Friday, July 18, 2025
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Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव ने 35 लाख मतदाताओं के पते पर नहीं मिलने के निर्वाचन आयोग के दावे को खारिज किया

राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान 35 लाख मतदाताओं के पते पर नहीं मिलने के निर्वाचन आयोग के दावे को खारिज किया। उन्होंने आयोग पर भाजपा के निर्देश पर दुष्प्रचार करने और मतदाता नाम हटाने का आरोप लगाया। तेजस्वी ने प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि गलत नाम कटने से नागरिकों के अधिकार प्रभावित हो सकते हैं।

Bihar Election 2025 : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को बिहार में मतदाता सूची के जारी विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान 35 लाख से ज्यादा मतदाताओं के अपने पंजीकृत पतों पर नहीं मिलने के निर्वाचन आयोग के दावे को खारिज कर दिया।नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक ‘प्रकोष्ठ’ बन गया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर दुष्प्रचार कर रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में निर्वाचन आयोग ने बुधवार को जारी एक बयान में दावा किया गया कि आयोग को बिहार में 7.9 करोड़ मतदाताओं में से लगभग सात करोड़ लोगों द्वारा जमा किए गए गणना प्रपत्र प्राप्त हुए हैं। ‘अपने पंजीकृत पतों पर नहीं पाए गए’ मतदाताओं की कुल संख्या 35.69 लाख है।

तेजस्वी ने दावा किया, हमें जानकारी मिली है कि आयोग को सत्तारूढ़ दल से 15 प्रतिशत तक मतदाताओं के नाम हटाने के निर्देश मिल रहे हैं। नदी किनारे वाले इलाकों में रहने वाले लोग विशेष रूप से असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा, हम पुनरीक्षण का विरोध कर रहे हैं लेकिन निर्वाचन आयोग अपने दुष्प्रचार के जरिए बिहार में जो हासिल करने की कोशिश कर रहा है, वह खतरनाक है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि एक बार विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए इन मतदाता सूचियों में हेरफेर हो गया, तो इसका असर बाद में होने वाले पंचायत चुनावों पर भी पड़ेगा।

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने आयोग के पुनरीक्षण के दावे पर भी सवाल उठाया। पुनरीक्षण के लिए 25 जुलाई की समय सीमा तय की गई है और यह काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। तेजस्वी ने दावा किया कि ‘करीब 15 दिन पहले तक हजारों मतदान केंद्र ऐसे थे, जहां कोई बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) नहीं था। राजद नेता ने एक वीडियो साझा करते हुए आरोप लगाया गया कि बीएलओ को समय सीमा पूरी करने के लिए मतदाताओं की ओर से फॉर्म भरने और हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया है। पटना जिले के फुलवारी शरीफ इलाके के बताये जा रहे इस वीडियो को जिला प्रशासन ने ‘फर्जी’ और ‘भ्रामक’ करार दिया है।

राजद नेता ने आयोग से यह भी जानना चाहा कि मतदाताओं के नाम काटने से पहले उन्हें उनके पंजीकृत पते से ‘स्थानांतरित’ घोषित करने के लिए वह कौन से ‘मानदंड’ अपनाएगा। तेजस्वी ने आरोप लगाया, हालांकि कुछ लोग मर चुके होंगे या स्थायी रूप से चले गए होंगे लेकिन ऐसे कई मतदाता बेहतर शिक्षा या नौकरी के अवसरों के लिए देश के दूसरे हिस्से में रहे होंगे। अगर उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाते हैं, तो उन्हें सरकारी सब्सिडी और अन्य लाभों से वंचित किया जा सकता है क्योंकि उनकी नागरिकता पर ही सवाल उठेंगे। उन्होंने मांग रखी, मतदाता सूची से किसी का भी नाम हटाने से पहले आयोग हमारे साथ सभी विवरण साझा करे। हम अपने स्तर पर जांच करवाएंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी भी व्यक्ति को गलत तरीके से मताधिकार से वंचित नहीं किया जाए।

राजद नेता ने यह भी कहा कि वह ‘देश भर के राजनेताओं’ को पत्र लिखकर इस मुद्दे की ओर उनका ध्यान आकर्षित करेंगे क्योंकि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू जैसे राजग सहयोगी ने भी इसपर चिंता जताई है जबकि हमारे अपने नीतीश कुमार चुप हैं। तेजस्वी ने कहा, मैं इस सप्ताह के अंत में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर होने वाली विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली भी जाऊंगा। मैं इस अवसर पर इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाऊंगा। तेजस्वी, राज्य में विपक्षी गठबंधन के समन्वय समिति के प्रमुख हैं। बिहार में कुछ महीने बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं।

Mukesh Kumar
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