नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के संवादाता सम्मेलन में महिला पत्रकारों को शामिल होने की अनुमति नहीं दिए जाने से नारी शक्ति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नारों का ‘‘खोखलापन बेनकाब’’ हुआ है। गांधी ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री ने साबित कर दिया कि वह इतने कमजोर है कि महिलाओं के लिए खड़े नहीं हो सकते।

नारी शक्ति पर प्रधानमंत्री के खोखले नारे : राहुल गांधी
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री इन दिनों भारत के दौरे पर हैं। उन्होंने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ विपक्षीय वार्ता की थी। बाद में उन्होंने अलग से एक संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित किया था, जिसमें महिला पत्रकारों को शामिल होने की अनुमति कथित तौर पर नहीं थी।
Mr. Modi, when you allow the exclusion of women journalists from a public forum, you are telling every woman in India that you are too weak to stand up for them.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 11, 2025
In our country, women have the right to equal participation in every space. Your silence in the face of such… https://t.co/FyaxxCteK6
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘ मोदी जी, जब आप महिला पत्रकारों को एक सार्वजनिक मंच से बाहर किए जाने की अनुमति देते हैं, तो आप भारत की हर महिला को बता रहे हैं कि आप इतने कमजोर हैं कि उनके लिए खड़े नहीं हो सकते।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है। ऐसे भेदभाव के सामने आपकी चुप्पी नारी शक्ति पर आपके नारों के खोखलेपन को उजागर करती है।’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी ‘एक्स’ पर ‘पोस्ट’ किया, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, कृपया भारत दौरे पर तालिबान के प्रतिनिधि के संवाददाता सम्मेलन से महिला पत्रकारों को दूर रखे जाने पर अपना रुख स्पष्ट करें। उन्होंने कहा, ‘यदि महिलाओं के अधिकारों के बारे में आपकी मान्यता सिर्फ एक चुनाव से दूसरे चुनाव में सुविधाजनक दिखावा नहीं है, तो हमारे देश में भारत की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं के अपमान की अनुमति कैसे दी गई है, एक ऐसा देश जिसकी महिलाएं इसकी रीढ़ हैं और इसका गौरव हैं।’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ‘(तालि) बैन’ में महिला पत्रकारों पर प्रतिबंध लगाया गया और यह चौंकाने वाला और अस्वीकार्य है कि भारत सरकार इस पर सहमत हुई।’’ उन्होंने कहा कि यह सब अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली में किया गया।