Manipur : नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में विपक्ष पर मणिपुर के लिए ‘मगरमच्छ के आंसू’ बहाने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य के हितों से जुड़े विधेयकों पर सदन में चर्चा में वह शामिल नहीं होता है। वित्त मंत्री ने मणिपुर माल एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025 पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, 2024 में पूरा साल वे (विपक्षी नेता) मणिपुर के लिए मगरमच्छ के आंसू बहाते रहे…क्या प्रधानमंत्री ने वहां का दौरा किया, क्या गृह मंत्री ने वहां का दौरा किया, क्या वहां की कानून व्यवस्था सामान्य हुई। वे बार-बार मणिपुर से जुड़ा मुद्दा उठाते रहे।
मणिपुर को लेकर ‘मगरमच्छ के आंसू’ बहा रहा है विपक्ष : सीतारमण
सीतारमण ने कहा कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन होने के कारण जब राज्य के बजट के लिए विधेयक यहां लाया गया तो उस समय भी विपक्ष के सदस्यों ने चर्चा में भाग नहीं लिया। उन्होंने कहा, ‘‘उस समय भी उन लोगों ने मणिपुर के लोगों के हितों का ध्यान नहीं रखा… आज भी उन्होंने मणिपुर से जुड़े विधेयक पर चर्चा में भाग नहीं लिया। उन्होंने कहा, मणिपुर के संबंध में उनकी सभी चिंताएं, प्रधानमंत्री पर आरोप लगाना, गृह मंत्री पर आरोप लगाना सिर्फ ड्रामा है।
Throughout 2024, we saw the Opposition shedding crocodile tears about Manipur for everything. They raised issues, they voiced their concerns, and shed crocodile tears. I have seen it earlier as well – when we brought the Bill for Manipur’s budget, the Opposition did not… pic.twitter.com/VezIObQ1YK
— Nirmala Sitharaman Office (@nsitharamanoffc) December 2, 2025
वित्त मंत्री ने कहा कि विपक्ष की भूमिका जिम्मेदारी से भरी होती है और जिस राज्य की वह बार-बार बात कर रहा है, उस राज्य से संबंधित बजट या कानून के पारित होने के समय उसे चर्चा में शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष मगरमच्छ के आंसू बहा रहा है। जब मणिपुर से संबंधित महत्वपूर्ण विधेयक आता है तो वे भाग जाते हैं, चर्चा में भाग नहीं लेते।’’
मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कुछ अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के बीच इस विधेयक पर चर्चा शुरू हुई। बाद में विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। मणिपुर में इस समय राष्ट्रपति शासन लागू है।




