उदयपुर जिले के गोगुंदा कस्बे में, ‘आदमखोर’ तेंदुए के आतंक से परेशान निवासियों को थोड़ी राहत मिली है क्योंकि सोमवार रात 2 तेंदुए अलग-अलग पिंजरे में कैद हो गए. पिछले सप्ताह तेंदुए के हमले में 3 लोगों की मौत के बाद इलाके में दहशत फैल गई थी. तेंदुओं को पकड़ने के लिए सेना की मदद ली गई थी.
तेंदुए पकड़ने के लिए सेना से ली मदद
इलाके में ‘आदमखोर’ तेंदुए द्वारा 16 वर्षीय लड़की, 50 वर्षीय पुरुष और 40 वर्षीय महिला का शिकार किए जाने के बाद वन विभाग ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर तलाशी अभियान शुरू किया.हिंसक जानवरों का पता लगाने के लिए शनिवार को भारतीय सेना की एक टीम को भी बुलाया गया. इलाके में 6 स्थानों पर रणनीतिक रूप से पिंजरे लगाए गए थे.
तेंदुओं को सज्जनगढ़ जैविक उद्यान ले जाया गया
गोगुंदा थाने के थानाधिकारी शैतान सिंह नाथावत ने कहा कि वन विभाग की टीम ने तेंदुओं को पकड़ लिया है और उन्हें उदयपुर शहर के सज्जनगढ़ जैविक उद्यान में ले जाया गया.
बिना दांत वाला तेंदुआ हो सकता हमले का जिम्मेदार
नाथावत के अनुसार, बिना दांत वाला तेंदुआ हाल ही में इलाके में लोगों पर हुए हमलों का जिम्मेदार हो सकता है.उन्होंने कहा, ‘‘टूटे हुए दांत के कारण या दांत नहीं होने के कारण जानवर जब स्वाभाविक रूप से शिकार नहीं कर पाता तो वह मनुष्यों पर हमला करता है. हो सकता है कि इस तेंदुए ने ऐसा किया हो हालांकि वन अधिकारी विस्तार से जांच कर रहे हैं.’’बुधवार को तलाशी अभियान शुरू हुआ और सेना ने शनिवार से निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया.