SIR : नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयोग से उत्तर प्रदेश और केरल में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए समयसीमा बढ़ाने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर विचार करने को कहा। प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया कि अकेले उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची से 25 लाख नाम हटा दिए गए हैं।
मतदाता सूची संशोधन की समयसीमा भी समाप्त हो रही है : सिब्बल
सिब्बल ने कहा, कुछ मामलों में पति का नाम तो है लेकिन पत्नी का नहीं है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि मतदाता सूची संशोधन की समयसीमा भी समाप्त हो रही है। आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने इन दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि ये मामले निर्वाचन आयोग पर छोड़ दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि समयसीमा पहले ही बढ़ाई जा चुकी है।
मामले में एक वकील ने जल्दबाजी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2027 में होने हैं और फिर भी निर्वाचन आयोग पर्याप्त समय नहीं दे रहा है। पीठ ने दलीलों पर गौर किया और निर्वाचन आयोग को जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए समयसीमा बढ़ाने के अनुरोध वाले किसी भी आवेदन पर ‘‘सहानुभूतिपूर्वक’’ निर्णय लेने को कहा।




