SC on Udaipur Files: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स- कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ की रिलीज से जुड़ा मामला दिल्ली उच्च न्यायालय को भेज दिया है. और याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट में दलीलें देने को कहा गया है. साथ ही हाईकोर्ट को कहा है कि वो सोमवार को इस मामले में सुनवाई करे. वहीं फिल्म निर्माता ने शीर्ष अदालत से अपनी याचिका वापस ले ली है.
सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म निर्माताओं को हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी है. अदालत ने स्पष्ट किया कि सेंट्रल कमेटी के आदेश के बाद यह याचिका अब निरर्थक हो गई है. इस फैसले के साथ शीर्ष अदालत ने यह संकेत दिया कि अब मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं रह गई है.
अदालत ने कही ये बात
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने फिल्म निर्माता के वकील से कहा, “इन तमाम विवादों ने आपकी फिल्म को अच्छी-खासी पब्लिसिटी दिला दी है.” उन्होंने आगे कहा कि “जितनी ज़्यादा चर्चा होगी, उतने ज्यादा लोग फिल्म देखने आएंगे. मुझे नहीं लगता कि आपको कोई नुकसान होने वाला है.”
दरअसल, फिल्म निर्माता की ओर से वकील गौरव भाटिया ने दलील दी थी कि “सेंसर बोर्ड और सरकार की मंजूरी मिलने के बावजूद, मेरा जीवन भर का निवेश बर्बाद हो गया है.’ इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने स्पष्ट किया, “हम इस समय कोई स्थगन आदेश (स्टे) नहीं दे रहे हैं. इस पर उच्च न्यायालय विचार करेगा।”
क्या था कन्हैयालाल मर्डर केस ?
उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की जून 2022 में कथित तौर पर मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस ने हत्या कर दी थी. हमलावरों ने बाद में एक वीडियो जारी किया था जिसमें दावा किया गया था कि पूर्व भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) नेता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के बाद उनके समर्थन में दर्जी कन्हैया लाल शर्मा के सोशल मीडिया खाते पर कथित तौर पर साझा किए एक पोस्ट के जवाब में उसकी हत्या की गई थी.
इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने की थी और आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के अलावा कठोर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था. यह मुकदमा जयपुर की विशेष एनआईए अदालत में लंबित है.
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