RSS Vijayadashmi Utsav 2025: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को इस बात पर अफसोस जताया कि अच्छे लोग राजनीति से दूर रह रहे हैं और उन्होंने युवाओं से देश के राजनीतिक परिदृश्य का हिस्सा बनने का आह्वान किया. रेशिमबाग मैदान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की वार्षिक विजयादशमी रैली को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और डॉ. भीमराव आंबेडकर ने उनके जीवन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
संघ में न तो जातिवाद है और न ही भेदभाव: कोविंद
कोविंद ने कहा कि ‘मैं डॉ. आंबेडकर और डॉ. हेडगेवार द्वारा साझा की गई राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता के मूल्यों से प्रेरित हुआ. संघ में न तो जातिवाद है और न ही भेदभाव. संघ संस्थापक के विचारों ने उन्हें समाज और राष्ट्र को स्पष्ट रूप से समझने में मदद की. उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि अच्छे लोग राजनीति में शामिल नहीं हो रहे हैं. उन्होंने युवाओं से राजनीति का हिस्सा बनने की अपील की. कोविंद ने बताया कि वह ‘ट्रायम्फ ऑफ द इंडियन रिपब्लिक’ शीर्षक से एक पुस्तक लिख रहे हैं.
‘RSS की समरसता और समानता से महात्मा गांधी भी प्रभावित हुए थे’
रामनाथ कोविंद ने आगे कहा कि संघ में व्याप्त समरसता और समानता तथा जाति भेद से पूरी तरह मुक्त व्यवहार को देखकर महात्मा गांधी भी बहुत प्रभावित हुए थे. जिसका विस्तृत विवरण संपूर्ण गांधी वांग्मय में मिलता है. गांधी ने 16 सितंबर 1947 को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रैली को संबोधित किया था और कहा था कि वह परसों पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार के जीवनकाल में संघ के शिविर में गए थे गांधी शिविर के अनुशासन, सादगी और छुआछूत की पूर्ण समाप्ति को देखकर अत्यंत प्रभावित हुए थे.”
#WATCH महाराष्ट्र | आरएसएस अपने संगठन के 100 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 2, 2025
इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा, "संघ में व्याप्त समरसता और समानता तथा जाति भेद से पूरी तरह मुक्त व्यवहार को देखकर महात्मा गांधी भी बहुत प्रभावित हुए थे। जिसका विस्तृत विवरण संपूर्ण… https://t.co/hqEBPEHO54 pic.twitter.com/KMB1VGPu8H
बता दें कि यह रैली ऐसे समय में हुई जब RSS अपना शताब्दी वर्ष भी मना रहा है. आरएसएस की स्थापना 1925 में दशहरा (27 सितंबर) के दिन नागपुर में महाराष्ट्र के एक चिकित्सक केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी.