Friday, November 7, 2025
HomePush NotificationSri Krishna Janmabhoomi Case : श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में 12...

Sri Krishna Janmabhoomi Case : श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में 12 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई, हिंदू पक्ष ने रखी ये बड़ी मांग

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में अगली सुनवाई 12 दिसंबर 2025 तय की। न्यायमूर्ति अविनाश सक्सेना ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनते हुए लंबित आवेदनों पर जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया। हिंदू पक्ष ने ईदगाह ढांचा हटाकर मंदिर पुनर्निर्माण की मांग से जुड़े 18 वाद दाखिल किए हैं। अदालत पहले ही इन मुकदमों को सुनवाई योग्य घोषित कर चुकी है।

Sri Krishna Janmabhoomi Case : प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में शुक्रवार को सुनवाई के बाद अगली तिथि 12 दिसंबर, 2025 तय की। न्यायमूर्ति अविनाश सक्सेना ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अगली तिथि तय की। चूंकि, इस मामले की पूर्व में सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में बैठ रहे हैं, इस मामले को न्यायमूर्ति सक्सेना के लिए नामित कर दिया गया है।

न्यायमूर्ति अविनाश सक्सेना ने शुक्रवार को दस्तावेजों का सत्यापन किया और दोनों पक्षों के वकीलों को लंबित आवेदनों पर अपने जवाब दाखिल करने को कहा। साथ ही उन्होंने उन मामलों में लिखित जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया, जहां लिखित जवाब दाखिल नहीं किया गया है। इससे पूर्व, 16 अक्टूबर को अदालत ने कहा था, यह रिकॉर्ड स्थूल है। पक्षकार सभी लंबित आवेदनों में आपत्तियां दाखिल कर सकते हैं ताकि इन आवेदनों पर जल्द निर्णय किया जा सके। कार्यालय को सामान्य नियम (दीवानी) के मुताबिक फाइल को पुनः व्यवस्थित कर उसे क्रमवार रखने का निर्देश दिया जाता है।

उल्लेखनीय है कि हिंदू पक्ष ने शाही ईदगाह मस्जिद का ढांचा हटाने के बाद जमीन का कब्जा लेने और मंदिर का पुनर्निर्माण करने के लिए 18 वाद दाखिल किए हैं।इससे पूर्व, एक अगस्त, 2024 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हिंदू पक्षों द्वारा दायर इन मुकदमों की पोषणीयता (सुनवाई योग्य) को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी।

अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि ये मुकदमे समय सीमा, वक्फ अधिनियम और पूजा स्थल अधिनियम, 1991 से बाधित नहीं हैं। पूजा स्थल अधिनियम 15 अगस्त, 1947 को मौजूद किसी भी धार्मिक ढांचे को परिवर्तित करने से रोकता है। यह विवाद मथुरा में मुगल सम्राट औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा है जिसे कथित तौर पर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म स्थान पर एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाया गया है।

Mukesh Kumar
Mukesh Kumarhttps://jagoindiajago.news/
समाचार लेखन की दुनिया में एक ऐसा नाम जो सटीकता, निष्पक्षता और रचनात्मकता का सुंदर संयोजन प्रस्तुत करता है। हर विषय को गहराई से समझकर उसे आसान और प्रभावशाली अंदाज़ में पाठकों तक पहुँचाना मेरी खासियत है। चाहे वो ब्रेकिंग न्यूज़ हो, सामाजिक मुद्दों पर विश्लेषण या मानवीय कहानियाँ – मेरा उद्देश्य हर खबर को इस तरह पेश करना है कि वह सिर्फ जानकारी न बने बल्कि सोच को भी झकझोर दे। पत्रकारिता के प्रति यह जुनून ही मेरी लेखनी की ताकत है।
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular