Tamilnadu Stampede: तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (DGP) जी. वेंकटरमन ने रविवार को कहा कि करूर में अभिनेता विजय की जनसभा में हुई भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है. उन्होंने बताया कि विजय के कार्यक्रम स्थल पर देर से पहुंचने के कारण भीड़ बढ़ गई थी और तपती धूप में इंतजार कर रहे लोगों के पास न तो ठीक से कुछ खाने के लिए था और न ही पीने के लिए पानी.
अब तक 38 लोगों की मौत
DGP ने सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, यह बेहद दुखद है. ताजा जानकारी के अनुसार अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें 12 पुरुष, 16 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं. उन्होंने बताया कि विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) के आधिकारिक ‘एक्स’ खाते से यह जानकारी दी गई थी कि वह दोपहर 12 बजे सभा स्थल पर पहुंचेंगे, जिसके बाद वहां भारी भीड़ उमड़ पड़ी.
पुलिस ने बताया कैसे हुआ हादसा ?
तमिलनाडु पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘ दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक की अनुमति (सभा के लिए) मांगी गई थी. लेकिन टीवीके के ‘एक्स’ खाते पर बताया गया कि वह (विजय) 12 बजे आएंगे, जिससे सुबह 11 बजे से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी. विजय शाम 7 बजकर 40 मिनट पर पहुंचे. इस दौरान लोगों के पास तेज धूप में न तो खाना था और न ही पीने के लिए पानी. हमारा उद्देश्य किसी को दोष देना नहीं है, हम सिर्फ तथ्य सामने रख रहे हैं.’
अभिनेता की एक झलक पाने 27000 लोग पहुंचे
उन्होंने बताया कि एक स्थान पर विजय का स्वागत किया गया, जिससे बड़ी संख्या में लोग उनके पीछे चलने लगे जिसके बाद पुलिस ने विजय को सुरक्षित रूप से कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाया. डीजीपी ने कहा, विजय ने पुलिस की सराहना भी की. लेकिन भीड़ लगातार बढ़ती रही. आयोजकों ने लगभग 10,000 लोगों के आने की उम्मीद जताई थी, लेकिन अभिनेता की एक झलक पाने के लिए करीब 27,000 लोग पहुंच गए. पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था लगभग 20,000 लोगों की भीड़ के अनुमान के आधार पर की गई थी.
सिर्फ 500 पुलिसकर्मी ही क्यों तैनात किए थे ?
डीजीपी से पूछा गया कि क्या बंदोबस्त ड्यूटी पर ‘सिर्फ 500’ पुलिसकर्मी ही थे, तो उन्होंने कहा कि सभा स्थल सड़क पर था और अगर ज्यादा पुलिस तैनात की जाती तो लोगों के पास खड़े होने के लिए पर्याप्त जगह नहीं बचती. उन्होंने, स्पष्ट रूप से अन्नाद्रमुक का संदर्भ देते हुए कहा कि दो दिन पहले यहां एक ‘बड़ी पार्टी’ की बैठक हुई थी. यह पूछे जाने पर कि क्या ‘सुरक्षा में कोई चूक’ इस घटना का कारण बनी, उन्होंने कहा कि सरकार ने इसकी जांच के लिए एक जांच आयोग गठित करने की घोषणा की है.
उन्होंने बताया कि आयोजकों को भीड़ और उससे जुड़ी समस्याओं के बारे में पहले ही स्पष्ट रूप से सूचित कर दिया गया था. पुलिस केवल ‘अतिरिक्त सहायता’ के रूप में होती है और भीड़ में इस तरह की अचानक वृद्धि का पूर्वानुमान लगाकर पर्याप्त पुलिस बल तैनात करना हमेशा संभव नहीं होता. एडीजीपी (कानून और व्यवस्था) डेविडसन देवासिरवथम, तीन पुलिस महानिरीक्षक (आईजी), दो उप पुलिस महानिरीक्षक (डीआईजी), 10 पुलिस अधीक्षक (एसपी) और 2,000 पुलिसकर्मी करूर के लिए रवाना हो चुके हैं.