Cab Fare Hiked: अब कैब से सफर करना आपने लिए महंगा होने वाला है. केंद्र सरकार ने कैब सर्विस देने वाली कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. जिसके अनुसार अब पीक ऑवर्स में बेस फेयर का दो गुना तक किराया वसूल सकती हैं. जो पहले 1.5 गुना था. गैर व्यस्ततम समय के लिए किराया, आधार मूल्य का न्यूनतम 50 प्रतिशत होना चाहिए. इससे जाहिर है कि ज्यादा ट्रैफिक के समय कैब राइड करना महंगा हो जाएगा. राज्यों को 3 महीने के भीतर संशोधित दिशा-निर्देशों को अपनाने की सलाह दी गई है.
बेस फेयर से 2 गुना तक किराया वसूल सकते
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अपने ‘मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश-2025’ में कहा है कि‘एग्रीगेटर को मूल किराये से न्यूनतम 50 प्रतिशत कम किराया लेने तथा उप-खण्ड (17.1) के तहत निर्दिष्ट आधार किराये से अधिकतम 2 गुना गतिशील मूल्य निर्धारण की अनुमति होगी. इसके अलावा,चार्जेबल बेस फेयर न्यूनतम 3 किलोमीटर के लिए होगा, ताकि ‘डेड माइलेज’ की भरपाई की जा सके. इसमें बिना यात्री के यात्रा की गई दूरी, यात्रा की गई दूरी और यात्री (यात्रियों) को लेने के लिए उपयोग किया गया ईंधन शामिल है.
राज्यों को 3 महीने में नई गाइडलाइन लागू करने के निर्देश
दिशानिर्देशों के अनुसार, मोटर वाहनों की संबंधित श्रेणी या वर्ग के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किराया, एग्रीगेटर से सेवाएं प्राप्त करने वाले यात्रियों के लिए देय आधार किराया होगा. राज्यों को 3 महीने के भीतर संशोधित दिशा-निर्देशों को अपनाने की सलाह दी गई है.
बिना वैध कारण के कैब कैंसिल करने पर लगेगा जुर्माना
कैब कैंसिल के मामले में, अगर कैंसिल एग्रीगेटर द्वारा वैध कारण के बिना किया जाता है तो चालक पर किराये का 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा, जो 100 रुपये से अधिक नहीं होगा. बिना किसी वैध कारण के रद्द करने पर यात्री पर भी इसी प्रकार का जुर्माना लगाया जाएगा.
ड्राइवरों के लिए स्वास्थ्य बीमा जरूरी
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि केंद्र सरकार एग्रीगेटर के रूप में लाइसेंस के लिए आवेदन की एकल-खिड़की मंजूरी के लिए एक पोर्टल विकसित और नामित करेगी. इसमें कहा गया है, ‘एग्रीगेटर (कैब सेवा प्रदान करने वाली कंपनी) द्वारा देय लाइसेंस शुल्क 5 लाख रुपये होगा और लाइसेंस जारी होने की तारीख से 5 साल की अवधि के लिए वैध होगा.’एग्रीगेटर्स को यह सुनिश्चित करना अनिवार्य किया गया है कि ड्राइवरों (वाहन चालकों) के पास कम से कम क्रमशः 5 लाख रुपये और 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य और सावधि बीमा हो.
शिकायत अधिकारी की भी जाएगी नियुक्ति
नई गाइडलाइन के अनुसार एग्रीगेटर द्वारा एक शिकायत अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी. दिशानिर्देशों के अनुसार, ‘एग्रीगेटर को ऐसे वाहनों को शामिल नहीं करना चाहिए जो प्रारंभिक पंजीकरण की तारीख से 8 वर्ष से अधिक समय से पंजीकृत हैं और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके द्वारा शामिल किए गए सभी वाहनों को प्रारंभिक पंजीकरण की तारीख से 8 वर्ष से अधिक समय से पंजीकृत नहीं होना चाहिए.’
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