Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोमवार को मतदाता सूची को लेकर हमला बोला है। उन्होंने मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण की खामियां गिनाईं है। पटना में पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की उपस्थति में प्रेस प्रतिनिधयों को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार में वोटबंदी की साजिश रची जा रही है। चुनाव आयोग कन्फ्यूज है, उन्होंने कहा कि मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण कार्य रोका जाना चाहिए।
तेजस्वी यादव का चुनाव आयोग पर हमला
तेजस्वी यादव ने बिहार के चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि आयोग अब निर्णय लेने की स्थिति में नहीं रहा है और केवल ‘पोस्ट ऑफिस’ की तरह काम कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग न तो विपक्ष के सवालों का जवाब दे रहा है और न ही जनता की शंकाओं को दूर करने की कोशिश कर रहा है। तेजस्वी ने कहा, अब तक एक भी सवाल का स्पष्ट जवाब नहीं मिला है। हर घंटे नए नियम-निर्देश जारी हो रहे हैं, जिससे भ्रम की स्थिति बनी हुई है। चुनाव आयोग की भूमिका निष्पक्ष फैसले लेने की होनी चाहिए, लेकिन अब यह सिर्फ कागज पर काम करने वाली संस्था बनकर रह गई है।
तेजस्वी ने कहा, अब तक एक भी सवाल का स्पष्ट जवाब नहीं मिला है। हर घंटे नए नियम-निर्देश जारी हो रहे हैं, जिससे भ्रम की स्थिति बनी हुई है। चुनाव आयोग की भूमिका निष्पक्ष फैसले लेने की होनी चाहिए, लेकिन अब यह सिर्फ कागज पर काम करने वाली संस्था बनकर रह गई है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार चुनाव आयोग के विज्ञापन और ज्ञापन में अंतर है। यह आदेश शंका पैदा कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि यह नियोजित तरीके से करवाया जा रहा है। आयोग बड़ी-बड़ी बातें कर रहा है, पर हकीकत एकदम अलग है।
बिहार चुनाव तक विशेष गहन पुनरीक्षण पर रोक लगाई जाए: तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने निर्वाचन आयोग से सोमवार को आग्रह किया कि बिहार में विधानसभा चुनाव होने तक मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य पर रोक लगाई जानी चाहिए। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यादव ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सहयोगियों की उपस्थिति में यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह मांग की। पूर्व उपमुख्यमंत्री यादव ने दावा किया, इस कवायद को चुनावों तक रोक देना चाहिए। निर्वाचन आयोग को बूथ स्तर के अपने अधिकारियों से बात करनी चाहिए, जिन्हें डेटा एकत्र करते समय मतदाताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड और मनरेगा जॉब कार्ड, जो अधिकतर लोगों के पास उपलब्ध हैं, को स्वीकार्य पहचान प्रमाण की सूची से बाहर रखे जाने से लोगों को काफी असुविधा हो रही है।
यादव ने कहा, यह हैरान करने वाली बात है कि आधार कार्ड, जो बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद बनाए जाते हैं और जिन्हें निर्वाचन आयोग संबंधित मतदाता पहचान पत्रों से जोड़ने का इरादा रखता है, उन्हें स्वीकार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने निर्वाचन आयोग से इस प्रक्रिया के अंतर्गत आने वाले मतदाताओं का विधानसभा क्षेत्रवार ब्योरा दैनिक आधार पर जारी करने को कहा। उन्होंने यह भी मांग की कि उन ‘स्वयंसेवकों’ का ब्योरा प्रकाशित किया जाए जो निर्वाचन आयोग की अधिसूचना के अनुसार बीएलओ की सहायता कर रहे हैं। यादव ने कहा, किसी व्यक्ति को स्वयंसेवक के रूप में स्वीकार करने के पीछे क्या मानदंड है, इसका भी खुलासा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, हम निर्वाचन आयोग के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाते रहे हैं। हमने समय पर हस्तक्षेप के लिए उच्चतम न्यायालय का भी रुख किया है।