देहरादून। हरिद्वार के संत स्वामी अच्युतानंद तीर्थ ने बदरीनाथ मंदिर को मूल रूप से बौद्ध मठ बताने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है। हरिद्वार कोतवाली में मंगलवार को दर्ज कराई अपनी शिकायत में तीर्थ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री मौर्य के इस प्रकार के बयान से हिंदु आस्था को ठेस पहुंची है। इस बयान से व्यक्तिगत रूप से मैं भी काफी आहत हुआ हूं।
संत ने मौर्य पर बिना किसी साक्ष्य और आधार के हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने हिंसा फैलाने की भावना और साजिश के तहत उक्त बयान दिया है। जगदगुरू राजराजेश्वराश्रम महाराज ने भी बदरीनाथ को बौद्ध मठ बताए जाने के मौर्य के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इससे लगता है कि उनका दिमाग खराब हो गया है।
मौर्य को सत्ता लोलुप राजनीतिज्ञ बताते हुए शंकराचार्य ने कहा कि उनकी बेतुकी टिप्पणी का उददेश्य मुस्लिम तुष्टीकरण है। पिछले गुरुवार को लखनऊ में मौर्य ने कहा था कि बदरीनाथ मंदिर आठवीं शताब्दी तक बौद्ध मठ था जिसे आदि शंकराचार्य ने हिंदु मंदिर में परिवर्तित कर दिया था। मौर्य के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया था और कहा था कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र भू बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम पर समाजवादी पार्टी नेता की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है।
धामी ने कहा था कि महागठबंधन के एक सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी के एक नेता का यह बयान कांग्रेस और उसके सहयोगियों की देश एवं धर्म विरोधी सोच को दर्शाता है और इन दलों के अंदर सिमी और पीएफआइ की विचारधारा के वर्चस्व को भी प्रकट करता है। उत्तराखंड के धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा था कि सनातन धर्म की जानकारी न होने के कारण मौर्य उलजलूल बयानबाजी कर केवल खबरों में बने रहना चाहते हैं।