नई दिल्ली। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता ने अपने बेटे के जीवन पर आधारित एक फिल्म की ऑनलाइन स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने से इनकार करने संबंधी आदेश के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा और न्यायमूर्ति धर्मेश शर्मा की पीठ ने एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ कृष्ण किशोर सिंह की अपील पर फिल्म निर्माताओं सहित कई लोगों को नोटिस जारी किया। सिंह ने अपने दिवंगत बेटे के जीवन पर फिल्म बनाकर उन पर अनुचित व्यावसायिक लाभ लेने का आरोप लगाया है।
राजपूत (34) मुंबई के उपनगरीय बांद्रा में 14 जून, 2020 को अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। एकल न्यायाधीश ने पिछले महीने राजपूत के पिता की अर्जी खारिज कर दी थी, जिन्होंने दावा किया था कि फिल्म न्याय: द जस्टिस एक ऑनलाइन मंच पर प्रसारित की जा रही है और इसमें मानहानिकारक बयान और समाचार आलेख हैं और यह सुशांत सिंह राजपूत के व्यक्तित्व अधिकारों का उल्लंघन करती है। अपीलकर्ता की ओर से पेश वकील वरुण सिंह ने गुरुवार को दलील दी कि दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत (SSR) के व्यक्तित्व अधिकारों का उल्लंघन होने के अलावा, उनके जीवन पर आधारित फिल्म परिवार के सदस्यों की गोपनीयता का भी उल्लंघन करती है, जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।
फिल्म के निर्माताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद निजता के अधिकार का दावा नहीं किया जा सकता है। अदालत ने कहा कि मामला विचाराधीन है और प्रतिवादियों से अपील पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा। राजपूत के पिता ने अपील में कहा है कि कई लोग उचित सहमति के बिना SSR के जीवन पर आधारित फिल्में, वेब-सीरीज और किताबें आदि लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने दिवंगत बेटे की प्रतिष्ठा, गोपनीयता और अधिकारों की रक्षा करने का पूर्ण अधिकार है, साथ ही उन्हें अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की प्रतिष्ठा, गोपनीयता और अधिकारों की रक्षा करने का भी पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि एकल न्यायाधीश ने अंतरिम राहत के अनुरोध संबंधी अर्जी को खारिज करते हुए कानून की अवहेलना की है।
एकल न्यायाधीश ने 11 जुलाई को व्यवस्था दी थी कि मौजूदा प्रकरण में अंतरिम राहत का कोई मामला नहीं बनता, क्योंकि वादी ने गोपनीयता, प्रचार और व्यक्तित्व के विरासत में मिले अधिकारों की रक्षा करने का अनुरोध किया था, जो सुशांत सिंह राजपूत में निहित थे, जो अब जीवित नहीं हैं। उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ ने 2021 में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए कोई भी निर्देश पारित करने से इनकार कर दिया था। इस मामले में अगली सुनवाई 16 नवंबर को होगी।