यूपी के कद्दावर दलित नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी और विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को अपना इस्तीफा भेजकर इसमें इसकी वजह भी बताई.इसके साथ ही उन्होंने विधान परिषद के सभापति को पत्र भेजकर परिषद की सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया,MLC पद छोड़ते हुए उन्होंने सभापति से इसे स्वीकार करने का अनुरोध किया. स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने दोनों इस्तीफे को सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म एक्स पर भी शेयर किया.
अखिलेश यादव पर बातचीत के लिए पहल नहीं करने का लगाया आरोप
अखिलेश यादव को भेजे इस्तीफे में उन्होंने लिखा,’आपके नेतृत्व में सौहार्दपूर्ण वातावरण में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ,किंतु 12 फरवरी को हुई वार्ता और 13 फरवरी को प्रेषित पत्र पर किसी भी प्रकार की वार्ता के लिए पहल नहीं करने के परिणामस्वरूप मैं समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी त्याग पत्र दे रहा हूं.’
सब फायदे के लिए भाग रहे: अखिलेश
एक दिन पहले ही अखिलेश ने मौर्य के महासचिव पद से इस्तीफा देने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था, ‘किस व्यक्ति के अंदर क्या चल रहा है, यह बात कोई नहीं जानता है. यहां हर कोई सिर्फ फायदे के लिए भाग रहा है.’ अखिलेश के इस बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था, ‘वे (अखिलेश) केंद्र या राज्य में पावर में नहीं हैं. वह कुछ देने की स्थिति में भी नहीं हैं. अब तक उन्होंने मुझे जो कुछ भी दिया है, मैं सबकुछ उन्हें वापस करूंगा. मेरे लिए विचारधारा ज्यादा मायने रखती है, पद नहीं. सभी वर्गों के अधिकार और उनका कल्याण मेरी प्राथमिकता है. अगर इन पर हमला किया जाएगा तो मैं आवाज जरूर उठाऊंगा.