जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का स्वागत किया है जिसमें उसने कोविड-19 में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले चिकित्सकों को ‘पीएमजीकेवाई’ के तहत बीमा का हकदार बताया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह कोरोना से जान गंवाने वाले अन्य सभी वर्गों के कार्मिकों को भी इस पैकेज में शामिल कर उन्हें न्याय दे।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोविड के दौरान सेवा देते हुए जान गंवाने वाले प्राइवेट डॉक्टर्स को केंद्र की बीमा योजना के तहत 50 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्णय स्वागतयोग्य है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 12, 2025
राजस्थान में हमारी कांग्रेस सरकार ने 'कोरोना वॉरियर्स' के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए न केवल डॉक्टर्स, बल्कि…
केंद्र की बीमा योजना के तहत 50 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्णय स्वागतयोग्य : गहलोत
गहलोत ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’पर एक पोस्ट में कहा कि उच्चतम न्यायालय का कोविड के दौरान सेवा देते हुए जान गंवाने वाले निजी चिकित्सकों को केंद्र की बीमा योजना के तहत 50 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्णय स्वागतयोग्य है। उन्होंने कहा, राजस्थान में हमारी (तत्कालीन) कांग्रेस सरकार ने ‘कोरोना वॉरियर्स’ के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए न केवल डॉक्टर, बल्कि पुलिस, सरकारी कर्मियों, संविदाकर्मियों, पत्रकारों, सफाई कर्मचारियों व राशन डीलरों तक को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया था जिनकी कोविड में सेवा करते हुए जान चली गई।
पूर्व मुख्यमंत्री क अनुसार न्यायालय के इस फैसले ने केन्द्र सरकार को भी अपनी योजना पर पुनर्विचार करने का एक अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से आग्रह है कि वह भी राजस्थान की तर्ज पर योजना का दायरा बढ़ाए और कोविड में जान गंवाने वाले अन्य सभी वर्गों के कार्मिकों को भी इस पैकेज में शामिल कर उन्हें न्याय दे। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान कर्तव्य निभाते हुए जान गंवाने वाले चिकित्सकों के परिवार ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ (पीएमजीकेवाई) के तहत 50 लाख रुपये के बीमा कवरेज के हकदार हैं। न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के उस फैसले को रद्द कर दिया जिसमें यह कहा गया था कि निजी चिकित्सक के परिवार सरकार की बीमा योजना के तहत लाभ के हकदार नहीं हैं।




