीलम के अनुसार, इन उपकरणों की वजह से आरोपियों को नकल करने के लिए संचार के सामान्य टेलीफोनिक साधनों का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ी। उन्होंने बताया कि चूंकि आरोपी आम बोलचाल में हरियाणवी बोलते हैं, इसलिए पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों से साजिश में शामिल लोगों की जानकारी उगलवाने के लिए हरियाणी बोलने वाले लोगों की मदद ले रही है।
पुलिस के मुताबिक, हरियाणा के 2 आरोपियों को रविवार रात 2 अलग-अलग केंद्रों पर अभ्यर्थियों के भेस में परीक्षा देते और नकल करते रंगे हाथ पकड़ा गया था, जबकि राज्य के 2 अन्य आरोपियों को सोमवार रात पकड़ा गया। प्रतिरूपण और धोखाधड़ी का मामला सामने आने पर पुलिस ने सोमवार को इसकी जांच शुरू की थी, जिसके बाद VSSC ने परीक्षा रद्द करने की घोषणा की थी।
VSSC ने एक अधिसूचना में कहा था कि तकनीशियन-बी, ड्राफ्ट्समैन-बी और रेडियोग्राफर-ए के पदों के लिए 20 अगस्त को तिरुवनंतपुरम के विभिन्न केंद्रों पर आयोजित लिखित परीक्षा रद्द कर दी गई है। इसमें कहा गया था परीक्षा के लिए संशोधित कार्यक्रम VSSC वेबसाइट के माध्यम से सभी संबंधित अभ्यर्थियों को उचित समय पर सूचित किया जाएगा। असुविधा के लिए खेद है।
पुलिस ने सोमवार को कहा था कि चूंकि एक ही राज्य-हरियाणा-से 400 से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी, इसलिए इस बात का संदेह है कि क्या कोचिंग सेंटर धोखाधड़ी में शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने कहा था कि जांच में राज्य पुलिस के साथ सहयोग करने के लिए एक जांच दल हरियाणा भेजा जाएगा। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 406 (विश्वास का आपराधिक उल्लंघन), 420 (धोखाधड़ी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर की यह भर्ती परीक्षा केवल केरल में राज्य भर के 10 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी।