Sunday, September 28, 2025
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Snapback Sanctions On Iran: ईरान को UN से बड़ा झटका, संयुक्त राष्ट्र ने फिर लगाए प्रतिबंध, रूस और चीन का प्रस्ताव खारिज

UN Imposes Snapback Sanctions On Iran: संयुक्त राष्ट्र ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उस पर फिर से स्नैपबैक प्रतिबंध लगा दिए। रूस और चीन का विरोध प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। अब ईरान पर विदेशों में संपत्ति फ्रीज, हथियार सौदों पर रोक और बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर दंड जैसी पाबंदियां लागू होंगी।

UN Imposes Snapback Sanctions On Iran: संयुक्त राष्ट्र ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर रविवार तड़के उसपर फिर से प्रतिबंध लगा दिए, जिसके बाद पहले से ही मुश्किलों से जूझ रहे देश के लोगों की भविष्य को लेकर चिंताएं और बढ़ गई हैं. संयुक्त राष्ट्र में अंतिम समय में कूटनीतिक प्रयास विफल होने के बाद रविवार को ईरान पर प्रतिबंध लागू हो गए.

ईरान पर लगेंगी किस तरह की पाबंदियां ?

ईरान पर अब कई तरह की पाबंदियां लग जाएंगी जिनमें विदेश में संपत्तियों पर रोक लगना, हथियार सौदों पर प्रतिबंध और बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम आगे बढ़ाने पर जुर्माना लगाया जाना आदि शामिल है. ये प्रतिबंध ऐसे समय में लगाए गए हैं जब ईरान आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. ईरान की मुद्रा रियाल निम्न स्तर पर पहुंच गई है, खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ रहे हैं और दैनिक जीवन और चुनौतीपूर्ण हो गया है.

‘देश ने कभी भी ऐसे चुनौतीपूर्ण समय का सामना नहीं किया’

सिना नामक व्यक्ति ने कहा कि देश ने कभी भी ऐसे चुनौतीपूर्ण समय का सामना नहीं किया है, यहां तक ​​कि 1980 के दशक के ईरान-इराक युद्ध और उसके बाद दशकों तक प्रतिबंध लागू होने के दौरान भी नहीं. सिना ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, हम आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और हर साल हालात बदतर होते जा रहे हैं. हमारे सपने चकनाचूर हो रहे हैं.’

खाद्य पदार्थों की बढ़ी कीमतें

तेहरान के एक किराने की दुकान पर सिमा तगहावी नामक महिला ने कहा, ‘हर दिन पनीर, दूध और मक्खन की कीमत बढ़ जाती है. जून में हुए युद्ध के बाद ही ईरान में खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ गईं थी जिससे पहले से ही महंगा मांस गरीब परिवारों की पहुंच से बाहर हो गया.

ईरान सरकार ने जून में कुल वार्षिक मुद्रास्फीति 34.5 प्रतिशत बताई वहीं सांख्यिकी केंद्र ने बताया कि इसी अवधि में आवश्यक खाद्य पदार्थों की कीमतों में 50 प्रतिशत से ज़्यादा की वृद्धि हुई. बीन्स की कीमतें एक साल में तीन गुना बढ़ गईं, जबकि मक्खन लगभग दोगुना हो गया. चावल एक मुख्य खाद्य पदार्थ है और इसकी कीमत औसतन 80 प्रतिशत से ज़्यादा बढ़ गई है.

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Premanshu Chaturvedi
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